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Political : अप्पासाहेब धर्माधिकारी महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित

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Appasaheb Dharmadhikari honored with Maharashtra Bhushan Award

मुंबई। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को आध्यात्मिक नेता और सामाजिक कार्यकर्ता दत्तात्रेय नारायण उर्फ अप्पासाहेब धर्माधिकारी को ‘महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार’ से सम्मानित किया और कहा कि समाज सेवा की परंपरा को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाते हुए देखना बहुत दुर्लभ है।

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हेलीकॉप्टर से बरसाई गईं फूलों की पंखुड़ियां

रायगढ़ जिले के खारघर क्षेत्र में 306 एकड़ के विशाल मैदान में आयोजित भव्य समारोह में धर्माधिकारी के लाखों अनुयायियों ने भाग लिया। धर्माधिकारी, मंच पर मौजूद गणमान्य लोगों और समारोह में शामिल अन्य लोगों पर हेलीकॉप्टर से फूलों की पंखुड़ियां बरसाई गईं। वृक्षारोपण अभियान, रक्तदान और चिकित्सा शिविरों के साथ-साथ आदिवासी क्षेत्रों में नशामुक्ति कार्यों के कारण राज्य में बड़े पैमाने पर धर्माधिकारी के अनुयायी हैं। सम्मान समारोह का गवाह बनने के लिए आयोजन स्थल पर लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा थी। धर्माधिकारी के संगठन ‘श्री सदस्य’ के अनुयायियों के लिए ऑडियो/वीडियो सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गयी थीं।

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1995 में हुई थी ‘महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार’ की शुरुआत

शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन के सत्ता में आने पर 1995 में ‘महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार’ की शुरुआत की गई थी। शाह ने धर्माधिकारी को इस पुरस्कार से सम्मानित किया और उन्हें एक शॉल, एक प्रशस्ति पत्र और एक स्मृति चिह्न तथा 25 लाख रुपये का चेक प्रदान किया। धर्माधिकारी ने कहा कि उन्हें प्रदत्त 25 लाख रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष में दान किये जाएंगे। इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री कपिल पाटिल मौजूद थे।

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मैं इतिहास का छात्र रहा हूं : शाह

शाह ने कहा कि मैं इतिहास का छात्र रहा हूं। मैंने कुछ परिवारों को शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा करते देखा है, जबकि कुछ परिवार एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक व्यापार कौशल में अच्छे हैं, लेकिन मैंने अप्पासाहेब धर्माधिकारी और उनके पिता स्वर्गीय नानासाहेब में समाज सेवा का दुर्लभ भाव देखा है, जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में प्रवाहित हो रहा है। उन्होंने कहा कि अप्पासाहेब धर्माधिकारी को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार देना महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री फडणवीस की एक उपयुक्त पसंद थी। उन्होंने कहा कि सही व्यक्ति को सम्मानित कर महाराष्ट्र सरकार ने पुरस्कार को काफी ऊंचाई प्रदान की है। शाह ने यह भी कहा कि उन्होंने किसी व्यक्ति को उसकी समाजसेवा के लिए सम्मानित किये जाने के अवसर पर इतनी बड़ी उपस्थिति कभी नहीं देखी और इस तरह का सम्मान प्रचार-प्रसार के बिना त्याग से ही मिलता है।

भीड़ के पीछे मत भागो

उन्होंने कहा कि भीड़ के पीछे मत भागो, बल्कि कुछ ऐसा करो कि भीड़ तुम्हारे पीछे भागे और कहे कि तुमने सही काम किया है। धर्माधिकारी ने उस समय अच्छा काम किया, जब राष्ट्र को उनकी टीम के माध्यम से उनकी सेवाओं की आवश्यकता थी, इसलिए उन्हें पद्म पुरस्कार दिया गया। उन्होंने कहा कि यही एकमात्र परिवार है, जहां दो सदस्यों को यह सम्मान (महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार) मिला है। शाह का स्वागत मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने किया। केंद्रीय गृहमंत्री को एक शॉल और भगवान राम की मूर्ति भेंट की गयी।

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राजनीतिक की तुलना में आध्यात्मिक शक्ति अधिक महत्वपूर्ण

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राजनीतिक शक्ति की तुलना में आध्यात्मिक शक्ति अधिक महत्वपूर्ण है और यह एक व्यक्ति को बेहतर काम करने की ऊर्जा देती है। शिंदे खुद धर्माधिकारी के संगठन के सदस्य भी हैं। शिंदे ने कहा कि वह जब भी शाह से मिलते हैं, उन्हें ऊर्जा मिलती है। उन्होंने कहा कि आज एक बार फिर उनमें (शिंदे में) ऐसी ऊर्जा और संघर्ष करने की शक्ति आ गई है।

देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार धर्माधिकारी को पुरस्कृत करके सम्मानित महसूस कर रही है और धर्माधिकारी और उनके कार्यों के प्रति आभार व्यक्त करती है। फडणवीस ने कहा कि धर्माधिकारी के संगठन के काम को ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में जगह मिली है।

धर्माधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि पुरस्कार हमेशा बड़ा होता है, जो यह प्रदर्शित करता है कि काम की सराहना हुई है। उन्होंने कहा कि चाहे लोग आसपास हों, या नहीं, लेकिन काम, जो उनका संगठन कर रहा है, जारी रहेगा। काम सर्वोच्च है और हमेशा के लिए जारी रहेगा। हमारा प्रयास सभी के दिलों में मानवता के महत्व को जगाना है।

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