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Parliament : संसद में गतिरोध जारी : हंगामे के बीच राज्यसभा में ​बिना चर्चा के विधेयक पारित

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Deadlock continues in Parliament: Bill passed without discussion in Rajya Sabha amid uproar

नई दिल्ली। अडाणी मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग पर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल के सदस्यों ने संसद के दोनों सदनों में आज भी हंगामा किया। इससे लोकसभा एवं राज्यसभा दोनों सदनों को एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजकर पांच मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा में हंगामे के बीच ही प्रतिस्पर्धा (संशोधन) विधेयक को बिना चर्चा के मंजूरी दी गयी। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। दोनों सदनों की अगली बैठक अब बुधवार को होगी क्योंकि मंगलवार को महावीर जयंती के कारण अवकाश है।

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लोकसभा ने दी दो सदस्यों को श्रद्धांजलि

लोकसभा की बैठक आज पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होने पर वर्तमान सदस्य गिरीश भालचंद्र बापट और पूर्व सदस्य इनोसेंट को श्रद्धांजलि दी गयी। उनका पिछले दिनों निधन हो गया था। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बापट और इनोसेंट के निधन के बारे में सदस्यों को सूचित किया और दोनों के राजनीतिक जीवन का उल्लेख भी किया। सभा ने कुछ देर मौन रखकर बापट और इनोसेंट को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद बैठक दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गयी।

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लोकसभा में लगे ‘हमें चाहिए जेपीसी’ के नारे

दोपहर दो बजे बैठक शुरू हुई तो पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने आवश्यक दस्तावेज सभापटल पर प्रस्तुत कराए। इस दौरान कांग्रेस समेत विपक्ष के सदस्य आसन के पास आकर ‘हमें चाहिए जेपीसी’ के नारे लगाने लगे। अग्रवाल ने शोर-शराबा कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर जाने का आग्रह किया और कहा कि कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा हो जाए। कुछ काम हो जाए। इस तरह निरंतर बाधा उत्पन्न करना बिल्कुल उचित नहीं है। उन्होंने सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलाने में सहयोग देने का आग्रह करते हुए कहा कि सत्र समाप्ति की ओर है और कुछ विधायी कामकाज होने दें। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने बैठक करीब पांच मिनट बाद ही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।

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राज्यसभा में भी जेपीसी पर नेताओं की जमकर नारेबाजी

राज्यसभा में सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाना शुरू किया। इस बीच विपक्षी सदस्यों ने अडाणी समूह से जुड़े मुद्दे की जांच के लिए जेपीसी गठित करने की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे सहित कांग्रेस के कई सदस्य काले कपड़े पहन कर सदन में आए थे। कुछ सदस्यों ने केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी से, कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर की गई उनकी टिप्पणी के लिए माफी की मांग को लेकर नारे लगाए। इस दौरान पुरी सदन में उपस्थित थे। हंगामे के कारण सभापति ने बैठक शुरू होने के करीब तीन मिनट के भीतर ही इसे दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया।

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धनखड़ ने दी राज्यसभा दिवस की शुभकामनाएं

अपराह्न दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही दोबारा आरंभ हुई, सभापति जगदीप धनखड़ ने सदस्यों को राज्यसभा दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा कि सदन चर्चा, बहस और विचार विमर्श के लिए है ना कि व्यवधान और हंगामे के लिए। उन्होंने सदस्यों से अपील की कि वे सदन की कार्यावाही सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करें और सदन की गरिमा सुनिश्चित करें।

बिना चर्चा ही पास हो गया विधेयक

सभापति ने इसके बाद ‘प्रतिस्पर्धा संशोधन विधेयक, 2022’ पेश करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का नाम पुकारा। इसी दौरान विपक्षी सदस्यों ने अडाणी मुद्दे की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे के बीच ही इस विधेयक को बिना चर्चा के ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई। इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने करीब दो बजकर पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। गौरतलब है कि 13 मार्च से शुरू हुए बजट सत्र के दूसरे चरण में विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण उच्च सदन में लगातार गतिरोध बना हुआ है। दूसरे चरण में जम्मू कश्मीर के बजट और वित्त विधेयक 2023 को भी हंगामे के कारण बिना चर्चा के ध्वनिमत से पारित किया गया। बजट सत्र का दूसरा चरण छह अप्रैल तक चलने का कार्यक्रम है।

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