Site icon चेतना मंच

Political : सोमवार को पिघल सकती है संसद में जमीं गतिरोध की बर्फ, शाह के बयान से मिले संकेत

Political

Parliament ground deadlock may melt on Monday, indications from Shah's statement

– आर.पी. रघुवंशी

नई दिल्ली। संसद में ​गतिरोध कोई नई बात नहीं है। गतिरोध का पुराना इतिहास रहा है। लेकिन, अबकी जो गतिरोध है, वह बेहद खास है। दरअसल, इस गतिरोध में सिर्फ विपक्ष नहीं, सत्ता पक्ष भी शामिल है। विपक्ष अडानी मामले पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग पर अड़ा हुआ है। वहीं, सत्ता पक्ष ने राहुल गांधी के लंदन में दिए बयान पर माफी मांगने की जिद ठान रखी है। इस बीच, केंद्रीय गृहमंत्री के बयान से कुछ उम्मीद बंधी है। उनका कहना है कि दोनों पक्ष दो-दो कदम चलें तो सोमवार से संसद का कार्यवाही पर जमीं गतिरोध की बर्फ पिघल सकती है।

Advertising
Ads by Digiday

Political

बजट सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू हो चुका है, ​लेकिन अब तक संसद चल नहीं पाई है। सत्ता और विपक्ष दोनों के हंगामे के कारण संसद में गतिरोध बना हुआ है। दरअसल, अडानी समूह के बाबत हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष जेपीसी की मांग पर अड़ा हुआ है। लेकिन, सरकार इस पर राजी नहीं है। अडानी मामले पर सरकार काफी असहज है। संसद में मोदी—अडानी के रिश्ते को लेकर जमकर नारेबाजी हुई। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद दुनिया के तीसरे सबसे अमीर गौतम अडानी अब 40वें स्थान से भी नीचे पहुंच गए हैं। उन्हें 12 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक की चपत लग चुकी है। विपक्ष लगातार यह आरोप लगा रहा है कि पीएम मोदी अडानी के बचाने के लिए ढाल बनकर खड़े हो गए हैं। अभी हाल ही में ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक और रिपोर्ट से राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक अडानी की कंपनी को डिफेंस से संबंधित एक ठेका दिया गया है। उस कंपनी में मॉरिशस की गुमनाम कंपनी का 9000 करोड़ रुपया लगा है। लेकिन, किसी को नहीं पता है कि उस कंपनी का मालिक कौन है और उसे होने वाला लाभ किसके पास जाएगा। यह भी नहीं पता है कि यह पैसा किसका है। केंद्र की मोदी सरकार अडानी के मामले में बुरी तरह घिरी हुई है। उसे इस भंवर से निकलने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है।

Jewar Airport : जेवर एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण नहीं होने देंगे किसान : टिकैत

इस बीच, राहुल गांधी ने लंदन में स्थित आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित एक व्याख्यान में कहा कि भारत में लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। संवैधानिक संस्थाओं पर भी अनुचित दबाव है। इससे दुनिया के दूसरे देशों के लोकतंत्र को नुकसान हो सकता है।

Political

दरअसल, राहुल गांधी का यह बयान अडानी मुद्दे पर असहज भाजपा के लिए संजीवनी की तरह आया। पूरी पार्टी ने राहुल के इस बयान को अडानी मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए ढाल की तरह इस्तेमाल करने की रणनीति बनाई। भाजपा अब राहुल गांधी से माफी मांगने की जिद ठान ली है। देश के इतिहास में शायद यह पहली बार हो रहा है कि सत्ता पक्ष सदन में हंगामा कर कार्यवाही बाधित कर रहा है।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कहना है कि राहुल गांधी देश के खिलाफ काम कर रही टूलकिट का स्थायी हिस्सा बन गए हैं। वह भारत विरोधी अरबपति जॉर्ज सोरोस की भाषा बोल रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस को ही देशद्रोही करार दिया और कहा कि कांग्रेस नेता पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। राहुल गांधी को अपने इस गुनाह के लिए देश की जनता से माफी मांगनी होगी।

Greater Noida : नोएडा की वायरल ऑडियो ने उजागर किया पुलिस का दोहरा चरित्र, उठे सवाल

नड्डा के बयान पर कांग्रेस तमतमा गई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि भाजपा खुद राष्ट्र विरोधी टूलकिट का हिस्सा है। भाजपा ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन में कभी हिस्सा नहीं लिया, अंग्रेजों के लिए काम किया। इन लोगों को हमें देशभक्ति का पाठ पढ़ाने के बजाय खुद हमारी पार्टी से सीखने की जरूरत है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर संसद में हंगामा कर रही है और सदन नहीं चलने दे रही है। खरगे ने कहा कि पीएम मोदी ने खुद कई बार विदेशी धरती पर देश का अपमान किया है। मोदी ने छह-सात देशों में जाकर कहा कि लोग कहते हैं कि मैंने कौन सा पाप किया था कि भारत जैसे देश में पैदा हुआ।

इस बीच, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के एक बयान से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि संसद में व्याप्त गतिरोध की बर्फ पिघल सकती है। हालांकि इसके आसार बेहद कम हैं, क्योंकि अगर ‘सौदा’ हुआ तो भाजपा को जेपीसी का गठन करना पड़ सकता है, जो लगभग नामुमकिन सा दिखाई पड़ रहा है। लेकिन, शुक्रवार को इंडिया टुडे कांक्लेव में पूछे गए सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा कि इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। सत्ता और विपक्ष दोनों ही दो-दो कदम आगे बढ़ें तो गतिरोध दूर होने में कोई कठिनाई नहीं है।

देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें।

देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।

Exit mobile version