Thursday, 3 October 2024

पुराने वाहनों को कबाड़ में दें और पाएं रोड टैक्स में भारी छूट

नई दिल्ली। नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत अपने पुराने वाहनों को कबाड़ में देकर नए वाहनों को लेने वाले मालिकों…

पुराने वाहनों को कबाड़ में दें और पाएं रोड टैक्स में भारी छूट

नई दिल्ली। नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत अपने पुराने वाहनों को कबाड़ में देकर नए वाहनों को लेने वाले मालिकों के लिए केंद्र सरकार एक तोहफा दिया है। अब नई स्क्रैप नीति के तहत नए वाहनों के लिए वाहन के मालिक को रोड टैक्स पर 25 फीसदी की छूट दी जाएगी। ये छूट राज्य सरकार देगी। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर इस बारे में जानकारी दी और राज्यों को छूट देने के निर्देश दिए। मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि गाड़ी कबाड़ नीति के तहत वाहन मालिकों को पुराने और पर्यावरण के लिए प्रदूषणकारी वाहनों को छोड़ने को लेकर प्रेरित करने के लिए एक प्रणाली का प्रस्ताव है।

मंत्रालय ने कहा, ‘कबाड़ के लिए वाहन जमा कराने पर मिले प्रमाणपत्र के आधार पर वाहन मालिकों को यह छूट दी जाएगी। प्रेस नोट में कहा गया कि, यह रियायत परिवहन वाहनों के लिए आठ साल तक और निजी वाहनों के मामले में 15 साल तक उपलब्ध होगी। वहीं निजी वाहनों के मामले में 25 प्रतिशत तक और वाणिज्यिक वाहनों के मामले में 15 प्रतिशत तक रोड टैक्स पर छूट का प्रवाधान रखा गया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि इन नए नियमों को (चौबीसवां संशोधन) नियम कहा जा सकता है, और ये 1 अप्रैल, 2022 से लागू होंगे। अधिसूचना में कहा गया है कि, परिवहन वाहनों के मामले में आठ साल बाद, और गैर-परिवहन वाहनों के मामले में पंद्रह साल बाद मोटर वाहन कर में कोई रियायत नहीं दी जाएगी। वहीं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में संयुक्त सचिव अमित वरदान ने अगस्त में कहा कि “केंद्र जल्द ही राज्य सरकारों को नई प्रस्तावित स्क्रैपेज नीति के तहत पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के बाद खरीदे जाने वाले वाहनों के लिए रोड टैक्स पर 25 प्रतिशत तक छूट प्रदान करने के लिए कहेगा। “

इस नई स्क्रैप पॉलिसी के मुताबिक 15 और 20 साल पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप (कबाड़) कर दिया जाएगा। कमर्शियल गाड़ी जहां 15 साल बाद कबाड़ घोषित हो सकेगी, वहीं निजी गाड़ी के लिए यह समय 20 साल है। अगर सीधे शब्दों में कहें तो आपकी 20 साल पुरानी निजी कार को रद्दी माल की तरह कबाड़ में बेच दिया जाएगा। सरकार का दावा है कि स्क्रैपिंग पॉलिसी से वाहन मालिकों का न केवल आर्थिक नुकसान कम होगा, बल्कि उनके जीवन की सुरक्षा हो सकेगी और सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।

आपको बता दें कि इस साल अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुरू की गई राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज नीति के तहत भारी कमर्शियल वाहनों के लिए अनिवार्य फिटनेस परीक्षण 1 अप्रैल 2023 से लागू होने की संभावना है और यह अन्य श्रेणियों के लिए चरणबद्ध तरीके से 1 जून 2024 से लागू होगी।

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