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Punjab : जेल से अब नहीं चलेगा काला कारोबार, VIP कल्चर खत्म

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Punjab News : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पंजाब राज्य की जेलों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने पंजाब जेल में अब से पूर्व चली आ रही वीआईपी पंरपरा को समाप्त कर दिया है। साथ ही अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि अब जेल के भीतर से काला कारोबार नहीं चलेगा और जो भी अधिकारी इस मामले में लापरवाही बरतेंगे, उन्हें सस्पेंड कर दिया जाएगा। पंजाब सीएम ने कुछ लापरवाह अधिकारियों को सस्पेंड भी किया है।

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मुख्यमंत्र भगवंत मान का कहना है कि हमारी सरकार पंजाब वीआईपी कल्चर को खत्म करने में जुटी है। अब सभी वीआईपी कक्षों का प्रबंधन समाप्त किया जाएगा। यदि कोई लापरवाही की गई तो उस मामले में संबंधित अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि “हम वीआईपी कल्चर खत्म करने के लिए विभिन्न जगहों के कर्मचारियों के सुचारू काम-काज पर ध्यान देंगे। जेलों के सभी वीआईपी कमरों को जेल प्रबंधन ब्लॉक में परिवर्तित किया जाएगा।
भगवंत मान ने कहा कि “हमने जेल परिसरों से गैंगस्टरों के 710 मोबाइल फोन जब्त किए हैं। हमने न केवल मोबाइल फोन जब्त किए, बल्कि अंदर फोन रखने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की। इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। एफआईआर भी हो रही है…हमने कुछ अधिकारियों को सस्पेंड भी किया है।”

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इसके अलावा चंडीगढ़ में पुलिस से हाथापाई का मामला चर्चा में है। इस मामले में वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा को चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अमनइंदर सिंह की अदालत ने अग्रिम जमानत दी है। चीमा के खिलाफ 2 साल पहले केस दर्ज हुआ था। इस केस में मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप के कई अन्य विधायक व नेता भी आरोपी हैं। हालांकि मुख्यमंत्री मान व अन्य नेता पहले ही अग्रिम जमानत ले चुके हैं।

आपको बता दें कि पुलिस ने हरपाल चीमा, मास्टर बलदेव सिंह, बलजिंदर कौर, मीत हेयर, अमन अरोड़ा, सरबजीत कौर माणुके, मंजीत सिंह, जयकृष्ण सिंह रूढ़ी, भगवंत मान और नरिंदर सिंह शेरगिल के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। जिनमें से भगवंत मान अब राज्य के मुख्यमंत्री हैं।

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