Tuesday, 23 April 2024

Two transgenders doctor : तेलंगाना: दो ट्रांसजेंडरों ने डाक्टर बन इतिहास रचा

Two transgenders doctor : हैदराबाद। ट्रांसजेंडर बनने के बाद समाज व निजी जीवन की चुनौतियों से टक्कर लेने वाले ट्रांसजेंडर…

Two transgenders doctor : तेलंगाना: दो ट्रांसजेंडरों ने डाक्टर बन इतिहास रचा

Two transgenders doctor : हैदराबाद। ट्रांसजेंडर बनने के बाद समाज व निजी जीवन की चुनौतियों से टक्कर लेने वाले ट्रांसजेंडर आपका इलाज करेंगे। अब आप उनको तिरस्कृत नहीं करेंगे बल्कि गले से लगाएंगे। क्योंकि, इस लायक बन कर उन्होंने यह साबित कर दिया है। चिकित्सा की पढ़ाई पूरी करने वाले दो ट्रांसजेंडरों ने तेलंगाना में प्रथम ट्रांसजेंडर डॉक्टर बनकर इतिहास रचा है।

प्राची राठौड़ और रूथ जॉनपॉल हाल में चिकित्सा अधिकारियों के रूप में सरकारी उस्मानिया जनरल अस्पताल (ओजीएच) से जुड़े। राठौड़ को उनकी लैंगिक पहचान की वजह से शहर के एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ने नौकरी से निकाल दिया था। उन्होंने आदिलाबाद के एक चिकित्सा महाविद्यालय से 2015 में एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की थी।

Two transgenders doctor :

उन्होंने बातचीत में सामाजिक दाग और बचपन से उनके साथ होते आये भेदभाव को साझा किया। उन्होंने कहा, आपकी सारी उपलब्धियों के बावजूद दाग और भेदभाव कभी नहीं जाता।

राठौड़ स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिए दिल्ली गयी थीं लेकिन प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण उन्हें हैदराबाद लौट आना पड़ा। उन्होंने यहां एक अस्पताल में काम करते हुए आपात चिकित्सा में डिप्लोमा किया।

राठौड़ ने तीन साल तक शहर के एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में काम किया लेकिन लैंगिक पहचान की वजह से उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया क्योंकि अस्पताल ने महसूस किया कि इसकी वजह से मरीजों की संख्या घट सकती है।

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बाद में एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) उनकी मदद के लिए आगे आया और उन्हें इस एनजीओ के क्लीनिक में नौकरी मिली। आगे चलकर उन्हें ओजीएच में काम मिला।

वैसे तो उन्होंने बचपन में डॉक्टर बनने का सपना देखा था लेकिन जब वह 11वीं-12वीं कक्षा में पहुंची तो उनके सामने सबसे बड़ी चिंता इसी बात को लेकर थी कि अन्य विद्यार्थियों के तानों से कैसे पार पाया जाए।

राठौड़ ने कहा, वाकई यह बुरा समय था। डॉक्टर बनने के बारे में सोचने के बजाय बड़ा मुद्दा था कि जिंदगी कैसी जीऊं और इन चीजों से कैसे उबरूं।

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एक ट्रांसजेंडर के सामने आने वाली परेशानियों का जिक्र करते हुए राठौड़ ने कहा कि नौकरियों एवं शिक्षा में कुछ आरक्षण देने से इस समुदाय को जीवन में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि जिस तरह अल्पसंख्यकों पर ठोस कार्रवाई को लेकर विचार किया जाता है, उसी तरह ‘लैंगिक अल्पसंख्यकों’ पर उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए गौर किया जाना चाहिए।

डॉक्टर ने कहा, जब आपने हमें लैंगिक पहचान की वजह से तीसरी श्रेणी में डाला है तो मैं सरकार और हमारे साथ भेदभाव करने वालों से पूछना चाहती हूं कि पहली और दूसरी श्रेणी क्या है। दूसरे ट्रांसजेंडर जॉनपॉल से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पायी है।

 

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