Data Leak की खबरें अक्सर हम सभी सुनते रहते हैं लेकिन इस बार डाटा की चोरी से जुड़ा हुआ जो मामला सामने आया है उसने सभी को हैरानी में डाल दिया है। साइबराबाद पुलिस ने एक ऐसे साइबर क्रिमिनल गैंग का भंडाफोड़ किया है जो 67 करोड़ यूजर्स के डाटा को डार्क वेब पर बेचने की तैयारी में थे। आखिर इतने बड़े पैमाने पर लोगों का डाटा लीक हुआ कैसे? किन तरीकों से डाटा को चुराया जाता है और इस साइबर क्राइम की बढ़ती हुई घटनाओं के कारण आप कैसे अपने डाटा की सुरक्षा कर सकते हैं? ऐसे कई सवाल आपके मन में उठ रहे होंगे, तो चलिए जानते हैं Data Leak की पूरी कहानी…
किन यूजर्स का डाटा हुआ लीक?
जिन 67 करोड़ लोगों के डाटा को चोरी किया गया वे 24 राज्यों और 8 मेट्रो शहर से संबंधित थे और इनमें से ज्यादातर डाटा स्टूडेंट्स का था जो ऐड टेक कंपनी से चुराया गया था। सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात तो यह है कि इनमें ऐसी कंपनियों का डाटा शामिल है जिन्हें आप और हम रोजमर्रा की जिंदगी में प्रयोग करते हैं। इनमें Bayju, Vedantu, Instagram, Amazon, Netflix, YouTube, Paytm, PhonePay, Zomato, Policybazaar, UPSTOX, Bookmyshow, Polycibaazar और कैब कंपनियों का डाटा शामिल है।
क्या हैं Data Leak करने के तरीके?
डाटा लीक से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने से पहले आपका यह जान लेना जरुरी है कि हर एक कंपनी का अपना एक स्ट्रांग सिक्योर सर्वर होता है जो अपने यूजर्स के डाटा को सुरक्षित रखने का काम करता है। लेकिन भारत में ऐसी कई कम्पनियाँ हैं जिनमें स्ट्रांग और सिक्योर सर्वर की सुविधा मौजूद नहीं थी और साइबर क्रिमिनल्स ने इन्हीं जगहों से भारी मात्रा में डाटा चुराया।
साइबर क्रिमिनल्स इन सेंसिटिव डाटा को चुरा कर डार्क वेब में इनकी खरीद फरोख्त के लिए बोली लगाते हैं और काफी अच्छे रेट पर इन्हें बेच देते हैं। आपके डाटा का मिसयूज कई तरह से हो सकता है जैसे आपकी डेट ऑफ़ बर्थ, नाम, पासवर्ड, मोबाइल नंबर, यूज़रनेम, लोकेशन, ऐड्रेस, अकाउंट नंबर, यूज़र के बर्ताव से लेकर उनकी कार्यविधि और कूकीज़ डेटा तक शामिल होते हैं। इन डाटा के बदले में आपको धमकाया जा सकता है और आपसे पैसे मांगे जा सकते हैं।
मेट्रो स्टेशन से Data Leak
तेज़ी से आगे बढ़ती हुई इस दुनिया में आज मेट्रो ट्रेंस और मेट्रो स्टेशन की कितनी ज्यादा अहमियत है, इससे कोई भी अनभिज्ञ नहीं होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस मेट्रो में आप रोजाना सफऱ करते हैं वो आपके डाटा लीक का एक अड्डा बन चुका है। मेट्रो स्टेशन के आस पास मौजूद मोबाइल या डिवाइस चार्जिंग पॉइंट्स आपके डाटा को कुछ ही मिनटों में कॉपी कर लेते हैं और फिर उसका मिसयूज करते हैं। ऐसे में आपको यह सुझाव दिया जाता है कि अनजान जगहों पर अपने मोबइाल या डिवाइस को चार्जिंग में लगाने से बचें।
Data Leak से बचाव
यूजर्स को अपने मोबाइल से ऐसी एप्लीकेशन हटा देनी चाहिये जिनका वे रेग्युलर प्रयोग नहीं करते हैं। इसके अलावा अपने मोबाइल में प्रयोग किये जाने वाले सोशल मीडिया एप्लीकेशन के पासवर्ड को समय समय पर बदलते रहे, लम्बे समय तक एक ही पासवर्ड न डाल कर रखें। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सेंसिटिव और प्राइवेट बातें करने से बचें। हो सकता है कि आपकी इस बातचीत पर किसी की नज़र हो!