Srinagar News : भारतीय थलसेना ने मंगलवार को कहा कि वह लद्दाख सेक्टर में चीन की किसी भी आक्रामक कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है तथा देश की अखंडता सैनिकों की गश्त और तकनीकी माध्यमों से सुनिश्चित की जा रही है। सेना के उत्तरी कमान के ‘जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ’, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने यहां बादामी बाग छावनी इलाके में एक कार्यक्रम में यह भी कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध ने विध्वंसकारी और दोहरे उपयोग की प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करने जैसे कई सबक दिये हैं।
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उन्होंने कहा, ‘‘एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर यथास्थिति को एकपक्षीय तरीके से बदलने की चीन की कोशिशों के खिलाफ हमारी प्रतिक्रिया, भारतीय सशस्त्र बलों की त्वरित, निर्भीक और समन्वित कार्रवाई के रूप में है। किसी भी आक्रामक मंसूबे या प्रयासों का निश्चित रूप से सशस्त्र बलों के उपयुक्त रुख और तीनों सेनाओं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के बीच पूर्ण तालमेल के मजबूत इरादे के साथ जवाब दिया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि एलएससी पर स्थिति का राजनयिक और अभियानगत स्तरों पर समाधान करने के उपाय एक साथ जारी हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा, ‘‘मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर (हमारे) सैनिक गश्त कर रहे हैं और वहां तकनीकी माध्यमों का भी उपयोग किया जा रहा है तथा हमारी क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित की जा रही है।’’ उन्होंने कहा कि निरंतर उभरते खतरों और चुनौतियों का सामना करने के लिए उत्तरी कमान में तैयारियां और मनोबल उच्च स्तर पर है।
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा, ‘‘उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर विशेष रूप से अलग-अलग शत्रुओं की ओर से जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में सुरक्षा स्थिति क्षेत्र में कई चुनौतियां पैदा की ज रही हैं। हम राष्ट्र की लोकतांत्रिक परंपराओं को बरकरार रखते हुए भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम निरंतर चौकसी कर रहे हैं, सभी घटनाओं की निगरानी कर रहे हैं और हमारे राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।’’ सेना कमांडर ने यह उल्लेख किया कि साइबर और अंतरिक्ष नये रणक्षेत्र के रूप में उभरा है।