Gujrat Political News : प्रधानमंत्री की अगुवाई में भारत का सम्मान दुनिया में बढ़ा: डा. महेश शर्मा

GUJARAT
India's respect has increased in the world under the leadership of the Prime Minister: Dr. Mahesh Sharma
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 08:15 AM
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Gujrat Political News : राजकोट । गौतमबुद्धनगर के सांसद व पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा. महेश शर्मा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में आज भारत का नाम दुनिया में आदर के साथ लिया जा रहा है। आज समूची दुनिया भारत की ओर देखती है। गौतमबुद्धनगर लोकसभा क्षेत्र से सांसद व त्रिपुरा प्रभारी डा. महेश शर्मा इन दिनों गुजरात में भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। सांसद डा. शर्मा ने मोरबी विधानसभा में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ भाजपा प्रत्याशी कांतिलाल अमृतिया के पक्ष में हुई एक जनसभा को संबोधित किया। डा. महेश शर्मा ने गुजरात के लोगों का धन्यवाद जताते हुए कहा कि उन्होंने ही प्रधानमंत्री मोदी को बार-बार चुनकर इतना लोकप्रिय बनाया जिसकी वजह से आज देश की बागडोर उनके हाथ में है। बेहतर अर्थव्यवस्था की बात हो अथवा जनकल्याणकारी योजनाओं के जरिए जनता को राहत पहुंचाने की बात हो। दुनिया भारत की ओर देखती है।

Gujrat Political News :

  जनसभा से पूर्व डा. महेश शर्मा ने मोरबी विधानसभा के चुनाव कार्यालय पर विधानसभा प्रभारी अनिल भाई मेहता और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ राज्य में चुनाव को लेकर मंत्रणा भी की।
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Moon Mission of NASA : मून मिशन ‘आर्टेमिस-1’ कुछ ही देर में लांच करेगी नासा

Moon
NASA will launch Moon Mission 'Artemis-1' shortly
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 12:20 AM
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Washington : वाशिंगटन। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा अपने मून मिशन ‘आर्टेमिस-1’ को लगभग डेढ़ महीने के बाद एक बार फिर अब से कुछ ही देर में लांच करने की तैयारी कर रही है। बता दें कि ये लान्चिंग आज यानि 16 नवंबर को सुबह 11.34 से दोपहर 1.34 के बीच फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से होगी। यह नासा की तीसरी कोशिश है। इससे पहले 29 अगस्त और 3 सितंबर को भी राकेट लान्च करने का प्रयास किया गया था, लेकिन तकनीकी खराबी के चलते इसे टाल दिया गया था।

Moon Mission of NASA :

आर्टेमिस मिशन मैनेजर माइक सैराफिन ने कहा कि हाल ही में फ्लोरिडा में आए निकोल तूफान ने स्पेसक्राफ्ट के एक पार्ट को ढीला कर दिया है। इसकी वजह से लिफ्ट आफ के वक्त दिक्कत हो सकती है। इसलिए हमारी टीम इस समस्या को रिव्यू कर रही है। यदि किसी कारण 16 नवंबर को राकेट लान्च नहीं होता है, तो नई तारीख 19 या 25 नवंबर हो सकती है। अमेरिका 53 साल बाद अपने मून मिशन आर्टेमिस के जरिए इंसानों को चांद पर एक बार फिर से भेजने के लिए तैयारियां कर रहा है। आर्टेमिस-1 इसी दिशा में पहला कदम है। यह मेन मिशन के लिए एक टेस्ट फ्लाइट है, जिसमें किसी एस्ट्रोनाट को नहीं भेजा जाएगा। इस फ्लाइट के साथ वैज्ञानिकों का लक्ष्य यह जानना है कि क्या अंतरिक्ष यात्रियों के लिए चांद के आसपास सही हालात हैं या नहीं। साथ ही एस्ट्रोनाट्स चांद पर जाने के बाद पृथ्वी पर सुरक्षित लौट सकेंगे या नहीं।

Moon Mission of NASA :

नासा का ‘स्पेस लान्च सिस्टम मेगाराकेट’ और ‘ओरियन क्रू कैप्सूल’ चंद्रमा पर पहुंचेंगे। आमतौर पर क्रू कैप्सूल में एस्ट्रोनाट्स रहते हैं, लेकिन इस बार यह खाली रहेगा। ये मिशन 42 दिन 3 घंटे और 20 मिनट का है, जिसके बाद यह धरती पर वापस आ जाएगा। स्पेसक्राफ्ट कुल 20 लाख 92 हजार 147 किलोमीटर का सफर तय करेगा। बता दें कि कुछ दिनों पहले ही नासा को अपना बहुप्रतिक्षित मिशन ‘तजमउपे-1’ वापस लेना पड़ा था। नासा को फिलहाल इस मिशन को स्थगित कर इसको वापस व्हीकल असेंबली बिल्डिंग में भेजने का फैसला करना पड़ा है। यूनिवर्सिटी आफ कोलोराडो बोल्डर के प्रोफेसर और वैज्ञानिक जैक बर्न्स का कहना है कि आर्टेमिस-1 का राकेट ‘हैवी लिफ्ट’ है और इसमें अब तक के राकेट्स के मुकाबले सबसे शक्तिशाली इंजन लगे हैं। यह चंद्रमा के आर्बिट (कक्षा) तक जाएगा, कुछ छोटे सेटेलाइट्स छोड़ेगा और फिर खुद आर्बिट में ही स्थापित हो जाएगा।

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बता दें कि 2024 के आस-पास आर्टेमिस-2 को लान्च करने की प्लानिंग है। इसमें कुछ एस्ट्रोनाट्स भी जाएंगे, लेकिन वे चांद पर कदम नहीं रखेंगे। वे सिर्फ चांद के आर्बिट में घूमकर वापस आ जाएंगे। हालांकि इस मिशन की अवधि ज्यादा होगी। फिलहाल एस्ट्रोनाट्स की कंफर्म लिस्ट सामने नहीं आई है। इसके बाद फाइनल मिशन आर्टेमिस-3 को रवाना किया जाएगा। इसमें जाने वाले अंतरिक्ष यात्री चांद की सतह पर उतरेंगे। यह मिशन 2025 या 2026 के आसपास लान्च हो सकता है। पहली बार महिलाएं भी ह्यूमन मून मिशन का हिस्सा बनेंगी। बर्न्स के मुताबिक पर्सन आफ कलर (श्वेत से अलग नस्ल का व्यक्ति) भी क्रू मेम्बर होगा। ये चांद के साउथ पोल में मौजूद पानी और बर्फ पर रिसर्च करेंगे। नासा आफिस आफ द इंस्पेक्टर जनरल के एक आडिट के अनुसार, 2012 से 2025 तक इस प्रोजेक्ट पर 93 बिलियन डालर यानी 7,434 अरब रुपये का खर्चा आएगा। वहीं, हर फ्लाइट 4.1 बिलियन डालर यानी 327 अरब रुपये की पड़ेगी। इस प्रोजेक्ट पर अब तक 37 बिलियन डालर यानी 2,949 अरब रुपये खर्च किए जा चुके हैं।