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इस दिन से शुरू हो जाएगी चार धाम की यात्रा, दर्शन के लिए सेट की गई भक्तों की लिमिट

Uttarakhand Char Dham Yatra

Uttarakhand Char Dham Yatra

Uttarakhand Char Dham Yatra : आने वाले महीने की 10 तारीख को उत्तराखंड में चारधाम की यात्रा का शुभांरभ होने वाला है। यात्रा के लिए अभी तक 19 लाख से ज्यादा श्रद्धालु की ओर से रजिस्ट्रेशन करवाया जा चुके हैं। पिछले साल लगभग 55 लाख भक्त उत्तराखंड में चारधाम के दर्शन करने पहुंचे थे, जिस वजह से कई व्यवस्थाओं में दिक्कत आई थी। इस साल पिछली बार से सबक लेते हुए उत्तराखंड पुलिस और पर्यटन विभाग ने चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं के लिए दिन के हिसाब से लिमिट रखी है।

केदारनाथ धाम में इतने ही भक्तों की होगी एंट्री

इस बारे में जानकारी देते हुए उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने बताया कि चारधाम यात्रा में केदारनाथ धाम में एक दिन में 15 हजार, भक्त बाबा महाकाल के दर्शन कर पाएंगे। जबकि बद्रीनाथ धाम में 16 हजार भक्त, यमुनोत्री में 9 हजार और गंगोत्री में 11 हजार भक्त रोजाना दर्शन कर पाएंगे। इसके अलावा यह संख्या बढ़ने पर त्रषिकेश में भक्तों को रोकने के लिए बैरियर कस्बे भी तैयार कर लिए गए हैं। जिससे व्यवस्थाओं में किसी भी तरह की दिक्कतें न आए। उत्तराखंड पर्यटन विभाग की माने तो अगर कोई बद्रीनाथ जाना चाहता है तो उसे सबसे पहले श्रीनगर में रोका जाएगा। वहीं अगर यहां की लिमिट पूरी हो गई है तो भक्तों को रात यहीं बितानी होगी। इसके बाद अगले दिन रुद्रप्रयाग फिर चमोली, पीपलकोटी और जोशीमठ में भी यह प्रोसेस जारी रहेगा। यानी की जब नंबर आएगा, तभी आगे बढ़ सकेंगे।

लिमिट सेट होने से होटल वाले नाराज

वहीं उत्तराखंड की गंगोत्री-यमुनोत्री जाने वाले भक्तों को दिन की लिमिट पूरी होने पर टिहरी, चंबा, उत्तराकाशी में रोका जाएगा। इन कस्बों में एक बार में 20 से 30 हजार लोग रुक सकेंगे। यहां होटल और होम स्टे की सुविधाएं हैं। वहीं, पर्यटन विभाग की ओर से हर दिन के हिसाब से भक्तों के दर्शन की लिमिट सेट करने से होटल और होम स्टे बिजनेस वाले नाराज हैं। इस बीच एसोसिएशन के मुताबिक इससे उत्तराखंड में व्यापार करने वाले लोग प्रभावित होंगे। जबकि उत्तरकाशी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष के मुताबिक, राज्य की अर्थव्यवस्था पर्यटन और तीर्थाटन पर ही टिकी हुई है। छह महीने के सीजन में भी अगर भक्तों की संख्या सीमित कर दी जाएगी, तो इससे उनका व्यापार कम हो सकता है। सरकार ने फैसला वापस नहीं लिया तो होटल और होम स्टे को बंद कर दिया जाएगा। वहीं उत्तराखंड में सड़क मार्ग के जरिए आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा भी पहली बार करीब डेढ महीने पहले शुरू हो जाएगी। इस बार आदि कैलाश मंदिर के कपाट 10 मई को भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे।

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