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नई दिल्ली। देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु एक विशेष अलंकरण समारोह में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से कलाकारों को सम्मानित करेंगी। इसके लिए गत दिनों अकादमी की हुई एक बैठक यह तय किया गया।

संगीत नाटक अकादमी, राष्ट्रीय संगीत, नृत्य और नाटक अकादमी की सामान्य परिषद ने गत 6-8 नवंबर को हुई अपनी बैठक में सर्वसम्मति से प्रदर्शन कला के क्षेत्र में दस (10) प्रतिष्ठित विभूतियों को अकादमी अध्येता (फेलो) के रूप में चुना है। अकादमी की फैलोशिप एक सबसे प्रतिष्ठित और दुर्लभ सम्मान है, जो किसी भी समय 40 तक सीमित है। इन दस (10) अध्येताओं के चयन के साथ ही वर्तमान में संगीत नाटक अकादमी के अब (39) अध्येता हो गए हैं। संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति द्वारा एक विशेष अलंकरण समारोह में दिया जाएगा।

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सामान्य परिषद ने वर्ष 2019, 2020 और 2021 हेतु अकादमी पुरस्कार (अकादमी पुरस्कार में अंतर्गत संगीत नाटक के लिए संगीत, नृत्य, रंगमंच, पारंपरिक/ लोक/जनजातीय संगीत/नृत्य/रंगमंच, कठपुतली कला और प्रदर्शन कला में समग्र योगदान/छात्रवृत्ति के लिए के क्षेत्र से 128 कलाकारों का चयन किया है। इन 128 कलाकारों में तीन संयुक्त पुरस्कार शामिल हैं।

ये प्रख्यात कलाकार प्रदर्शन कला के संपूर्ण सरगम – जैसे, हिंदुस्तानी और कर्नाटक दोनों प्रकार का गायन, वाद्य संगीत, बांसुरी, सितार और मृदंगम सहित हिंदुस्तानी और कर्नाटक दोनों में वादन, साथ में सुगम संगीत एवं हरि कथा, भारतीय नृत्य के प्रमुख रूप जैसे भरतनाट्यम, कथक, कथकली, कुचिपुड़ी, ओडिसी, सत्त्रिया, मोहिनीअट्टम और समकालीन नृत्य, नाटक लेखन, निर्देशन, अभिनय, श्रृंगार, प्रकाश व्यवस्था, मंच डिजाइन जैसे रंगमंच की विभिन्न विशेषज्ञताएं इसाई नाटकम जैसे रंगमंच की अन्य प्रमुख परंपराओं, लोक एवं आदिवासी कलाओं के साथ-साथ कठपुतली और वाद्य यंत्र बनाने की कलाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।

अकादमी फेलो के सम्मान में तीन लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी जाती है, जबकि अकादमी पुरस्कार में एक ताम्रपत्र और अंगवस्त्रम के अलावा एक लाख रुपये की नकद राशि दी जाती है।

 

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