रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भारतीय जनता पार्टी के एजेंट की तरह कार्य कर रहा है। बघेल ने सोमवार को केंद्रीय एजेंसी द्वारा उजागर किए गए कथित शराब घोटाले को झूठा और निराधार करार दिया है।
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हताशा में भाजपा, ईडी के जरिये कांग्रेस को बदनाम करने की कोशिश
मुख्यमंत्री ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि जैसे-जैसे राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, भाजपा हताशा में ईडी का इस्तेमाल करके कांग्रेस सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। बघेल ने शराब से राजस्व संग्रह में गिरावट के एजेंसी के दावे को निराधार करार दिया और कहा कि इससे संबंधित आंकड़े पिछली भाजपा सरकार की तुलना में मौजूदा कांग्रेस सरकार में शराब की बिक्री से राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 2017 में निगम के माध्यम से शराब बेचने का निर्णय रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का था। 2017 से राज्य में शराब व्यापार से जुड़ी डिस्टिलरीज, अधिकारियों, परिवहन व्यवसायियों और प्लेसमेंट एजेंसियों में कोई बदलाव नहीं किया गया। शराब से राजस्व संग्रह 2017-18 में 3,900 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 में छह हजार करोड़ रुपये हो गया, जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि एजेंसी का यह दावा कि भ्रष्टाचार के कारण राजस्व संग्रह में गिरावट हुई है निराधार है।
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सीएजी ने आडिट के बाद दी थी क्लीन चिट
सीएम ने कहा कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने राज्य के आबकारी विभाग (जो शराब का कारोबार करता है) का ऑडिट किया और उसे क्लीन चिट दी। विपक्षी दल भाजपा के पास राज्य में उठाने के लिए कोई मुद्दा नहीं बचा है। राज्य में चुनाव नजदीक है, इसलिए हताशा में आकर वह ईडी का इस्तेमाल राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश रचने के लिए कर रही है। छत्तीसगढ़ में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। उन्होंने कहा कि फरवरी 2020 में आयकर विभाग ने राज्य में आबकारी विभाग से जुड़े लोगों के खिलाफ छापेमारी की थी, लेकिन एजेंसी यह भी नहीं बता पाई कि किसकी कितनी चल-अचल संपत्ति बरामद हुई। इस साल मार्च में फिर से ईडी ने छापेमारी की, जो विफल साबित हुई, क्योंकि एजेंसी ने तलाशी के दौरान की गई बरामदगी के बारे में कोई प्रेस नोट जारी नहीं किया।
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झूठे बयानों पर दस्तखत के लिए डरा रहा है ईडी
बघेल ने कहा कि ईडी ने लोगों को डराकर और प्रताड़ित करके झूठे बयानों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया। यहां तक कि उन्होंने जानबूझकर देर रात तक महिलाओं से पूछताछ की, जिससे उन्हें परेशान किया जा सके। ईडी ने अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए राज्य में दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाले का आरोप लगाया, क्योंकि वह छापे और जांच के दौरान कुछ भी पता लगाने में विफल रहे। आरोप पूरी तरह झूठा, निराधार और निंदनीय है। बघेल ने आरोप लगाया कि ईडी और केंद्रीय एजेंसियां भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रही हैं। इसका एकमात्र काम चुनाव में भाजपा को फायदा पहुंचाना है। केंद्रीय एजेंसी चाहे कितनी भी साजिश कर ले, भाजपा सफल नहीं होगी। कांग्रेस सरकार भाजपा नेताओं और ईडी की हर साजिश का पर्दाफाश करेगी।
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ईडी ने रायपुर के मेयर को किया था गिरफ्तार
ईडी ने शनिवार को कथित शराब घोटाले के मामले में कांग्रेस नेता और रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया है। शराब कारोबारी अनवर की हिरासत के लिए रायपुर की विशेष अदालत में दायर अपनी अर्जी में एजेंसी ने एक सिंडिकेट द्वारा छत्तीसगढ़ में शराब के कारोबार में बड़े पैमाने पर घोटाले का दावा किया, जिसमें राज्य सरकार के अधिकारी, निजी व्यक्ति और राजनीतिक शामिल थे। एजेंसी ने दावा किया कि इस घोटाले में 2019-22 के बीच दो हजार करोड़ रुपये से अधिक का धन अर्जित किया गया। हिरासत के अनुरोध वाली अर्जी के अनुसार भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी अनिल टुटेजा, अनवर के साथ सिंडिकेट के सरगना थे और भ्रष्टाचार के पैसे का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए भी किया गया था। 2003 बैच के आईएएस अधिकारी टुटेजा राज्य के उद्योग और वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात हैं।
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