Aero India 2023 : निगरानी अभियान के लिये सौर ऊर्जा से चलने वाले ड्रोन का एयरो इंडिया में प्रदर्शन

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Solar powered drones on display for surveillance operations at Aero India
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 05:07 PM
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बेंगलुरु। ड्रोन क्षेत्र की स्टार्टअप कंपनी गरुड़ एयरो स्पेस ने बुधवार को सौर ऊर्जा से चलने वाले ड्रोन 'सूरज' का यहां एयरो इंडिया 2023 में अनावरण किया। इसे खास तौर पर निगरानी अभियानों के लिये डिजाइन किया गया है। प्रधानमंत्री के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख डॉ. सतीश रेड्डी ने इसका अनावरण किया।

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Aero India 2023

कंपनी के मुताबिक, सूरज एक आईएसआर (खुफिया, निगरानी, टोही) अत्यधिक ऊंचाई वाला ड्रोन है, जिसे विशेष रूप से निगरानी अभियानों के लिए तैयार किया गया है, जो 'आला कमान को वास्तविक समय के हालात की जानकारी प्रदान करता है और जमीन पर तैनात जवानों की सुरक्षा में मदद करता है। कंपनी ने कहा कि ड्रोन के अद्वितीय जे-आकार के पंख सौर ऊर्जा से चलने वाले सेल से युक्त हैं, जो इसके प्राथमिक ईंधन स्रोत के रूप में काम करते हैं, जबकि एक सहायक बैटरी अतिरिक्त प्रणोदन या आवश्यकतानुसार गति कम करने का काम करती है।

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ड्रोन में हाई रेजोल्यूशन कैमरे के साथ ही थर्मल इमेजनरी और लिडार सेंसर भी लगे हैं। इसकी अधिकतम क्षमता 10 किलोग्राम है। स्टार्ट-अप ने कहा कि यह अत्याधुनिक तकनीक वास्तविक समय में फोटो और वीडियो को लेकर प्रसारित करेगी। यह सुनिश्चित करेगी कि रणनीतिक संचालन और तैयारियों की योजना बनाने से पहले मुख्यालय और बेस के पास महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध हो। उसने बताया कि यह ड्रोन 12 घंटों तक उड़ान भर सकता है और 3000 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Drone technology: ड्रोन निर्माता आइडियाफोर्ज ने किया आईपीओ का आवेदन

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Drone technology
locationभारत
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calendar01 Dec 2025 08:56 AM
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Drone technology: नई दिल्ली। ड्रोन बनाने वाली कंपनी आइडियाफोर्ज टेक्नोलॉजी ने आरंभिक सार्वजानिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये धन जुटाने के लिए शेयर बाजार नियामक सेबी के पास प्राथमिक मंजूरी दस्तावेज जमा किए हैं। कंपनी 300 करोड़ के शेयर जारी करेगी। प्रवर्तक और मौजूदा शेयरधारकों की तरफ से 48,69,712 शेयरों की बिक्री पेशकश भी की जाएगी। कंपनी 60 करोड़ रुपये तक के शेयर जारी कर सकती है।

Drone technology

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास जमा किए गए ड्राफ्ट रेड हेरिंग मसौदा (डीआरएचपी) के मुताबिक, आइडियाफोर्ज 300 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर जारी करेगी। इसके अलावा प्रवर्तक और मौजूदा शेयरधारकों की तरफ से 48,69,712 शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) भी की जाएगी। इसके अलावा कंपनी 60 करोड़ रुपये तक के शेयर जारी करने पर भी विचार कर सकती है। मुंबई स्थित आइडियाफोर्ज टेक्नोलॉजी की स्थापना 2007 में हुई थी। इसने देश भर में सबसे ज्यादा स्वदेशी मानव-रहित हवाई वाहन (यूएवी) तैनात किए हुए हैं। इसके ग्राहकों में सशस्त्र बल, केंद्रीय पुलिस बल, राज्यों के पुलिस विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग और वन विभाग शामिल हैं।

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Small Satellite launch : इसरो ने एसएसएलवी की सफलता के साथ लघु उपग्रह प्रक्षेपण बाजार में कदम रखा

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Small Satellite launch: ISRO enters small satellite launch market with the success of SSLV
locationभारत
userचेतना मंच
calendar10 Feb 2023 06:03 PM
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Small Satellite launch : लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (small satellite launch vehicle) एलवी डी2 ने शुक्रवार को यहां से उड़ान भरने के बाद ईओएस-07 उपग्रह एवं दो अन्य उपग्रहों को उनकी कक्षा में स्थापित कर दिया और इसी के साथ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एसएसएलवी क्षेत्र में शुक्रवार को अपनी पहली सफलता हासिल कर ली।इसरो को कुछ महीनों पहले अपने पहले मिशन में अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पाए थे।

