Up Election 2022: नोएडा में प्रचार करने आए छत्तीसगढ़ के CM के खिलाफ FIR, ये है पूरा मामला

Bhupesh baghel
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar16 Jan 2022 11:05 PM
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नोएडा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) को लेकर नोएडा (Noida News) से एक बड़ी खबर आई है। वहां कांग्रेस प्रत्याशी पंखुड़ी पाठक (Pankhuri Pathak) के समर्थन में वोट मांगने आए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। यह रिपोर्ट नोएडा के सेक्टर 113 थाने में दर्ज कराई गई है। रिपोर्ट नोएडा विधानसभा क्षेत्र के उप निर्वाचन अधिकारी व दादरी तहसील के उप जिलाधिकारी ने दर्ज कराई है। रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) को बाकायदा नामजद किया गया है। दरअसल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) नोएडा विधानसभा क्षेत्र (Noida Assembly Seat) से कांग्रेस की प्रत्याशी श्रीमती पंखुड़ी पाठक (Pankuri Pathak) के लिए प्रचार करने नोएडा आए थे। वे क्षेत्र के यादव बाहुल्य गांव सोरखा में घूम-घूमकर वोट मांग रहे थे। उनका कहना है कि मैं चुनाव आयोग (UP Election 2022) के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए घर-घर जाकर वोट मांग रहा था। UP assembly elections : जातीय गणित साधने को भाजपा ने अपनाया ये फार्मूला रिपोर्ट में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 तथा महामारी अधिनियम की धारा 270, 269 एवं 3/4 के तहत मामला दर्ज किया गया है। रिपोर्ट में नोएडा विधानसभा से कांग्रेस की प्रत्याशी पंखुड़ी पाठक (Pankhuri Pathak) समेत 150 लोगों को शामिल किया गया है।
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Archana Gautam हस्तिनापुर , यूपी से चुनाव लड़ेंगी ये मशहूर टीवी एक्ट्रेस

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archana gautam
locationभारत
userचेतना मंच
calendar14 Jan 2022 06:52 PM
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Archana Gautam : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी जोरों पर चल रही है। कांग्रेस ने अपने अधिकतम प्रत्याशियों की घोषणा भी कर दी हैं। कांग्रेस की महिला प्रत्याशियों की सूची में एक नाम सामने आया है अर्चना गौतम का। अर्चना गौतम को जनपद मेरठ की हस्तिनापुर विधानसभा सीट से कांग्रेस चुनाव लड़ा रही है।

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असल में अर्चना गौतम मशहूर एक्ट्रेस है और कई प्रमुख टीवी सीरियल तथा फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुकी है। पढ़ाई पूरी करने के बाद अर्चना एक्टिंग और मॉडलिंग में करियर बनाने के लिए मुंबई चली गई थीं।

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मेरठ में गंगानगर स्थित आईआईएमटी कॉलेज अर्चना गौतम मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई की है। अर्चना गौतम टीवी सीरियल साथ निभाना साथिया, कुबूल है, बुड्ढा, अकबर-बीरबल, और सीआईडी में काम कर चुकी हैं। उन्होंने टी-सीरीज़ के लिए निर्देशक अपूर्व लाखिया के साथ एक संगीत वीडियो के लिए भी शूटिंग की है।

Sofia Ansari इंटरनेट पर आग लगा रही ये हॉट स्टॉर, जानें कौन है ये स्टॉर

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अर्चना ने फिल्म हसीना पार्कर और फिर फिल्म बरोट कंपनी में भी काम किया। अर्चना गौतम सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती है और अपने फैंस के लिए खूबसूरत फोटोज पोस्ट करती रहती है।

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योगी, अखिलेश और प्रियंका गांधी की इस राजनीती से यूपी का एक फायदा तो तय है!

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UP Election 2022
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:19 AM
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बीजेपी के मंत्रियों, विधायकों के भागने के बीच दब गई यह खबर कांग्रेस (Congress) ने यूपी विधानसभा चुनाव (UP Election 2022 ) के लिए उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है जिसमें 125 में से 50 महिलाएं हैं। महिलाओं में भी 36% दलित महिलाएं हैं। सूची जारी करते हुए प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने कहा कि यह 'नई राजनीति' की शुरुआत है।

यूपी में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों और मंत्रियों की अन्य दलों में जाने की चर्चा के बीच यह खबर दब सी गई लेकिन, क्या यह सच में नई तरह की राजनीति की शुरुआत है?

