Jammu and Kashmir : देश के सबसे लंबे सुरंग के एक हिस्से का उद्घाटन इसी वर्ष : गडकरी

Jammu and Kashmir : देश के सबसे लंबे सुरंग के एक हिस्से का उद्घाटन इसी वर्ष : गडकरी
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userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 05:10 PM
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जोजिला (जम्मू-कश्मीर)। जम्मू-कश्मीर को हर मौसम में लद्दाख से जोड़ने के मकसद से बनाई जा रही जोजिला सुरंग के निर्माण कार्य का नितिन गडकरी ने जायजा लिया। इस दौरान उनके साथ संसदीय समिति के सदस्य भी मौजूद थे।

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कश्मीर घाटी को कन्याकुमारी से जोड़ने के एक सपने का हिस्सा है सुरंग

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 13 सदस्यीय सलाहकार समिति के साथ सुरंग के निर्माण स्थल का दौरा करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि यह ऐतिहासिक सुरंग परियोजना कश्मीर घाटी को कन्याकुमारी से जोड़ने के एक सपने का हिस्सा है। उन्होंने करीब 11,500 फीट की ऊंचाई पर निर्माण कार्यों का जायजा लेने के बाद कहा कि यह भारत के इतिहास में एक ऐतिहासिक एवं महत्वपूर्ण सुरंग है। इस सुरंग की लंबाई एशिया में सबसे अधिक रहने की संभावना है।

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13 किलोमीटर है मुख्य सुरंग की लंबाई

श्रीनगर-करगिल-लेह राजमार्ग पर यह सुरंग जोजिला दर्रे से होकर गुजरेगी। यह सुरंग परियोजना सामरिक नजरिये से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण राजमार्ग बंद हो जाता है, जिससे लद्दाख क्षेत्र का कश्मीर घाटी से संपर्क टूट जाता है। जोजिला सुरंग कश्मीर के गांदरबल जिले में बालटाल को लद्दाख में करगिल जिले के द्रास कस्बे में मिनिमार्ग से जोड़ेगी। सोनमर्ग से बालटाल तक 18 किलोमीटर लंबा संपर्क मार्ग है, जबकि मुख्य सुरंग की लंबाई 13 किलोमीटर है।

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सुरंग के 38 फीसदी हिस्से का उद्घाटन इसी साल

गडकरी ने जोजिला सुरंग का जिक्र करते हुए कहा कि इस परियोजना की अनुमानित लागत 12,000 करोड़ रुपये थी, लेकिन विशेषज्ञों एवं अंतरराष्ट्रीय सलाहकारों के साथ चर्चा के बाद इसकी लागत में 5,000 करोड़ रुपये तक की कटौती करने में सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि यह हमारे देश के लिए पहला मौका है, जब हम किसी परियोजना की अनुमानित लागत में 5,000 करोड़ रुपये की बचत करने जा रहे हैं। यहां पर काम करना बहुत मुश्किल है। लोग शून्य से 26 डिग्री सेल्सियस नीचे में काम कर रहे हैं। गडकरी ने कहा कि इस सुरंग का 38 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। आम लोगों को राहत देने के लिए इस परियोजना के एक हिस्से का उद्घाटन इसी साल कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि परियोजना पूरी होने पर पूरे इलाके में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

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गडकरी ने जेड मोड़ सुरंग को भी देखा

बाद में गडकरी ने जेड मोड़ सुरंग के निर्माण कार्य का भी जायजा लिया। उन्होंने इस सुरंग के इस साल अक्टूबर में शुरू होने की उम्मीद जताई। यह सुरंग गगनगीर को सोनमर्ग से जोड़ने का काम करेगी, जिससे मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में हर मौसम के अनुकूल संपर्क सुविधा मिल सकेगी। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Science on Tap : अब पैग के साथ करें ब्रह्मांड की चर्चा

