नासा के मून मिशन में हिस्सा बनने का अनोखा मौका

अंतरिक्ष की रहस्यमयी दुनिया हमेशा से ही लोगों को आकर्षित करती रही है, और अब आपके पास भी मौका है नासा के अगले मून मिशन का हिस्सा बनने का।

Nasa Moon Mission
नासा के मून मिशन (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar08 Dec 2025 05:32 PM
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हालांकि, आपको वहां जाने की जरूरत नहीं होगी। नासा की ओर से आर्टमिस II मिशन के तहत चांद पर जाने के लिए रजिस्ट्रेशन का एक नया अवसर दिया गया है, जिसमें आपका नाम चांद तक भेजा जाएगा।

कब शुरू होगा यह मिशन?

नासा का आर्टमिस II मिशन अप्रैल 2026 में लॉन्च होगा, और इसमें चार एस्ट्रोनॉट्स—रीड वाइजमैन, विक्टर ग्लोवर, क्रिस्टीना कोच और कनाडाई एस्ट्रोनॉट जेरेमी हैनसेन—चांद पर जाएंगे। इस ऐतिहासिक मिशन के तहत, ये एस्ट्रोनॉट्स चांद से लगभग 4600 मील आगे तक जाएंगे और फिर पृथ्वी पर लौटेंगे। इस यात्रा का उद्देश्य डीप स्पेस सिस्टम की टेस्टिंग करना और भविष्य में होने वाले मार्स मिशन के लिए डेटा इकट्ठा करना है।

कैसे करें रजिस्ट्रेशन?

नासा के इस मून मिशन में अपने नाम को भेजने के लिए, आपको नासा की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा और "Send your name with Artemis" के विकल्प पर क्लिक करना होगा। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी तरह से फ्री है, और इसमें कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

  1. रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें: अपनी डिटेल्स—जैसे कि पहला और आखिरी नाम—भरें।
  2. पिन सेट करें: अपने रजिस्ट्रेशन के लिए 4 से 7 डिजिट का एक पिन सेट करें। ध्यान रखें, अगर आप यह पिन भूल जाते हैं तो आप इस अवसर को खो सकते हैं।
  3. फॉर्म सबमिट करें: अपनी जानकारी सबमिट करते ही आपको तुरंत एक डिजिटल बोर्डिंग पास मिल जाएगा।

डिजिटल बोर्डिंग पास

रजिस्ट्रेशन करने के बाद आपको एक डिजिटल बोर्डिंग पास प्राप्त होगा। इसे आप अपने कंप्यूटर या मोबाइल में सेव कर सकते हैं, जो भविष्य में इस ऐतिहासिक मिशन से जुड़ी यादगार के तौर पर आपके पास रहेगा।

क्या आपको स्पेसक्राफ्ट में यात्रा का मौका मिलेगा?

महत्वपूर्ण बात यह है कि इस रजिस्ट्रेशन के बाद आपका नाम स्पेसक्राफ्ट में नहीं जाएगा, बल्कि यह केवल एक डिजिटल तरीके से होगा। आपका नाम ओरियन स्पेसक्राफ्ट में लगे एसडी कार्ड में स्टोर किया जाएगा, जो चांद की यात्रा पर जाएगा। इसका मतलब यह है कि आप इस मिशन का हिस्सा तो बन सकते हैं, लेकिन असल में क्रू मेंबर्स के रूप में नहीं। हालांकि, इस यात्रा का हिस्सा बनने से आपको एक ऐतिहासिक मील का पत्थर प्राप्त होगा, जो मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है।

कैसे होगा मिशन का संचालन?

जब ओरियन स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में जाएगा, क्रू पहले दो दिन पृथ्वी के पास सिस्टम टेस्टिंग करेगा। इसके बाद, चांद के चारों ओर यात्रा करने के लिए इसे ट्रांसलूनर इंजेक्शन बर्न से चांद की ओर भेजा जाएगा। इस यात्रा के दौरान, अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा विभिन्न वैज्ञानिक डेटा संग्रहित किया जाएगा, जो भविष्य में होने वाले अन्य अंतरिक्ष मिशनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगा। अंत में, स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करेगा और प्रशांत महासागर में उतरकर मिशन समाप्त होगा।

यह है आपके लिए मौका!

