Friday, 29 March 2024

Rani Laxmi Bai- आज रानी लक्ष्मीबाई की 187वीं जयंती, जाने इस वीरांगना के बारे में

Rani Laxmi Bai- भारत के बच्चे बच्चे का बचपन यही कविता गाते हुए बीतता है, ‘खूब लड़ी मर्दानी वह तो…

Rani Laxmi Bai- आज रानी लक्ष्मीबाई की 187वीं जयंती, जाने इस वीरांगना के बारे में

Rani Laxmi Bai- भारत के बच्चे बच्चे का बचपन यही कविता गाते हुए बीतता है, ‘खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी।’ आज उसी झांसी वाली रानी का जन्मदिन है। वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई आज ही के दिन 1835 में जन्मी थीं। रानी लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवंबर 1835 में बनारस के भदैनी में हुआ था। रानी लक्ष्मीबाई जैसा साहस और हिम्मत सच में दोबारा किसी में देखने को नहीं मिला। अंग्रेजी सेना से संग्राम में उनका जो अहम योगदान रहा है वो हमेशा अमर रहेगा।

रानी लक्ष्मीबाई बचपन से ही प्रतिभाशाली थीं। लक्ष्मीबाई की माता का नाम भागीरथी बाई था। वो महज 4 साल की थीं जब उनकी माता का देहांत हो गया था। उनके पिता मोरोपंत तांबे बिठूर जिले के जो पेशवा थे उनके यहां पर काम किया करते थे। बचपन में रानी लक्ष्मीबाई को मनुबाई के नाम से जाना जाता था। उन्हें मणिकर्णिका के नाम से भी जाना जाता था और इसीलिए प्यार से लक्ष्मीबाई को ‘मनु’ (Rani Laxmi Bai childhood name was Manu) कहकर बुलाया जाता था। बहुत छोटी उम्र में ही लक्ष्मीबाई ने शस्त्रों को हाथ में उठा लिया था। तलवारबाजी एवं घुड़सवारी में रानी लक्ष्मीबाई का मुकाबला कोई नहीं कर सकता था।

रानी लक्ष्मीबाई 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की वीरांगना थीं एवं झांसी राज्य की रानी थीं। रानी लक्ष्मीबाई ने जब अंग्रेजों की सेना से संग्राम किया था तब उनकी उम्र महज 23 साल थी। वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई ने रणभूमि में वीरगति भले ही प्राप्त की लेकिन अंग्रेजों को अपने राज्य पर कब्जा नहीं करने दिया। ऐसा बताया जाता है कि रानी लक्ष्मीबाई (Rani Laxmi Bai) रणक्षेत्र में सिर पर तलवार के वार होने से शहीद हुई थीं। लेकिन उनके जैसी साहसी वीरांगना न कभी हुई थी और न कभी होगी। उनका नाम अमर है।

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