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बृजभूषण पर नरम पड़ने का नतीजा? क्या इसलिए मिली विनेश और बजरंग को ट्रायल से छूट

WFI News
सुप्रिया श्रीवास्तव, 19 जुलाई, नई दिल्ली

भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के एडहॉक कमेटी की तरफ से पहलवान बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट को एशियाई खेलों में बिना ट्रायल के सीधे प्रवेश दे दिया गया है। इसे लेकर कमेटी की तरफ से बयान आया है कि एशियाई खेलों के लिए सभी भार वर्गों के खिलाडियों का चयन ट्रायल के आधार पर किया जाएगा। पुरुष फ्रीस्टाइल 65 किग्रा और महिला 53 किग्रा वर्ग के ट्रायल विजेताओं को स्टैंडबाई के तौर पर रखा जायेगा।

एडहॉक कमेटी के सर्कुलर में नहीं है बजरंग और विनेश का नाम –

22 और 23 जुलाई को केडी जाधव इनडोर स्टेडियम में भारतीय ओलंपिक संघ (WFI) की एडहॉक कमेटी द्वारा ट्रायल आयोजित करने का फैसला लिया गया है।। इसके लिए जारी किए गए सर्कुलर में बजरंग पुनिया (Bajrang Punia) और विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) का नाम नहीं है। कमेटी पैनल के सदस्य अशोक गर्ग ने इस बात की पुष्टि की है कि विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ट्रायल में छूट दी गई है उनके भार वर्ग में जो खिलाड़ी ट्रायल जीतेंगे उन्हें स्टैंड बाय पर रखा जाएगा।

एशियाई गेम में दोनों खिलाड़ियों से है बेहद उम्मीदें –

ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया (Bajrang Punia) और वर्ल्ड चैंपियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) से एशियाई खेल में पदक लाने की बेहद उम्मीदें हैं। खासतौर पर बात की जाए विदेश फोगाट की तो एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों दोनों में गोल्ड मेडल जीतने वाली ये एकमात्र भारतीय महिला पहलवान है। 2019 मे लॉरियस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवार्ड के लिए नामांकित होने वाली एकमात्र भारतीय पहलवान है।

रेसलिंग विवाद (Wrestling Protest) में शामिल थे ये दोनो पहलवान-

आपको बता दें कि बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट लंबे समय से चल रहे रेसलिंग विवाद में शामिल 6 पहलवानों की लिस्ट में है।। बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट, साक्षी मलिक जैसी कई बड़े पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ (WFI) व इसके पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया था। जिसके बाद कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) और कुश्ती महासंघ के पूर्व सेकेट्री विनोद तोमर के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने केस दर्ज किया था। इस एफ़आईआर में इन दोनों के खिलाफ 1500 पन्नों की चार्जशीट (Brij Bhushan Sharan Singh Chargesheet) पेश की गई थी।

इस चार्जशीट में पूर्व सांसद बृज भूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। जिसमें प्रोफेशनल मदद के बदले सेक्सुअल फेवर मांगने के कम से कम दो मामलों का जिक्र है। इसमें 15 यौन उत्पीड़न के मामलों का भी जिक्र है, जिनमें से 10 में गलत तरीके से छूने की शिकायत की गई है।

18 जुलाई को राउज एवेन्यू कोर्ट ने बृज भूषण शरण सिंह और कुश्ती महासंघ के पूर्व सचिव विनोद तोमर (Vinod Tomar) को अगली सुनवाई जो कि 20 जुलाई को होनी है, तक के लिए दो दिनों की अंतरिम जमानत दी थी। अब 20 जुलाई को होने वाली सुनवाई में, इन दोनों की रेगुलर बेल पर सुनवाई होगी।

विवाद की चलते ट्रायल की तैयारी के लिए पहलवानों ने मांगा था अतिरिक्त समय –

रेसलिंग विवाद (Wrestling Protest) के चलते बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट समेत 6 पहलवानों ने खेल मंत्रालय से एशियाई खेलों के ट्रायल की तैयारी के लिए अतिरिक्त समय की मांग की थी। ऐसे में अब बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट के लिए ट्रायल्स के लिए छूट मिलना बड़ी राहत की खबर है।

WFI एडहॉक कमेटी के फैसले से नाराज हैं साथी पहलवान –

खबरों के मुताबिक बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट (Bajrang Punia and Vinesh Phogat) को एशियन गेम्स में सीधी एंट्री दिए जाने के फैसले से बाकी भारतीय रेसलर नाराज है। यह भी खबर सामने आई है कि बजरंग और विनेश को ट्रायल में छूट देने के मामले में पुरुषों के फ्रीस्टाइल राष्ट्रीय कोच जगमंदर सिंह और महिलाओं के राष्ट्रीय कोच वीरेंद्र दहिया को जानकारी नहीं दी गई उन्हें अंधेरे में रखा गया।

इस पूरे मामले में जगमंदर सिंह (Jagmandar Singh) का कहना है कि-“मुझे इस बात की जानकारी भी नहीं है कि ऐसा कोई निर्णय लिया गया है। तदर्थ समिति ने हमें बैठकों के लिए बुलाना बंद कर दिया था। हमने ऐसी कोई सिफारिश नहीं की है। हमने सभी श्रेणियों में ट्रायल कराने का समर्थन किया है।’

वही महिलाओं के राष्ट्रीय कोच विरेंद्र दहिया (Virendra Dahiya) का कहना है कि- “हमें नहीं पता कि बजरंग और विनेश किस स्थिति में है। उन्होंने पिछले 8 महीनों में प्रतिस्पर्धा नहीं की है। आपको गति,ताकत, वजन के बारे में प्रतियोगिताओं के दौरान ही पता चलता है। उन्होंने काफी समय से कोई प्रतिस्पर्धा नहीं की है। पिछले 7 राष्ट्रमंडल खेल और विश्व चैंपियनशिप के बाद हमने उन्हें खेलते हुए नहीं देखा है।”

इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि- “पुरुषों के 65 और महिलाओं के 53 किग्रा भार वर्ग के देश के पास मजबूत युवा खिलाड़ी हैं। जो अच्छी प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। इन खिलाड़ियों की ताकत अच्छी है। तदर्थ समिति ने यह निर्णय लेने से पहले हमें संपर्क नहीं किया है। यह पता चला है कि 53 किग्रा और 65 किग्रा के पहलवानों के माता पिता और कोच निष्पक्ष सुनवाई की मांग को लेकर अदालत का रुख करेंगे। एक पहलवान के पिता ने बताया हां हम अदालत जाएंगे। तदर्थ समिति के भेदभाव पूर्ण फैसले के कारण हमारे बच्चे क्यों पीड़ित हो। हम केवल निष्पक्ष सुनवाई जाते हैं”

बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट को एशियाई खेल के लिए ट्रायल से छूट दिए जाने वाले फैसले को लेकर आपकी क्या राय है कमेंट बॉक्स में लिखकर हमें जरूर बताएं। 

Delhi News Update: यौन उत्पीड़न मामले में बृजभूषण शरण सिंह को कोर्ट से राहत, दो दिन की अन्तरिम जमानत मिली

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