Monday, 17 February 2025

नहीं रहे “चिटठी आई है” गाने वाले भजन सम्राट पंकज उधास, जानिए उनके जीवन से जुड़े दिलचस्प किस्से

Pankaj Udhas Death : भजन सम्राट कहें या आवाज का जादूगर पंकज उधास अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं। मात्र…

नहीं रहे “चिटठी आई है” गाने वाले भजन सम्राट पंकज उधास, जानिए उनके जीवन से जुड़े दिलचस्प किस्से

Pankaj Udhas Death : भजन सम्राट कहें या आवाज का जादूगर पंकज उधास अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं। मात्र 72 साल की उम्र में पंकज उधास का आज निधन हो गया। हर दिल को छूने वाले गीत “चिटठी आई है” गाकर प्रसिद्धि की बुलंदी छूने वाले पंकज उधास के जीवन से जुड़े कुछ रोचक किस्से आज हम आपको विस्तार से बता रहे हैं। पूरी दुनिया में पंकज उधास के चाहने वाले गमजदा आंखों से आज अपने लाडले भजन सम्राट को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

Pankaj Udhas Death

नहीं रहे पंकज उधास

पंकज उधास की बेटी नायाब उधास ने प्रसिद्ध सिंगर पंकज उधास के निधन की खबर दी है। नायाब उधास ने बताया है कि पदमश्री पंकज उधास अब हमारे बीच नहीं रहे। आज 26 फरवरी को अस्पताल में उनका निधन हो गया। पिछले 10 दिनों से पंकज उधास अस्पताल में भर्ती थे। मंगलवार को धार्मि रीति-रिवाज के अनुसार पंकज उधास का अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसी के साथ “चिटठी आई है” गाने वाली आवाज हमेशा के लिए बंद हो जाएगी।

पंकज उधास का जीवन परिचय –

गजल गायक पंकज उधास (Gazal singer Pankaj Udhas) का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के राजकोट के जेतपुर नवागढ़ में हुआ था। तीन भाइयों में सबसे छोटे पंकज उधास के पिता का नाम केशुभाई उधास और मां का नाम जीतूबेन उधास है। पंकज उदास की ही तरह उनके दोनों बड़े भाई भी ग़ज़ल गायक के रूप में जाने जाते हैं।

कैरियर की शुरुआत –

पंकज उधास के बड़े भाई मनहर उधास रंगमंच अभिनेता थे। इन्हीं की मदद से पंकज संगीत की दुनिया में आए। सबसे पहले इन्होंने रंगमंच गायक के रूप में संगीत की दुनिया में कदम रखा। भारत चीन युद्ध के दौरान इन्होंने स्टेज पर ‘ ए मेरे वतन के लोगों’ गीत गाया जो दर्शकों को काफी पसंद आया और इन्हें इनाम के तौर पर ₹51 दिए गए।

इसके बाद इन्होंने राजकोट में संगीत नाटक एकेडमी में दाखिला लिया और वहां पर तबला बजाना सीखा। सेंट जेवियर्स कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद इन्होंने एक ‘बार’ में भी काम किया। इस बीच ये अपनी गायकी का अभ्यास भी किया करते थे।

बॉलीवुड में इनकी गायकी की शुरुआत साल 1972 में आई फिल्म कामना के जरिए हुई जिसमें उन्होंने पहली बार अपनी आवाज दी। हालांकि अभी इनका संघर्ष खत्म नहीं हुआ था। ग़ज़ल गायकी में रुचि होने की वजह से इन्होंने उर्दू भाषा भी सीखी। बाद में यह कनाडा गए जहां पर छोटे-मोटे कार्यक्रमों में ग़ज़ल गायकी किया करते थे।

साल 1980 में इनके ग़ज़ल का एक एल्बम ‘आहट’ रिलीज हुआ जो काफी सफल हुआ। इसके बाद एक के बाद एक इन्होंने कई खूबसूरत ग़ज़ल गाए और इंडस्ट्री के जाने-माने ग़ज़ल गायक बन गए। इनके द्वारा गाया हुआ गज़ल ‘चिट्ठी आई है” काफी पॉपुलर हुआ है।

संगीत की दुनिया में पंकज उधास ने जीते हैं कई अवार्ड –

संगीत की दुनिया में पंकज उधास (Pankaj Udhas Award in singing career) ने कई अवार्ड अपने नाम किए हैं। साल 2006 में इन्हें पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। इसके अलावा संगीत की दुनिया में गायकी को मिलने वाले अवार्ड के एल सहगल अवार्ड से भी इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। साल 1985 से लेकर 2006 तक इन्होंने कई पुरस्कार जीते हैं।

पंकज उधास (Pankaj Udhas) की लव लाइफ –

गजल सम्राट पंकज उदास की प्रेम कहानी के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। जब यह ग्रेजुएशन में थे तभी अपनी पड़ोसन पर दिल हार बैठे थे। पारसी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली इनकी पड़ोसन का नाम फरीदा था, जो पेशे से एक एयर होस्टेस थी। इनके परिवार को इस रिश्ते से कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन फरीदा के घरवालों को यह रिश्ता मंजूर नहीं था।

अपने रिश्ते की सिफारिश लेकर पंकज फरीदा के पिता जो एक रिटायर्ड पुलिस अफसर थे उनके पास पहुंचे। फरीदा के पिता ने कहा -“अगर तुम्हें लगता है कि तुम दोनों एक साथ खुश रहोगे तो आगे बढ़ो और शादी कर लो।” फिर क्या था पंकज उधास ने बिना कुछ सोचे आगे बढ़कर फरीदा का हाथ हमेशा के लिए थाम लिया। आज ये अपनी पत्नी और दो बेटियों नायब और रेवा के साथ खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं। Pankaj Udhas Death

‘कि घुंघरू टूट गए’ नहीं रहे….. गजल सम्राट पंकज उधास

ग्रेटर नोएडा – नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।

देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुक  पर लाइक करें या  ट्विटर  पर फॉलो करें।

Related Post