नागपुर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने दावा किया कि दोनों राज्यों के सीमा विवाद के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के ‘फर्जी’ ट्विटर हैंडल के मुद्दे पर महाराष्ट्र को गुमराह किया जा रहा है।
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विधान भवन परिसर में सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए चव्हाण ने पूछा कि महाराष्ट्र सरकार इस मामले में चुप क्यों है? उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य सरकार ‘फर्जी’ ट्विटर खाते के मुद्दे पर विवाद को खत्म करने में कर्नाटक की मदद कर रही है, जिससे ‘भड़काऊ टिप्पणियां’ की गईं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पिछले हफ्ते कहा था कि महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों का दावा करने वाले उनके कर्नाटक के समकक्ष के नाम से किए गए ट्वीट वास्तव में बोम्मई द्वारा पोस्ट नहीं किए गए थे।
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पिछले हफ्ते महाराष्ट्र और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों से दोनों राज्यों के बीच सीमा तनाव को कम करने के लिए मुलाकात करने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि शीर्ष नेताओं के नाम पर फर्जी ट्वीट ने भी इस मुद्दे को बढ़ाया है।
बेलगावी और उत्तरी कर्नाटक में आसपास के क्षेत्र पर महाराष्ट्र के दावों पर विवाद है। इन इलाकों में एक बड़ी मराठी भाषी आबादी रहती है। चव्हाण ने सोमवार को कहा कि ट्वीट में इस्तेमाल की गई भड़काऊ भाषा आपत्तिजनक है।
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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह स्पष्ट किया गया कि ट्विटर हैंडल फर्जी था। लेकिन, यह हैंडल जनवरी 2015 से सक्रिय था और ट्विटर द्वारा सत्यापित किया गया है। अब तक, कर्नाटक सरकार द्वारा लिए गए आधिकारिक फैसले उस हैंडल पर पोस्ट किए जाते हैं। उन्होंने पूछा, अगर ट्विटर हैंडल फर्जी था तो महाराष्ट्र से जुड़े ट्वीट क्यों नहीं हटाए गए और ट्विटर अकाउंट अब भी कैसे सक्रिय है? उन्होंने आरोप लगाया कि फर्जी ट्विटर हैंडल के मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार को गुमराह किया जा रहा है।
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चव्हाण ने कहा कि महाराष्ट्र का रुख हमेशा से ही ऐसा रहा है। उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री ‘भड़काऊ टिप्पणी’ करते हैं और इसका विरोध नहीं किया जाता। उन्होंने पूछा, ‘ऐसा लग रहा है कि फर्जी ट्विटर हैंडल पर विवाद को खत्म करने के लिए महाराष्ट्र सरकार कर्नाटक की मदद कर रही है। महाराष्ट्र सरकार इस पर नरम क्यों हो रही है?’