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Political News : तिरंगा यात्रा के नाम पर देश में दंगे करवा सकती है भाजपा : अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने शुक्रवार को बड़ा बयान देकर सियासी गलियारे में हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा, ‘मैं आगाह करना चाहता हूं कि भाजपा तिरंगा यात्रा (tricolor tour) के नाम पर दंगे भी करवा सकती है। हम सभी ने देखा कि कासगंज में क्या हुआ था। कैसे भाजपा (BJP) कार्यकर्ताओं ने तिरंगा यात्रा के नाम पर दंगे किए थे। उल्लेखनीय है कि कासगंज में मुस्लिम बहुल क्षेत्र में तिरंगा मोटर साइकिल रैली निकाल रहे युवकों के साथ झगड़े के बाद 26 जनवरी, 2018 को हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच हिंसा भड़क गई थी।

देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर घर तिरंगा अभियान का आह्वान किया है। पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से लोगों से सोशल मीडिया पर डिस्प्ले पिक्चर में तिरंगा लगाने की भी अपील की गई है, जिसका असर भी दिखाई दे रहा है।

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा हर घर तिरंगा अभियान चला रही है, लेकिन देश को यह एहसास करना होगा कि भाजपा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राजनीतिक शाखा है और हम इतिहास देखें तो आरएसएस ने वर्षों तक अपने स्थान पर तिरंगा झंडा नहीं लगाया था। उन्होंने महंगाई को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि मोदी सरकार नहीं चाहती कि लोग जन्माष्टमी मनाएं। भाजपा का महंगाई से कोई लेना देना नहीं है। उसने तो दूध और दही पर जीएसटी पर लगा दिए हैं। यदि कोई बाबा भोलेनाथ पर एक पैकेट दूध चढ़ाना चाहे तो उसे टैक्स यानि जीएसटी देना पड़ेगा। यह सरकार चाहती है कि लोग जन्माष्टमी ना मनाएं।

दरअसल, अखिलेश यादव समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्रा की जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करने जनेश्वर मिश्रा पार्क पहुंचे थे। यहां से उन्होंने राज्य की योगी सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य नहीं बन सकता है। पिछड़ी जाति के लोगों, दलितों और मुस्लिमों को भाजपा शासन में सबसे अधिक तकलीफ उठानी पड़ी है। अखिलेश यादव ने कहा कि जब उनकी पार्टी सत्ता में आएगी तो जाति आधारित जनगणना उत्तर प्रदेश में कराई जाएगी। जनेश्वर मिश्रा के बारे में उन्होंने कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन समाजवादी सिद्धातों पर जिया। उनके जैसा किसी अन्य ने समाजवाद के सिद्धातों को आत्मसात नहीं किया।

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