Panjab News : चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब लोक सेवा आयोग के अधिकारियों को सपाट अल्टीमेटम दे दिया है। कहा, वे बुधवार को दोपहर दो बजे तक काम पर लौट आए वर्ना उनका निलंबन (suspension) तय है। वह दबाव की रणनीति किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री के कड़क रूख और वापसी लौटने का टारगेट देने के बाद सामूहिक अवकाश पर गए अधिकारियों की चूले हिलने लगी है। वह घबराये हुए हैं। उनकी स्थिति सांप—छछूंदर की हो गयी है।
Panjab News
बता दें, अपने सहकर्मी की गिरफ्तारी के विरोध में पंजाब लोक सेवा के अधिकारी सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की हड़ताल ‘ब्लैकमेलिंग और दबाव की रणनीति’ के समान है।
राज्य सतर्कता ब्यूरो द्वारा लुधियाना में पीसीएस अधिकारी नरिंदर सिंह धालीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में अधिकारियों के सोमवार से पांच दिवसीय सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर जाने के कारण राज्य में प्रशासनिक कार्यालयों में सेवाएं प्रभावित होने के बाद मान का यह कड़ा रुख सामने आया है।
मान ने एक ट्वीट में कहा, मेरे संज्ञान में आया है कि कुछ अधिकारी हड़ताल की आड़ में ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं। वे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सरकार द्वारा की गई कड़ी कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा, यह सभी को स्पष्ट हो जाना चाहिए कि इस सरकार की भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति है। इस तरह की हड़ताल ‘ब्लैकमेलिंग और दबाव डालने’ के समान है। इसे किसी भी जिम्मेदार सरकार द्वारा बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, इसलिए आपको हड़ताल को अवैध घोषित करने का निर्देश दिया जाता है। आज यानी 11 जनवरी, 2023 को दोपहर दो बजे तक ड्यूटी पर नहीं आने वाले सभी अधिकारियों को निलंबित (Suspend) किया जाए। जो लोग दोपहर दो बजे तक ड्यूटी पर नहीं आएंगे उनकी अनुपस्थिति को ड्यूटी से गैर-मौजूदगी माना जाए।
सतर्कता ब्यूरो ने बताया कि लुधियाना में क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकारी के पद पर तैनात धालीवाल को शुक्रवार को सतर्कता ब्यूरो ने ट्रांसपोर्टरों से रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पीसीएस अधिकारी संघ ने दावा किया, पीसीएस अधिकारी को अवैध, गलत और मनमाने ढंग से और उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना गिरफ्तार किया गया है।