Monday, 17 February 2025

बाबा रामदेव को सुप्रीम चेतावनी, बन्द करो फर्जी प्रचार

बहुत ही सख्‍त लहजे में चेतावनी दी है कि अगर वो इस प्रकार के भ्रामक प्रचार वाले विज्ञापन बंद नहीं करता है तको उस पर सख्‍त कार्रवाई की जाएगी

बाबा रामदेव को सुप्रीम चेतावनी, बन्द करो फर्जी प्रचार

Patanjali Ayurved News सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक निर्णय से पतंजलि समूह का होश उड़ा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने एक निर्णय में बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurved) को एलोपैथिक दवाइयों को लेकर पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों के लिए कड़ी फटकार लगाई है। और बहुत ही सख्‍त लहजे में चेतावनी दी है कि अगर वो इस प्रकार के भ्रामक प्रचार वाले विज्ञापन बंद नहीं करता है तको उस पर सख्‍त कार्रवाई की जाएगी।

 लग सकता है एक करोड़ रुपये का जुर्माना

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने योग गुरू बाबा रामदेव की पतंजलि को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनके उत्पादों को लेकर इसी तरह के भ्रामक विज्ञापनों का प्रसारण जारी रहेगा तो उन पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लग सकता है। इससे पतंजलि समूह को करारा झटका लगा है।

भ्रामक विज्ञापन से बचने की सलाह

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि पतंजलि आयुर्वेद को भविष्य में इस तरह के भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने से बचना चाहिए। पतंजलि को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह प्रेस में इस तरह के बयान देने से दूरी बनाकर रखेगा। नहीं तो कोर्ट कार्रवाई करने को मजबूर होगी।

Patanjali Ayurved News in hindi

एलोपैथी बनाम आयुर्वेद की बहस न बनने दें

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने पतंजलि आयुर्वेद को निर्देश दिया कि भविष्य में ऐसा कोई विज्ञापन प्रकाशित नहीं करेगा और यह भी सुनिश्चित करेगा कि प्रेस में उसके ओर से इस तरह के कैजुअल स्टेटमेंट नहीं दिए जाएं। कोर्ट ने इसके साथ ही इस मुद्दे को एलोपैथी बनाम आयुर्वेद की बहस नहीं बनाने की भी हिदायत दी है। कोर्ट ने यह निर्देश इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से दायर याचिका पर दिया है। इस याचिका में कहा गया था कि पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन से एलोपैथी दवाइयों की उपेक्षा हो रही है।  कोर्ट को आईएमए ने बताया कि पतंजलि के दावों की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है और ये ड्रग्स एंड अदर मैजिक रेडेमीड एक्ट 1954 और कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 जैसे कानूनों का सीधा उल्लंघन का मामला है।

क्या है मामला

पतंजलि आयुर्वेद ने अपने प्रोडक्ट कोरोनिल और स्वसारी को लेकर यह दावा किया था कि इससे कोरोना का इलाज किया जा सकता है। हालांकि पतंजलि के इस दावे के बाद कंपनी को आयुष मंत्रालय ने फटकार लगाई थी और इसके प्रमोशन पर तुरंत रोक लगाने को कहा था। जबकि पतंजलि ने ऐसा कुछ नहीं किया।

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