Rail News : नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि पिछले तीन वर्ष में रेलगाड़ियों की चपेट में आने से मवेशियों की मौत से संबंधित आंकड़े इकट्ठा करने के लिए पर्याप्त समय की आवश्यकता है।
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भारतीय जनता पार्टी के सदस्य सुशील कुमार मोदी द्वारा राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह बात कही।
मोदी ने विगत तीन वर्ष के दौरान रेलगाड़ियों की चपेट में आने से मवेशियों की मौत के राज्य व क्षेत्रवार आंकड़े मांगे थे।
इसके जवाब में वैष्णव ने कहा, पिछले तीन वर्ष में रेलगाड़ियों की चपेट में आने से राज्य व क्षेत्र वार दर्ज की गई मवेशियों की मृत्यु से संबंधित मांगी गई सूचना काफी विस्तृत एवं वृहद है तथा इसके संकलन के लिए पर्याप्त समय की आवश्यकता है।
हालांकि उन्होंने बताया कि 2022-23 के दौरान मवेशियों के टकराने से प्रभावित हुई मेल व एक्सप्रेस गाड़ियों की संख्या 2551 है और इन घटनाओं से संबंधित मरम्मत के लिए खर्च की गई राशि नाम मात्र है।
वैष्णव ने बताया कि सरकार ने 2022-23 के लिए रेल की पटरियों के किनारे बाड़ लगाने के लिए 479.32 करोड रुपये आवंटित किए हैं और इनमें से 400 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि बाड़ लगाना एक सतत गतिविधि है, जो अनधिकृत प्रवेश और अतिक्रमण जैसे संवेदनशील स्थानों तथा खंडों की गति 100 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक बढ़ाने वाले खंडों पर की जाती है।
उन्होंने कहा कि बाड़ लगाना बाधक जनोपयोगी सुविधाओं का अंतरण, अतिक्रमण हटाना, क्षेत्र की भौगोलिक स्थितियां, परियोजना विशेष स्थल के लिए वर्ष में कार्य के महीनों की संख्या आदि पर निर्भर करता है।
वैष्णव ने कहा कि मौजूदा प्रावधान के अंतर्गत ऐसे स्थानों पर न्यूनतम मानक के रूप में बाड़ लगाने हैं जहां ट्रेन की गति 110 किलोमीटर प्रति घंटा से 130 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक रहती है।