Warning: Undefined array key 1 in /home/chetnamanch/public_html/wp-content/themes/chetnamanch/functions.php on line 1525
lang="en-US"> Supreme Court: अंतरजातीय विवाह को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पुरुष को दी सुरक्षा - चेतना मंच
Warning: Undefined array key 1 in /home/chetnamanch/public_html/wp-content/themes/chetnamanch/functions.php on line 1525
Site icon चेतना मंच

Supreme Court: अंतरजातीय विवाह को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पुरुष को दी सुरक्षा

नई दिल्ली: भारत में अंतरजातीय विवाह के मामलों को अकसर खबरें आती रहती हैं। इसको लेकर न्यायालय में यचिकाएं होती हैं। भारत में मौजूदा हालात की बात करें तो सुप्रीम कोर्ट में कई मामले पर फैसला किया जाता है जिसको लेकर हर कोई अपेक्षा करता है कि इंसाफ मिल सके। इसी से संबंधित सुप्रीम कोर्ट में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक व्यक्ति को गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है जिनपर आरोप है कि महिला का अपहरण किया था। मिली जानकारी के मुताबिक महिला ने आरोपी से अपने माता पिता की रज़ामंदी के बगैर उनसे शादी की। जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस अभय एस. ओका की ने इस फैसले पर सुनवाई करते हुए बताया कि गिरफ्तार से पहले ज़मानत दिए जाने को लेकर आरोपित व्यक्ति द्वारा अप्रैल 2021 में याचिका दायर की गई थी जो कि भी तक लंबित है। उन्होंने तमाम कोशिश किया लेकिन अभी तक याचिका पर सुनवाई नहीं हो पाई है।

पीठ ने आगे बताया कि गिरफ्तारी से पहले जमानत कराने के लिए अगर याचिका हाईकोर्ट में लंबित रहती है तो इसमें संविधान की अनुच्छेद 32 लागू हो जाती है जिसके मुताबिक याचिका मं हस्तक्षेप करने का कोई मौका नहीं है हालांकि लड़की के परिवार ने इसको लेकर अभी कोई निजी टिप्पणी नहीं की है। पीठ ने आगे कहा कि हमारे पास संज्ञान में लाए गए तथ्यों के आधार पर ज़ाहिर होता है कि याचिकाकर्ता एक और दो ने ने शादी कर ली है और इससे संबंधित दस्तावेज रिकाॅर्ड में मौजूद है। इस मामले के जमा किए गए अजीबोगरीब तथ्यों, परिस्थितियों और रिकार्ड में मौजूद दस्तावेज से मिली जानकारी को ध्यान देते हुए, उसकी राय है कि इस हालात में इस अदालत द्वारा व्यक्ति पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

पीठ ने फैसले में जानकारी दिया कि हमारा निर्देश है कि याचिकाकर्ता संख्या दो को आईपीसी में मौजूदा धारा धारा-365 के अनुसार दर्जा प्राथमिका के संदर्भ में तीन महीने के समय में गिरफ्तारी नहीं की जाएगी। हमारा कोर्ट से अनुरोध है कि वह गिरफ्तारी से पहले जमानत के लिए आवेदन प्रक्रिया पर कम समय में सुनवाई के लिए विचार करना शुरु करें। अदालत एक महिला और उसके पति द्वारा दायर की गई याचिका सुनवाई की जिसमें कहा गया कि दोनों बालिग है और 8 दिसंबर 2020 को शादी की है। ये अंतरजातीय विवाह है जिसके चलते माता पिता ने इनको स्वाकार्य नहीं किया है।

Advertising
Ads by Digiday
Exit mobile version