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Rajasthan Temples : राजस्थान के प्रसिद्ध मंदिर, जहां दुनियाभर से लोग दर्शन करने पहुचते हैं

Rajasthan Temples: Famous temples of Rajasthan where people from all over the world come to visit

Rajasthan Temples: Famous temples of Rajasthan where people from all over the world come to visit

Rajasthan Temples : राजस्थान अपनी कला, संस्कृति और पर्यटन स्थलों के लिये पूरे विश्व में मशहूर है। राजस्थान को राजघरानों की भूमि भी कहा जाता है। इसके साथ राजस्थान अपने शानदार किलों और महलों के लिये भी जाना जाता है। राजस्थान के मंदिरों की बात करे तो यहां के मंदिर भरतीय कला का उत्कृष्ट नमूना है। वो सिर्फ एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि इतिहास के महान संबंधों को भी प्रदर्शित करते हैं। इन मंदिरों का निर्माण 19वीं शताब्दी के आसपास किया गया था।

Rajasthan Temples :

आज हम यहां आपको राजस्थान के कुछ ऐसे ही मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां सैकड़ों भक्त रोजाना दर्शन करने जाते हैं।

ब्रह्मा जी का मंदिर पुष्कर :

राजस्थान के पुष्कर में विश्वप्रसिद्ध ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर है। यहां पर प्रतिवर्ष पुष्कर का मेला लगता है, जो कार्तिक पूर्णिमा को लगता है। ये कार्तिक शुक्लपक्ष की एकादशी से लगता है और पांच दिन पूर्णिमा तक चलता है। यह मंदिर लगभग 2000 साल पुराना माना जाता है। यह मंदिर हिंदू धर्म के सृष्टि के देवता भगवान ब्रह्मा को समर्पित है।

Pushkar Temple of Brahma Ji

अंबिका माता मंदिर :

ये मंदिर राजस्थान से 50 किलोमीटर दूर जगत नामक गांव में स्थित है। इस मंदिर में माता दुर्गा दिव्य स्वरूप स्थापित है। इस मंदिर में कई बेहतरीन मूर्तियाँ भी संरक्षित हैं, जिसकी वजह से इसे राजस्थान का खजुराहो भी कहां जाता है। नवरात्रि में इस मंदिर की छटा देखते बनती है।इस मंदिर की संरचना और वास्तु इतना आकर्षक है कि यहां पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है।

Ambika Mata Temple

करणी माता का मंदिर :

ये मंदिर बीकानेर से 30 किलोमीटर दूर स्थित है। जिसका निर्माण महाराजा गंग सिंह ने करवाया था। इस मंदिर में लगभग 20,000 चूहे रहते हैं। यहां जो प्रसाद चढ़ाया जाता है, उसे पहले चूहे खाते हैं, फिर उस प्रसाद को भक्तों में बांट दिया जाता है। यह मंदिर चूहों के मंदिर के नाम से भी फेमस है। यहां पूजी जाने वाली देवी भी माता दुर्गा का ही अवतार हैं। चैत्र और अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को यहां मेला लगता है।

Karni Mata Temple

मोती डूंगरी मंदिर :

मोती डूंगरी मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में हुआ था। जयपुर में स्थित यह भगवान गणेश को समर्पित है। इस मंदिर की नींव सेठ जय राम पालीवाल ने रखी थी। मोती डूंगरी मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में हुआ था। उन्होंने यह मंदिर 1761 में बनवाया था। इस मंदिर में एक शिवलिंग भी है, जो साल में एक बार खुलता है। इस मन्दिर में बुधवार को भक्तों का तांता लगा रहता है। यहां कई नेता और व्यवसायी भी इस मंदिर मे दर्शन करने आते हैं।

Moti Dungri Temple

बिड़ला मंदिर :

यह मंदिर मोती डूंगरी मन्दिर के पास ही बना है। ये मन्दिर लक्ष्मीनारायण भगवान को समर्पित है। बिरला मंदिर का निर्माण सन 1998 में बिरला परिवार द्वारा किया गया था। इस मंदिर के तीन बड़े गुंबद यहां के आकर्षण का केंद्र हैं। चूंकि इस मंदिर को बनाने में संगमरमर का उपयोग किया गया है, इसलिए यह सौंदर्य की दृष्टि से सभी आगंतुकों को आकर्षित करता है।इस मंदिर  में जाने का सबसे अच्छा समय नवरात्रि में है।

Birla Mandir

दिलवाड़ा जैन मंदिर :

ये मंदिर राजस्थान के माउंट आबू में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण विपुल शाह और वास्तुपाल तेजपाल ने 11वीं और 13वीं शताब्दी में कराया था। यह दुनिया के सबसे खूबसूरत जैन मंदिरों  में से एक है। यहां पांच दिलवाड़ा जैन मंदिर है। मंदिर में देवताओं की मूर्तियां, अर्थात् भगवान आदिनाथ, भगवान ऋषभदेव, भगवान नेमिनाथ, भगवान महावीर स्वामी और भगवान पार्श्वनाथ, पांच अलग-अलग मंदिरों में मौजूद हैं। इस मंदिर की वास्तुकला आकर्षण का केंद्र है। ये मंदिर जैन के तीर्थ स्थल के रूप में देखा जाता है।

Dilwara Jain Temple

तनोट माता मंदिर :

तनोट माता मंदिर राजस्थान के जैसलमेर जिले के तनोट नामक गाँव में भारत-पाकिस्तान सीमा के करीब स्थित है। ये मंदिर जैसलमेर से 120 किलोमीटर दूर स्थित है। देवी हिंगलाज के अवतार तनोट माता को समर्पित यह मंदिर हिन्दुओं की आस्था का प्रतीक बना हुआ है। तनोट माता का मंदिर देशभर के श्रद्धालुओं की भी श्रद्धा का केन्द्र है। नवरात्रि के मौके पर तनोट मंदिर में आस्था का ज्वार उमड़ता है। भारत-पाकिस्तान के 1960 के युद्ध के दौरान इस मंदिर  की ख्याति बढ़ी थी। कहा जाता है कि बमबारी के दौरान एक भी बम विस्फोट नहीं हुआ था।बीएसएफ के नौजवानों की इस मन्दिर के प्रति बहुत आस्था है। वे इस मंदिर की मिट्टी ले जाते और अपने वाहन और खुद पर लगाते हैं। उनका मानना है कि माता उनकी रक्षा करती हैं।

Tanot Mata Temple

बबिता आर्या

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