Gautam Adani : नई दिल्ली। कांग्रेस ने अडाणी समूह (Gautam Adani) से जुड़े मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) की ‘चुप्पी’ को लेकर सोमवार को सवाल खड़े किए और कहा कि उन्हें बताना चाहिए कि भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और कई सार्वजनिक बैंकों में पैसा जमा करने वालों के हितों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
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पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में यह सवाल भी किया कि एलआईसी ने ‘जोखिम भरे’ अडाणी समूह में भारी-भरकम निवेश कैसे कर दिया? उन्होंने कहा कि जैसा कि कल वादा किया गया था कि ‘हम अडाणी के हैं कौन’ के तहत आज आपके (मोदी) लिए तीन सवालों का दूसरा सेट प्रस्तुत है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को ऐसी परिस्थितियों से उबारना एक बात है, लेकिन अपने पूंजीपति दोस्तों को और अमीर बनाने के लिए 30 करोड़ वफादार पॉलिसी-धारकों की बचत का उपयोग करना दूसरी बात है।
कांग्रेस नेता सवाल किया कि एलआईसी (LIC) ने जोखिम भरे अडाणी समूह में इतना बड़ा निवेश कैसे किया, जबकि निजी फंड प्रबंधकों ने भी इससे किनारा कर लिया था? क्या यह सुनिश्चित करना सरकार का कर्तव्य नहीं है कि सार्वजनिक क्षेत्र के महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थान निवेश करते समय अपने निजी क्षेत्र के समकक्षों की तुलना में अधिक सजग रहें? या फिर यह आपके पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए आपके “मन की बैंकिंग” का एक और उदाहरण था? रमेश यह भी पूछा कि क्या प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त मंत्रालय या स्वयं एलआईसी में से किसी ने इन संदिग्ध निवेशों के बारे में कोई चिंता व्यक्त की थी? क्या ऐसी चिंताओं को खारिज कर दिया गया था और यदि हां, तो किसके द्वारा?
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद पहली बिकवाली में एलआईसी द्वारा खरीदे गए अडानी समूह के शेयरों का मूल्य 32,000 करोड़ रुपये गिर गया, जिससे एलआईसी की स्वयं की स्वीकारोक्ति के अनुसार, 27 जनवरी 2023 को उसके शेयरों का मूल्य 56,142 करोड़ रुपये रह गया था।
उन्होंने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि क्या आप 24 जनवरी के बाद एलआईसी द्वारा अडाणी समूह में किए गए निवेश से हुए नुकसान की सही जानकारी सार्वजनिक रूप से साझा करेंगे? निवेशकों की चिंताओं को कम करने के लिए क्या कदम उठाएंगे?
अमेरिका की वित्तीय शोध कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा गौतम अडाणी के नेतृत्व वाले समूह पर फर्जी लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद समूह के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट आई है। वहीं, अडाणी समूह ने कहा है कि वह सभी कानूनों और सूचना प्रकट करने संबंधी आवश्यकताओं का अनुपालन करता है।
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