Bangalore Stampede

Bangalore Stampede :  आईपीएल खिताब जीतने के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) द्वारा अचानक निकाले गए विजय जुलूस को लेकर बेंगलुरु में मची भगदड़ पर केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) ने सख्त रुख अपनाया है। ट्रिब्यूनल ने इस हादसे की सीधी जिम्मेदारी RCB पर डालते हुए कहा है कि इतनी बड़ी भीड़ को लेकर कोई योजना या पुलिस से अनुमति नहीं ली गई थी, जिससे हालात बेकाबू हो गए और 11 लोगों की जान चली गई।CAT ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा –  तीन से पांच लाख की भीड़ अचानक सड़कों पर उतर आई, जिसके लिए RCB जिम्मेदार है। बिना किसी पूर्व सूचना या अनुमति के सोशल मीडिया पर विजय जुलूस की घोषणा करना पूरी तरह असावधानीपूर्ण कदम था।

पुलिस से चमत्कार की उम्मीद नहीं की जा सकती

न्यायाधिकरण ने स्पष्ट किया कि पुलिस प्रशासन को ऐसी विशाल भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त समय और संसाधन नहीं दिए गए। आदेश में कहा गया, RCB द्वारा फैलाई गई अव्यवस्था के बीच पुलिसकर्मियों से 12 घंटे में सारी व्यवस्था कर लेने की अपेक्षा करना अवास्तविक है। पुलिस न तो भगवान है, न जादूगर और न ही उनके पास कोई अलादीन का चिराग है जिससे वे चुटकी में हालात काबू में कर लें। RCB ने 4 जून को IPL ट्रॉफी जीतने के बाद अचानक सोशल मीडिया पर विजय जुलूस की घोषणा कर दी थी।

यह घोषणा किसी तरह की पूर्व अनुमति या प्रशासनिक तैयारी के बगैर की गई। CAT ने कहा कि इसी लापरवाही के कारण भारी भीड़ सड़कों पर उमड़ पड़ी, जिससे भगदड़ की स्थिति बनी। आदेश में यह भी बताया गया कि घटना की रात यानी 3 और 4 जून को पहले से ही सड़कों पर भारी भीड़ मौजूद थी। साथ ही विधान सौधा में राज्य सरकार का एक और आयोजन चल रहा था, जिससे पुलिस बल पहले से तनाव में था। ऐसे में RCB का अचानक आयोजन और भीड़ की अप्रत्याशित आमद ने स्थिति को बिगाड़ दिया।

पुलिस अधिकारी की याचिका पर आया फैसला

यह सख्त टिप्पणी उस समय आई जब बेंगलुरु के एक पुलिस अधिकारी ने अपने निलंबन के खिलाफ CAT में याचिका दायर की थी। न्यायाधिकरण ने स्पष्ट किया कि अधिकारी को दोषी ठहराना अनुचित होगा क्योंकि उन्हें हालात से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन और समय ही नहीं दिया गया।    Bangalore Stampede

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