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Waste Management : पंजाब के पेरोशाह गांव को अपशिष्ट प्रबंधन के लिए मिला ‘स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान’

Waste Management

Peroshah village of Punjab received 'Swachh Sujal Shakti Samman' for waste management

चंडीगढ़। पंजाब में गुरदासपुर जिले के 1,000 से अधिक आबादी वाले पेरोशाह गांव ने ठोस और तरल अपशिष्ट के उचित प्रबंधन के लिए ‘स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान 2023’ मिला। यह सम्मान प्राप्त करके गांव ने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान हासिल की है।

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गांव की सरपंच हरजिंदर कौर को स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम के लिए चार मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान 2023’ से नवाजा। इस गांव को आदर्श ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) प्लस घोषित किया जा चुका है। दिल्ली में जल शक्ति मंत्रालय ने स्वच्छता के लिए योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित करने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया था। कौर ने कहा कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में यह पुरस्कार मिलना गर्व का क्षण था।

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पेरोशाह गांव को स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के दिशा-निर्देशेां के तहत निर्धारित मानदंड पूरा करने के लिए हाल में आदर्श ओडीएफ प्लस गांव घोषित किया गया। इस मिशन के दिशा-निर्देशों के तहत ओडीएफ प्लस का दर्जा उस गांव को दिया जाता है, जो खुले में शौच से मुक्त हो, जहां साफ-सफाई हो और ठोस तथा तरल अपशिष्ट का उचित तरीके से निपटान होता हो।

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पंजाब के जल आपूर्ति और स्वच्छता मंत्री ब्रह्म शंकर जिम्पा ने इस उपलब्धि के लिए पेरोशाह गांव के निवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान का सपना है कि पंजाब में प्रत्येक गांव आदर्श गांव होना चाहिए। कौर ने कहा कि दिल्ली के कार्यक्रम में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि लोगों को पेरोशाह गांव के लोगों से प्रेरणा लेनी चाहिए। गांव में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और जल शोधन संयंत्र भी लगाया गया है।

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पेरोशाह के निवासी सुखराज सिंह ने कहा कि गांव अपने ठोस कचरे का यहीं प्रबंधन करता है और जैविक रूप से अपघटित होने वाले कचरे के प्रभावी प्रबंधन के जरिए कई किलोग्राम खाद पैदा करता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए गीले कचरे को खाद में बदलने के लिए कम्पोस्ट पिट का भी निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि अब कोई भी खाली प्लॉट में कचरा नहीं फेंकता है। गांव ने तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीक अपनायी है। ग्रामीण लोग गंदे पानी का शोधन कर रहे हैं और उसे सिंचाई तथा अन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। सिंह ने कहा कि गंदा पानी एकत्रित किया जाता है। उसका संयंत्र में शोधन किया जाता है। हमने एक भूजल पाइपलाइन भी बिछायी है और खेतों में सिंचाई के लिए किसानों को पानी की आपूर्ति की जाती है। हमने पूरे गांव में एक भूजल सीवर लाइन भी बिछायी है।

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