Small Satellite launch :

  इसरो के इस साल के पहले मिशन और एसएसएलवी की दूसरी ‘विकास उड़ान’ के दौरान अद्भुत संयोग देखने को मिला। इसे सुबह नौ बजकर 18 मिनट पर प्रक्षेपित किया था और सात अगस्त 2022 को यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एसएसएलवी ने ठीक इसी समय पहली विकास उड़ान भरी थी। पहली विकास उड़ान कक्षा संबंधी विसंगति और रॉकेट के उड़ान पथ से भटक जाने के कारण अपेक्षित परिणाम हासिल नहीं कर सकी थी। एसएसएलवी के पहले अपेक्षा पर खरे नहीं उतर पाने के कारण दूसरी विकास उड़ान में ‘‘सुधारात्मक कदम’’ उठाए गए थे।इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने राहत की सांस लेते हुए कहा कि एसएसएलवी ने अपनी दूसरी उड़ान में तीन उपग्रहों को उनकी सटीक कक्षा में स्थापित किया।उन्होंने सभी के चेहरे पर मुस्कान लाने वाले सफल प्रक्षेपण के तुरंत बाद ‘मिशन कंट्रोल सेंट्रल’ (एमसीसी) से कहा, ‘‘ भारत के अंतरिक्ष समुदाय को बधाई... हमारे पास एक नया प्रक्षेपण यान है, लघु उपग्रह एसएसएलवी। एसएलएलवी डी2 ने अपनी दूसरी कोशिश में उपग्रहों को उनकी अपेक्षित कक्षा में सटीकता से स्थापित कर दिया। तीनों उपग्रह दलों को बधाई।’’ सोमनाथ ने कहा कि पिछले एसएसएलवी प्रक्षेपण से संबंधित सभी समस्याओं की पहचान की गई है, सुधारात्मक कदम उठाए गए और उचित समय पर उन्हें लागू किया गया।मिशन निदेशक एस विनोद ने कहा कि इसरो टीम ने सात अगस्त, 2022 की विफलता के तुरंत बाद ‘‘वापसी’’ की।उन्होंने कहा कि इसरो के पास प्रक्षेपण वाहन समुदाय के लिए अब एक ‘‘नया प्रक्षेपण यान’’ है। इससे पहले, 34 मीटर लंबे एसएसएलवी ने साढ़े छह घंटे की उल्टी गिनती के बाद सुबह नौ बजकर 18 मिनट पर साफ आसमान में पृथ्वी प्रेक्षण उपग्रह ईओएस-07 और दो अन्य उपग्रहों- अमेरिका के अंतारिस द्वारा निर्मित जानुस-1 और चेन्नई स्थित ‘स्पेस किड्ज इंडिया’ के आजादीसैट-2 के साथ उड़ान भरी।रॉकेट ने करीब 15 मिनट की उड़ान के बाद उपग्रहों को 450 किलोमीटर की अपेक्षित वृत्ताकार कक्षा में स्थापित कर दिया।ईओएस-07 156.3 किलोग्राम वजनी उपग्रह है, जिसे इसरो ने बनाया और विकसित किया है। नए प्रयोगों में ‘एमएम-वेव ह्यूमिडिटी साउंडर’ और ‘स्पेक्ट्रम मॉनिटरिंग पेलोड’ शामिल हैं।इसरो ने बताया कि अमेरिका द्वारा निर्मित जानुस-1 10.2 किलोग्राम वजनी है। यह स्मार्ट उपग्रह मिशन है।

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उसने कहा कि आजादीसैट-2 8.2 किलोग्राम वजनी उपग्रह है। आजादीसैट को ‘स्पेस किड्ज इंडिया’ के मार्गदर्शन में भारत की करीब 750 छात्राओं के प्रयास से बनाया गया है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इसका उद्देश्य रेडियो संचार क्षमताओं का प्रदर्शन करना, विकिरण को मापना आदि है।इसरो ने बताया कि एसएसएलवी लघु, सूक्ष्म या नैनो उपग्रहों (10 से 500 किग्रा द्रव्यमान) को 500 किलोमीटर की समतलीय कक्षा में प्रक्षेपित करने में सक्षम है। यह मांग के आधार पर पृथ्वी की निचली कक्षाओं में उपग्रहों का प्रक्षेपण करता है। यह अंतरिक्ष कम लागत वाली पहुंच प्रदान करता है। प्रक्रिया का कम समय और कई उपग्रहों को समायोजित करने का लचीलापन इसकी खासियत है और इसे प्रक्षेपण के लिए न्यूनतम अवसंचना की आवश्यता होती है। इसमें तीन ठोस प्रणोदन चरण और एक वेग टर्मिनल मॉड्यूल है।