इन 3 बदलावों के चलते राजनीति में बढ़ा महिलाओं का महत्व हाल ही में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा जारी नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में बताया गया कि भारत की जनसंख्या वृद्धि दर 2% हो गई है। यानी, भारत में महिलाएं औसतन दो शिशुओं को जन्म दे रही हैं। महिला साक्षरता दर में लगातार सुधार हो रहा है और महिलाओं के आत्मनिर्भर होने से भारत का सामाजिक ताना-बाना तेजी से बदल रहा है।

टीवी (TV) और इंटरनेट (Internet) के आने से देश और दुनिया के बारे में जानने के लिए अब घर से बाहर जाने की भी जरूरत नहीं रही। सूचना क्रांति ने भी ग्रामीण और खासतौर पर घरों मे रहने वाली महिलाओं को सशक्त बनाया है।

जिस दल ने सबसे पहले समझा, उसे मिला सबसे ज्यादा लाभ महिलाओं के राजनीतिक महत्व को समझने और महिला वोटरों को आकर्षित करने की राष्ट्रीय स्तर पर शुरुआत नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 2014 के लोकसभा चुनाव में की। चुनाव जीतने के बाद मोदी की सरकार ने 'उज्जवला योजना' (मुफ्त गैस कनेम्क्शन) और 'इज्जत घर' (शौचालय) के निर्माण को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश किया।

माना जाता है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के भारी जीत में महिला मतदाताओं ने बड़ी भूमिका अदा की। दूसरी बार चुनाव जीतने के बाद मोदी सरकार ने 'नल से जल योजना' पर सबसे ज्यादा काम किया है। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स तक ने सरकार की इस योजना की तारीफ की है।

केवल योजना बनाने नहीं, उसे लागू करने से हुआ फायदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) जनता की नब्ज पहचानते हैं। उन्हें पता है कि आज भी देश के बहुत बड़े तबके तक पीने के साफ पानी की पहुंच नहीं है। इस समस्या से सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है क्योंकि, पानी के लिए उन्हें घरों से दूर कुंओं, नदियों, पोखरों या तालाबों तक जाना पड़ता है।

खास बात यह है कि सरकार ने सिर्फ, आम आदमी से जुड़ी योजनाएं ही नहीं बनाईं बल्कि, उन्हें जमीन पर उतारा जिससे महिलाओं को सीधा लाभ मिला।

यूपी में पहली बार 'आधी आबादी' को मिला ऐसा सम्मान! बीजेपी (BJP) के बाद महिला मतदाताओं के महत्व को समझने और खुलकर उनके पक्ष में राजनीति करने की पहल प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के नेतृत्व में यूपी कांग्रेस ने की है। यूपी में कांग्रेस का नारा 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' काफी लोकप्रिय है। प्रियंका गांधी की इस पहल से यूपी की महिलाओं मतदाताओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा और उन्हें अपने राजनीतिक महत्व का भी अहसास होगा।

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (48), यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (49) और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (50) की उम्र में कोई खास अंतर नहीं है। लेकिन, तीनों की राजनीति करने के तरीके में जमीन-आसमान का फर्क है।

यह है योगी, अखिलेश, प्रियंका की राजनीति में मौलिक अंतर एक मझे हुए राजनेता की तरह अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) यूपी में वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए जाति आधारित छोटे-छोटे दलों से गठबंधन कर रहे हैं। अखिलेश का मानना है कि पिछली बार बड़े दलों (बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस) के साथ गठबंधन करने से उनका नुकसान हुआ इसलिए, इस बार वह छोटे दलों के साथ मिलकर बंगाल की तर्ज पर 'खेला होबे' की जगह 'मेला होबे' करके दिखाएंगे।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) गुंडो-माफियाओं को प्रदेश से खदेड़ देने और अयोध्या, मथुरा, प्रयागराज जैसे धार्मिक महत्व के शहरों को उनको पुराना गौरव दिलाने की राजनीतिक कर रहे हैं।

इन दोनों के अलग प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) का पूरा फोकस महिला मतदाताओं पर है। कांग्रेस (Congress) जानती है कि धर्म या जाति की राजनीति करके यूपी में पार्टी की खोई हुई जमीन वापस नहीं लाई जा सकती। यूपी में जातिगत आधार पर पिछड़े और अल्पसंख्यकों में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की पैठ है और दलितों में बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) का व्यापक जनाधार है।

माफिया, जाति-धर्म, महिलाओं को टिकट: वोट किसे कांग्रेस का पूरा ध्यान महिलाओं और युवाओं पर है। प्रियंका गांधी यूपी के दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक और सामान्य वर्ग के उन मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश में हैं जो शिक्षित हैं और बदलाव के पक्षधर हैं।

यूपी जैसे राज्य में महिलाओं और उनसे जुड़े मुद्दों को राजनीतिक एजेंडा बनाने की कोशिश क्या रंग लाती है यह तो वक्त ही बताएगा। हालांकि, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि महिलाओं को 40% टिकट देने की कांग्रेस की इस पहल से यूपी में एक नई तरह की राजनीति जरूर शुरू हुई है।

हालांकि, देखना दिलचस्प होगा कि गुंडों-माफियों से मुक्ति, जातीय या धार्मिक पहचान, महिलाओं को 40% टिकट के मुद्दे में से कौन सा मुद्दा यूपी की महिलाओं को आकर्षित करने में सफल होता है।

- संजीव श्रीवास्तव