ISRO News भारत की शान और विश्व का सर्वश्रेष्ठ स्पेस ऑर्गेनाइजेशन है (ISRO) । प्रधानमंत्री मोदी ने 1918 में गगनयान मिशन की घोषणा की थी जो 2022 में पूरा होना था लेकिन कोरोना के कारण इसमें देरी हुई अब इसे 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इस समय इंडियन रिसर्च स्पेस ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) 21 अक्टूबर को गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट भेजने जा रहा है। इसके बाद तीन और टेस्ट फ्लाइट भेजी जाएंगी। जिसकी विधिवत जानकारी ISRO के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने शनिवार को दी है। सोमनाथ ने मदुरै में मीडिया से बातचीत में कहा- 21 अक्टूबर को पहली टेस्ट व्हीकल डेवलपमेंट फ्लाइट (TV-D1) के बाद हमने D2, D3 और D4 की प्लानिंग की है। इस टेस्ट के माध्यम से हम क्रू मॉड्यूल को आउटर स्पेस में लॉन्च करेंगे, पृथ्वी पर वापस लाएंगे और बंगाल की खाड़ी में टचडाउन के बाद इसे रिकवर करना शामिल किया है। क्रू मॉड्यूल गगनयान मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों को आउटर स्पेस में ले जाएगा।
अगले साल मानव मिशन लॉन्च करने की योजना
इसरो ने अगले साल की शुरुआत में गगनयान मिशन के तहत मिशन का पहला अनमैन्ड मिशन प्लान किया है। अनमैन्ड मिशन के सफल होने के बाद मैन्ड मिशन होगा, जिसमें इंसान स्पेस में जाएंगे।
इसरो ने की थी पैराशूट की टेस्टिंग
ISRO ने गगनयान मिशन के लिए इससे पहले ड्रैग पैराशूट का सफल परीक्षण 8 से 10 अगस्त के बीच चंडीगढ़ में किया था। ये पैराशूट एस्ट्रोनॉट्स की सेफ लैंडिंग में मदद करेगा। यह क्रू मॉड्यूल की स्पीड को कम करेगा, साथ ही उसे स्थिर भी रखेगा। इसके लिए एस्ट्रोनॉट्स की लैंडिंग जैसी कंडीशन्स टेस्टिंग के दौरान क्रिएट की गई थीं।
तीन एस्ट्रोनॉट 400 KM ऊपर जाएंगे, 3 दिन बाद लौटेंगे
3 दिनों के मिशन के लिए 3 सदस्यों के दल को 400 KM ऊपर पृथ्वी की कक्षा में भेजा जाएगा। इसके बाद क्रू मॉड्यूल को सुरक्षित रूप से समुद्र में लैंड कराया जाएगा। अगर भारत अपने मिशन में कामयाब रहा तो वो ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इसे पहले अमेरिका, चीन और रूस ऐसा कर चुके हैं।
- 12 अप्रैल 1961 को सोवियत रूस के यूरी गागरिन 108 मिनट तक स्पेस में रहे।
- 5 मई 1961 को अमेरिका के एलन शेफर्ड 15 मिनट स्पेस में रहे।
- 15 अक्टूबर 2003 को चीन के यांग लिवेड 21 घंटे स्पेस में रहे।
एस्ट्रोनॉट की ट्रेनिंग बेंगलुरु में
इसरो इस मिशन के लिए चार एस्टोनॉट्स को ट्रेनिंग दे रहा है। बेंगलुरु में स्थापित एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फैसिलिटी में क्लासरूम ट्रेनिंग, फिजिकल फिटनेस ट्रेनिंग, सिम्युलेटर ट्रेनिंग और फ्लाइट सूट ट्रेनिंग दी जा रही है। इसरो भविष्य के मानव मिशनों के लिए टीम का विस्तार करने की योजना भी बना रहा है। गगनयान मिशन के लिए करीब 23 अरब रुपए का बजट आवंटित किया गया है।
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