Wine
Now discuss the universe with a sip of wine
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 09:44 PM
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पुणे (महाराष्ट्र)। विज्ञान और आम लोगों के बीच खाई को पाटने के लिए एक जलवायु विज्ञानी ने पुणे शहर में अनूठी पहल की है। इसके तहत पब, लाउंज, कैफे और बार में विज्ञान के विभिन्न विषयों पर बातचीत करने लगे हैं। इसका मकसद लोगों तक विज्ञान की सही जानकारी पहुंचाना है। स्कूलों, कॉलेजों और औपचारिक कार्यक्रमों में विज्ञान के विषयों पर चर्चा आम बात है, लेकिन इस पहले के बाद लोग मशीनों, ब्रह्मांड और जलवायु परिवर्तन जैसे विज्ञान के विभिन्न विषयों पर पब, लाउंज और कैफे में ही नहीं, बल्कि शराब की चुस्की के साथ भी सामान्य बातचीत करने लगे हैं।

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‘विज्ञान ‘प्लस’ शराब की चुस्की ‘माइनस’ गपशप

जलवायु विज्ञानी का फार्मूला है, ‘विज्ञान ‘प्लस’ शराब की चुस्की ‘माइनस’ गपशप और गंभीरता यानी खूब सारा मजा।’ जी हां, आपने बिल्कुल ठीक सुना, भारतीय उष्ण देशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के जलवायु विज्ञानी अनूप महाजन की अगुवाई में पुणे के विज्ञानप्रेमियों का एक समूह अपनी अनूठी ‘साइंस ऑन टैप’ पहल से विज्ञान और आम लोगों के बीच फासला कम करने के मिशन पर है। महाजन ने कहा कि विज्ञान और लोगों के बीच की खाई को कम करने के उद्देश्य से लोगों तक पहुंचने की यह पहल शुरू की गई है।

लोगों तक विज्ञान की सही जानकारी पहुंचाना है मकसद

‘साइंस ऑन टैप’ योजना के पीछे महाजन का ही दिमाग है। उन्होंने कहा कि बहुत सारी गलत सूचनाएं हैं। लोग नहीं जानते कि कौन सी जानकारी सही है और कौन सी गलत है। अधिकतर लोग सोशल मीडिया पर ऐसी जानकारी के संपर्क में हैं, जो असत्यापित हैं और विज्ञान सहित सभी विषयों पर गलत सूचनाएं फैल रही हैं। महाजन ने कहा कि इस तरह के सभी विज्ञान संपर्क कार्यक्रम ऑडिटोरियम, स्कूल और कॉलेजों जैसी औपचारिक जगहों पर होते हैं, जहां पहुंच सीमित है। यहां तक कि अगर हम ऑडिटोरियम में विशेषज्ञों को आमंत्रित करके वार्ता आयोजित करते हैं और उन्हें सभी के लिए खुला रखते हैं, तो भी संभावना है कि लोग नहीं आएंगे।

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सर्वे के बाद किया फैसला

उन्होंने कहा कि इसलिए हमने आम जनता तक पहुंचने का फैसला किया और यह पता लगाने की कोशिश की कि युवा लोग अच्छा समय बिताने के लिए कहां जाते हैं। जवाब था रेस्तरां, लाउंज, कैफे या उनका पसंदीदा बार या पब। इसके बाद चर्चा को ऐसी जगहों पर आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
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Data Leak : सावधान! कहीं आप भी तो नहीं हो रहे डाटा लीक के शिकार

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Keep your devices safe from data leak crimes.
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userचेतना मंच
calendar06 Apr 2023 03:49 PM
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Data Leak की खबरें अक्सर हम सभी सुनते रहते हैं लेकिन इस बार डाटा की चोरी से जुड़ा हुआ जो मामला सामने आया है उसने सभी को हैरानी में डाल दिया है। साइबराबाद पुलिस ने एक ऐसे साइबर क्रिमिनल गैंग का भंडाफोड़ किया है जो 67 करोड़ यूजर्स के डाटा को डार्क वेब पर बेचने की तैयारी में थे। आखिर इतने बड़े पैमाने पर लोगों का डाटा लीक हुआ कैसे? किन तरीकों से डाटा को चुराया जाता है और इस साइबर क्राइम की बढ़ती हुई घटनाओं के कारण आप कैसे अपने डाटा की सुरक्षा कर सकते हैं? ऐसे कई सवाल आपके मन में उठ रहे होंगे, तो चलिए जानते हैं Data Leak की पूरी कहानी...  