तो अगर आप भी अंतरिक्ष में अपने नाम को भेजने का सपना देख रहे हैं, तो अब इसका मौका है। यह रजिस्ट्रेशन पूरी तरह से फ्री है, और आपको अपने नाम को चांद तक भेजने का एक अनोखा अवसर मिलता है। इस ऐतिहासिक मिशन का हिस्सा बनें और अंतरिक्ष की अद्भुत दुनिया के करीब पहुंचें।

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महिंद्रा की नई XUV 7XO का टीज़र जारी, Hector और Sierra को देगी कड़ी टक्कर

महिंद्रा ने पुष्टि की है कि XUV 7XO को 5 जनवरी 2026 को लॉन्च किया जाएगा। इसी दिन इसकी कीमत का भी खुलासा होगा।

Mahindra's new XUV 7XO
महिंद्रा की नई XUV 7XO का टीज़र (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar08 Dec 2025 04:27 PM
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महिंद्रा ने अपनी आने वाली मिड-Size SUV XUV 7XO का पहला टीज़र जारी कर दिया है। कंपनी इस SUV को 5 जनवरी 2026 को भारत में आधिकारिक रूप से लॉन्च करेगी। 14 सेकंड के छोटे से टीज़र में इसके नए डिजाइन और कुछ प्रीमियम फीचर्स की झलक दिखाई दी, जिससे लॉन्च से पहले ही इसकी चर्चा तेज हो चुकी है।

टीज़र में क्या दिखा?

महिंद्रा के जारी किए गए टीज़र में XUV 7XO का अपडेटेड एक्सटीरियर नज़र आता है।

  • नया L-शेप LED DRL
  • प्रोजेक्टर हेडलाइट्स
  • पीछे L-शेप LED टेल लाइट्स

इन बदलावों से SUV पहले से ज्यादा मॉडर्न और स्टाइलिश दिखाई देती है।

फीचर्स होंगे और भी प्रीमियम

महिंद्रा इस SUV में कई हाई-एंड फीचर्स देने की तैयारी में है। अनुमान है कि XUV 7XO में मिलेगा:

  • नया प्रीमियम इंटीरियर
  • पैनोरमिक सनरूफ
  • ADAS (Advanced Driver Assistance System)
  • हरमन ऑडियो सिस्टम
  • ट्रिपल स्क्रीन सेटअप
  • 360-डिग्री कैमरा

सुरक्षा के लिए इसमें ABS, EBD, 6 एयरबैग, ISOFIX चाइल्ड सीट माउंट जैसे फीचर्स मौजूद रहेंगे।

पेट्रोल और डीजल—दोनों इंजन विकल्प

SUV में दो इंजन विकल्प दिए जाएंगे—

  • 2.0-लीटर टर्बो पेट्रोल
  • 2.2-लीटर टर्बो डीज़ल

दोनों इंजनों के साथ 6-स्पीड मैनुअल और 6-स्पीड ऑटोमैटिक गियरबॉक्स मिलने की संभावना है। इससे यह SUV शहर और हाईवे दोनों पर बेहतरीन परफॉर्मेंस देने में सक्षम होगी।

लॉन्च डेट

महिंद्रा ने पुष्टि की है कि XUV 7XO को 5 जनवरी 2026 को लॉन्च किया जाएगा। इसी दिन इसकी कीमत का भी खुलासा होगा।

किन SUVs से होगा मुकाबला?

