Rajnath Singh in Maldives/ नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का सोमवार को मालदीव पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। मालदीव की रक्षा मंत्री मारिया दीदी ने उत्तरी माले एटोल में स्थित वेलाना हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी की। मालदीव के रक्षा बलों के प्रमुख मेजर जनरल अब्दुल्ला शमाल और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने राजधानी माले के पास स्थित हवाई अड्डे पर राजनाथ सिंह का स्वागत किया।
Rajnath Singh in Maldives
मालदीव के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राजनाथ सिंह की यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर को दर्शाती है क्योंकि यह दोनों देशों के बीच मौजूदा रक्षा संबंधों में गतिशीलता और उत्साह के एक नये स्तर को लाती है।
राजनाथ सिंह एक से तीन मई तक की अपनी इस यात्रा के दौरान मालदीव के रक्षा बलों को समुद्री निगरानी बढ़ाने में मदद के लिए भारत की ओर से उपहार के रूप में एक गश्ती पोत और एक ‘‘लैंडिंग क्राफ्ट’’ सौंपेंगे।
दीर्घकालिक रक्षा और सुरक्षा साझेदारी
मालदीव के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत के रक्षा मंत्री के वेलाना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आगमन के बाद उनका स्वागत उनकी समकक्ष मारिया दीदी ने किया, इस मौके पर रक्षा बल के प्रमुख मेजर जनरल अब्दुल्ला शमाल भी मौजूद थे।
बयान के मुताबिक दोनों रक्षा मंत्री भारत और मालदीव के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने तथा दीर्घकालिक रक्षा और सुरक्षा साझेदारी को मजबूत करने के लिए द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
राजनाथ सिंह और मारिया दीदी भारत की ओर से मालदीव को ‘‘लैंडिंग क्राफ्ट’’ के साथ एक गश्ती पोत सौंपने के लिए आयोजित समारोह में भी भाग लेंगे।
राजनाथ मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह से भी मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही वह विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद के साथ विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा भी करेंगे।
भारतीय उच्चायोग ने कहा कि राजनाथ सिंह की यात्रा के दौरान द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं की समीक्षा की जाएगी। इसके लिए कई आधिकारिक कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है जो मजबूत भारत-मालदीव रक्षा साझेदारी को और बढ़ाएंगे।
राजनाथ की यह पहली मालदीव यात्रा
रक्षा मंत्री के तौर पर राजनाथ सिंह की मालदीव की यह पहली यात्रा है।
गौरतलब है कि मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसियों में से एक है और दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्रों सहित समग्र द्विपक्षीय संबंध पिछले कुछ वर्षों में काफी बेहतर रहे हैं।
पिछले साल अगस्त में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति सोलिह ने भारत द्वारा वित्त पोषित ग्रेटर माले कनेक्टिविटी परियोजना को शुरू किया था, जिसे द्वीपीय राष्ट्र में सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा पहल बताया गया।
ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट (जीएमसीपी) परियोजना के तहत, राजधानी माले को विलिंगली, गुलहिफालु और थिलाफुशी के निकटवर्ती द्वीपों से जोड़ने के लिए 6.74 किलोमीटर लंबा पुल बनाया जाएगा। मालदीव भारत की ‘पड़ोस प्रथम नीति’ के सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक है।
भाजपा प्रत्याशी ने बांटे लिफाफे, खोला तो निकले 500 के नोट, अखिलेश यादव ने की कार्रवाई की मांग
देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें।
देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।