किन यूजर्स का डाटा हुआ लीक?

जिन 67 करोड़ लोगों के डाटा को चोरी किया गया वे 24 राज्यों और 8 मेट्रो शहर से संबंधित थे और इनमें से ज्यादातर डाटा स्टूडेंट्स का था जो ऐड टेक कंपनी से चुराया गया था। सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात तो यह है कि इनमें ऐसी कंपनियों का डाटा शामिल है जिन्हें आप और हम रोजमर्रा की जिंदगी में प्रयोग करते हैं। इनमें Bayju, Vedantu, Instagram, Amazon, Netflix, YouTube, Paytm, PhonePay, Zomato, Policybazaar, UPSTOX, Bookmyshow, Polycibaazar और कैब कंपनियों का डाटा शामिल है।

क्या हैं Data Leak करने के तरीके?

डाटा लीक से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने से पहले आपका यह जान लेना जरुरी है कि हर एक कंपनी का अपना एक स्ट्रांग सिक्योर सर्वर होता है जो अपने यूजर्स के डाटा को सुरक्षित रखने का काम करता है। लेकिन भारत में ऐसी कई कम्पनियाँ हैं जिनमें स्ट्रांग और सिक्योर सर्वर की सुविधा मौजूद नहीं थी और साइबर क्रिमिनल्स ने इन्हीं जगहों से भारी मात्रा में डाटा चुराया। साइबर क्रिमिनल्स इन सेंसिटिव डाटा को चुरा कर डार्क वेब में इनकी खरीद फरोख्त के लिए बोली लगाते हैं और काफी अच्छे रेट पर इन्हें बेच देते हैं। आपके डाटा का मिसयूज कई तरह से हो सकता है जैसे आपकी डेट ऑफ़ बर्थ, नाम, पासवर्ड, मोबाइल नंबर, यूज़रनेम, लोकेशन, ऐड्रेस, अकाउंट नंबर, यूज़र के बर्ताव से लेकर उनकी कार्यविधि और कूकीज़ डेटा तक शामिल होते हैं। इन डाटा के बदले में आपको धमकाया जा सकता है और आपसे पैसे मांगे जा सकते हैं।

मेट्रो स्टेशन से Data Leak

तेज़ी से आगे बढ़ती हुई इस दुनिया में आज मेट्रो ट्रेंस और मेट्रो स्टेशन की कितनी ज्यादा अहमियत है, इससे कोई भी अनभिज्ञ नहीं होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस मेट्रो में आप रोजाना सफऱ करते हैं वो आपके डाटा लीक का एक अड्डा बन चुका है। मेट्रो स्टेशन के आस पास मौजूद मोबाइल या डिवाइस चार्जिंग पॉइंट्स आपके डाटा को कुछ ही मिनटों में कॉपी कर लेते हैं और फिर उसका मिसयूज करते हैं। ऐसे में आपको यह सुझाव दिया जाता है कि अनजान जगहों पर अपने मोबइाल या डिवाइस को चार्जिंग में लगाने से बचें।

Data Leak से बचाव

यूजर्स को अपने मोबाइल से ऐसी एप्लीकेशन हटा देनी चाहिये जिनका वे रेग्युलर प्रयोग नहीं करते हैं। इसके अलावा अपने मोबाइल में प्रयोग किये जाने वाले सोशल मीडिया एप्लीकेशन के पासवर्ड को समय समय पर बदलते रहे, लम्बे समय तक एक ही पासवर्ड न डाल कर रखें। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सेंसिटिव और प्राइवेट बातें करने से बचें। हो सकता है कि आपकी इस बातचीत पर किसी की नज़र हो!

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