Monday, 18 November 2024

संसद नियम में बदलाव, राज्यसभा सांसदों को नहीं मिलेगा जुमे की नमाज का वक्त

राज्यसभा ने जुमे की नमाज को लेकर बड़ा फैसला किया है। लोकसभा की तरह ही अब राज्यसभा…

संसद नियम में बदलाव, राज्यसभा सांसदों को नहीं मिलेगा जुमे की नमाज का वक्त

Rajya Sabha Namaz Timing: राज्यसभा ने जुमे की नमाज को लेकर बड़ा फैसला किया है। लोकसभा की तरह ही अब राज्यसभा में जुमे की नमाज के लिए ब्रेक नहीं दिया जाएगा। दरअसल, राज्यसभा में हर शुक्रवार को जुमा की नमाज के लिए आधे घंटे का जो अतिरिक्त वक्त मिलता था, उसे खत्म कर दिया गया है। राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने यह फैसला किया है। उन्होंने इससे जुड़े नियमों में बदलाव का भी निर्देश दिया है।

अब नहीं मिलेगा जुमे की नमाज का समय

बता दें कि राज्यसभा में अभी तक हर शुक्रवार को लंच ब्रेक 1.00 से 2.30 बजे तक होता था। वहीं, लोकसभा में लंच ब्रेक 1.00 से 2.00 बजे तक होता है। राज्यसभा में यह अतिरिक्त आधा घंटा नमाज के लिए दिया जाता था। इसी को अब सभापति ने नियमों में बदलाव करके खत्म किया है। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने 8 दिसंबर को सदन को बताया कि लोकसभा के समय के साथ मिलान करने के लिए शुक्रवार को बैठकों का समय बदल दिया गया है। अब सदन के मुसलमान सदस्यों को जुमे की नमाज के लिए दिया जाने वाला 30 मिनट का समय खत्म कर दिया गया है। गौरतलब है कि लोकसभा में शुक्रवार को नमाज ब्रेक नहीं होता है, यह प्रथा केवल राज्यसभा में थी। जगदीप धनखड़ ने कहा कि लोकसभा दोपहर 2 बजे बैठती है। संसद का अभिन्न अंग होने के नाते, लोकसभा और राज्यसभा को जहां तक संभव हो, एक ही समय का पालन करने की जरूरत है।

Rajya Sabha Namaz Timing: डीएमके सांसद ने उठाया था मुद्दा

बता दें कि 8 दिसंबर को राज्यसभा में जीरो ऑवर के दौरान सांसद अपने सवालों के जवाब पूछ रहे थे, तभी डीएमके के सांसद तिरुची शिवा ने इस मुद्दे को उठाया था। दरअसल 8 दिसंबर 2023 को राज्यसभा में जीरो ऑवर चल रहा था। सांसद अपने सवालों के जवाब पूछ रहे थे, तभी द्रमुक सांसद तिरुची शिवा ने हस्तक्षेप किया। राज्यसभा के सभापति जयदीप धनखड़ पीठाधीन थे। तिरुची शिवा को सभापति ने बोलने का मौका दिया। उन्होंने शुक्रवार के दिन राज्यसभा के कामकाज की समय-सीमा को लेकर सवाल पूछा। डीएमके सांसद ने कहा कि आमतौर पर शुक्रवार के दिन सभा का कामकाज लंच ब्रेक के बाद 2.30 बजे शुरू होता है। यह और बात है कि आज के संशोधित कार्यक्रम के अनुसार यह 2 बजे से ही है। इस बारे में निर्णय कब लिया गया? इस बारे में सदन के सदस्य नहीं जानते, ये बदलाव क्यों हुआ? इस पर सभापति ने जवाब दिया कि ये बदलाव आज से नहीं है। यह बदलाव वह पहले ही कर चुके हैं। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह कोई ऐसी चीज नहीं है, जो इस शुक्रवार से शुरू हुई है और यह पिछले कुछ समय से चलन में है। उन्होंने कहा कि लोकसभा के अनुरूप समय करने के लिए शुक्रवार के समय में बदलाव किया गया है।

60-70 साल से चले आ रहे नियम

इसके बाद डीएमके के एक अन्य सांसद एम. मोहम्मद अब्दुल्ला ने हस्तक्षेप करते हुए इस फैसले पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि ’60-70 साल से यही प्रथा काफी समय से चली आ रही है। शुक्रवार को मुस्लिम सदस्यों के जुमे के लिए दोपहर 2.30 बजे का समय तय किया गया था।’ इस पर धनखड़ ने कहा कि संसद में सभी समुदायों के सदस्य हैं और केवल मुस्लिम सांसदों के लिए कोई विशेष अपवाद नहीं हो सकता है। यह व्यवस्था पिछले सत्र में पहले से ही लागू थी। सदस्यों को पहले ही इसके बारे में समझाया गया था, तब सदस्यों की ओर से कोई और विरोध नहीं हुआ। उन्होंने इसका कारण भी बताते हुए कहा कि लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही संसद का हिस्सा हैं। दोनों के काम के समय में समानता होनी चाहिए। यही कारण है कि उन्होंने पहले ही इस बारे में नियम बना दिए थे। सभापति ने कहा कि 60-70 साल से चले आ रहे नियम में बदलाव हो चुका है। लोकसभा की तरह ही अब राज्यसभा में नमाज के लिए ब्रेक नहीं दिया जाएगा। लोकसभा के साथ एकरूपता करने के लिए एक साल पहले ही सदन के समय में बदलाव कर दिया गया था।

हालांकि संसद की वेबसाइट पर प्रकाशित राज्यसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों को अभी तक अपडेट नहीं किया गया है। सदन की नियम पुस्तिका के मुताबिक राज्यसभा सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक और फिर दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक चलती है। दोपहर 1 बजे से दोपहर 2 बजे तक एक घंटे का लंच ब्रेक होता है, लेकिन शुक्रवार को सदन की बैठक दोपहर के भोजन के बाद 2.30 बजे बैठती है। हालांकि जुमे की नमाज का इसमें उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन यह समझा जाता है कि शुक्रवार को नमाज के लिए इस अतिरिक्त ब्रेक की अनुमति है।

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