लॉन्च के बाद XUV 7XO का सीधा मुकाबला मिड-साइज SUV सेगमेंट की इन गाड़ियों से होगा—

  • MG Hector
  • Tata Sierra
  • Tata Safari
  • Hyundai Creta
  • Honda Elevate
  • Kia Seltos

अपने नए डिजाइन, मजबूत इंजन विकल्प और प्रीमियम फीचर्स की वजह से XUV 7XO इस सेगमेंट में एक मजबूत चुनौती पेश कर सकती है।

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बिहार में ब्रिटिशकालीन क्लॉक टॉवर आज भी बता रहा है समय की कहानी

बिहार के मधुबनी जिले के फुलपरास प्रखंड स्थित धोंधडीहा में आज भी ब्रिटिश शासनकाल की एक अनोखी धरोहर मौजूद है—वाटसन साहब द्वारा बनवाया गया क्लॉक टॉवर। यह टॉवर न केवल इतिहास का साक्षी है बल्कि आज भी स्थानीय लोगों के लिए दिशा-निर्देश का एक अहम केंद्र है।

British-era clock tower in Bihar
बिहार में ब्रिटिशकालीन क्लॉक टॉवर (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar08 Dec 2025 03:17 PM
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बता दें कि जब अंग्रेजों का शासन था, तब आम लोगों के पास घड़ियां होना आम बात नहीं थी। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण घड़ी रखना एक विलासिता मानी जाती थी। ऐसे में क्लॉक टावर शहरों के सबसे ऊंचे स्थानों पर बनाए जाते थे, ताकि लोग दूर से ही समय देख सकें। क्लॉक टावर केवल समय बताने तक सीमित नहीं थे—ये उस समय सामाजिक गतिविधियों, त्योहारों और आपातकालीन घोषणाओं का प्रमुख केंद्र भी होते थे। साथ ही ब्रिटिश सत्ता और प्रशासनिक शक्ति के प्रतीक के रूप में इनका निर्माण करवाया जाता था।

धोंधडीहा का वाटसन क्लॉक टॉवर क्यों है खास?

स्थानीय लोगों के अनुसार, अंग्रेज अधिकारी वाटसन साहब ने धोंधडीहा में कई महत्वपूर्ण निर्माण करवाए थे। इनमें वाटसन हाई स्कूल, केनाल और यह क्लॉक टॉवर प्रमुख हैं। धोंधडीहा उस समय एक महत्वपूर्ण चौक हुआ करता था। यहां से झंझारपुर सहित चारों दिशाओं में अलग-अलग प्रखंड जुड़ते थे। ऐसे में क्लॉक टॉवर लोगों को समय के साथ दिशा बताने का भी काम करता था। आज भी यह टॉवर चौक इलाके के लिए रोड मैप की तरह कार्य करता है।

मरम्मत के बाद नई चमक के साथ खड़ा है टॉवर

कुछ साल पहले यह ऐतिहासिक टॉवर जर्जर स्थिति में था। बाद में जल संसाधन मंत्रालय के प्रयास से इसकी मरम्मत कराई गई। उस समय संजय झा के पास यह मंत्रालय था। उनके द्वारा करवाए गए पुनर्निर्माण के बाद आज यह क्लॉक टॉवर बेहद आकर्षक और मजबूत रूप में खड़ा है। नई बड़ी घड़ी और साफ-सुथरे ढांचे के साथ यह टॉवर फिर से स्थानीय लोगों के लिए समय और दिशा दोनों बताने का भरोसेमंद केंद्र बन गया है।

आज 'टावर चौक' नाम से मशहूर

धोंधडीहा में स्थित यह स्थान अब "टावर चौक" के नाम से प्रसिद्ध है। यहां से धोंधडीहा रेलवे स्टेशन, बड़ा बाजार, ब्लॉक रोड समेत कई महत्वपूर्ण जगहों तक आसानी से जाया जा सकता है। स्थानीय लोगों के लिए यह टॉवर सिर्फ एक पुरानी इमारत नहीं, बल्कि उनकी धरोहर, पहचान और इतिहास से जुड़ी एक भावनात्मक स्मृति है।

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