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Vaccination Update- 2.50 करोड़ के रिकॉर्ड टीकाकरण का डरावना सच! - चेतना मंच Warning: Undefined array key 1 in /home/chetnamanch/public_html/wp-content/themes/chetnamanch/functions.php on line 1518
Vaccination Update- 2.50 करोड़ के रिकॉर्ड टीकाकरण का डरावना सच!
Supriya Srivastava
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर 17 सितंबर को देश में 2.50 करोड़ टीके लगाने का दावा किया जा रहा है। इससे पहले 27 अगस्त को एक दिन में 1.03 करोड़ टीके लगाने का दावा किया गया था। यानी, 20 के अंदर टीके लगाने की अधिकतम सीमा को दो गुना कर दिया गया।
भारत में टीकाकरण की शुरुआत 16 जनवरी 2021 को हुई थी और पहले दिन में 1,65,714 टीके लगाए गए थे। डेढ़ लाख से ढाई करोड़ की अधिकतम सीमा तक पहुंचने में लगभग आठ महीने लग गए। सरकार का कहना है कि हिमाचल और गोवा में 18 प्लस की आबादी का शतप्रतिशत टीकाकरण हो चुका है। यानी कम से कम पहला डोज लग चुका है।
फिलहाल लगभग 80 करोड़ टीके लग चुके हैं, जिसमें पहली और दूसरी, दोनों डोज शामिल है। भारत में मुख्य तौर पर सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक ही टीके का उत्पादन कर रहे हैं। अनुमान है कि सितंबर के अंत तक ये दोनों संस्थान मिलकर हर महीने करीब 20 करोड़ टीके का उत्पादन करने लगेंगे। अगस्त महीने में ही सीरम इंस्टीट्यूट ने 13 करोड़ से ज्यादा टीकों का उत्पादन किया जबकि, भारत बायोटेक ने दो करोड़ से ज्यादा टीकों का उत्पादन किया।
टीकाकरण की गति तीन बातों निर्भर करती है। टीके का उत्पादन, वितरण क्षमता और टीकाकरण केंद्रों की स्थापना। भारत में अभी भी लगभग 50 करोड़ लोगों को टीके का पहला डोज भी नहीं लग पाया है। यह तभी संभव है जब रोजाना कम से कम एक करोड़ टीके की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
साथ ही हमें नहीं भूलना चाहिए कि अभी भी 18 प्लस की ज्यादातर आबादी को सिर्फ एक ही टीका लग पाया है। पूर्ण टीकाकरण अभी भी बहुत दूर की कौड़ी है। सरकार भले की रोजाना के आंकड़ों के बल पर अपनी पीठ थपथपा रही हो लेकिन, यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत अभी भी पूर्ण टीकाकरण से बहुत दूर है और चुनौती बहुत बड़ी है।
वैसे भी टीकाकरण कोरोना से बचने की पूर्ण गारंटी नहीं है। सरकार को कोरोना के नए वैरियंट से निपटने और अगली लहर से बचाव के लिए समय रहते ठोस कार्ययोजना बनानी होगी। पहली लहर के कमजोर पड़ने के बाद भी सरकार ने अपनी पीठ खुद ही थपथपाने की कोशिश की थी, जिसका नतीता भयावह तीसरी लहर के रूप में सामने आया था।
किसी एक दिन रिकॉर्ड टीकाकरण का आंकड़ा देखने में भले ही आकर्षक लगे, लेकिन पूर्ण टीकाकरण ही वह मंजिल ही जिसे पाने के बाद ही चैन की सांस ली जा सकती है। साथ ही वैज्ञानिकों को कोरोना के नए वैरियंट के खिलाफ प्रभावी टीके का निर्माण करने की दिशा में प्रोत्साहित करने की भी महती जरूरत है।