Karwa Chauth Special: करवाचौथ पर ब्यूटीफुल नजर आने के लिए इस तरह करें मेकअप 

Karwa chauth Makeup
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 06:35 PM
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शादी के बाद पहला करवाचौथ हो या दसवां, महिलाओं को इस दिन सजने-संवरने का खूब चार्म रहता है। इस दिन हर महिला चाहती है कि वह दूसरी किसी भी महिला से ज्यादा खूबसूरत लगे। इस दिन महिलाएं अपने मेकअप को लेकर काफी सजग रहती हैं। अगर इस करवा चौथ आप भी शाम को पूजा करते समय अपना स्किन ग्लो बरकरार रखते हुए दुल्हन जैसी खूबसूरत दिखना चाहती हैं तो यहाँ हम आपको कुछ मेकअप से जुड़ी बातें बता रहें हैं....

स्किन काम्प्लेक्शन का रखें ध्यान

अगर आपका रंग गोरा है तो कंटोरिंग बहुत संभाल कर करें और अपने फेस फीचर्स को ज्यादा ना उभारें। सिर्फ हल्का सा ब्लशर यूज करें। अगर स्किन का कलर डार्क है तो कंटोरिंग ना करें। मीडीयम टोन है तो कंटोरिंग का अच्छे से इस्तेमाल करें।

फांउनडेशन का सही इस्तेमाल

फांउनडेशन का चुनाव मेकअप में बहुत जरूरी है। मार्केट में हर स्किन टोन के लिए फांउनडेशन और कंसीलर मौजूद है। इनका अपनी स्किन टोन के हिसाब से ही चुनाव करें।

हाईलाइटिंग

कन्सीलिंग का काम पूरा करने के बाद आप बस थोड़ा सा हाईलाइटर प्रयोग करें ताकि आप ग्लो कर सकें। हाईलाइटर के ज्यादा इस्तेमाल से आप डिस्को-बॉल की तरह लग सकती हैं।

कैसा हो आंखों का मेकअप

कलरफुल आइ मेकअप ट्रेंड में है। ब्राइट आइ शैडोज का यूज करके , रेन्बो थीम फोलो कर सकते हैं। अगर जल्दी मेकअप चाहते हैं तो स्मोकी आइज सदाबाहर और लोकप्रिय आई मेकअप है।

 ब्लशर और लिप्स्टिक का चुनाव

इस सीजन में आईशैडो और लिपस्टिक के लिए कलरफुल शेड्स ट्रेंड कर रहे हैं। आप पर्पल, गुलाबी, हरा या ऑरेंज शेड ट्राई कर सकती हैं। अपने लिप्स के लिए ब्राइट कलर चुनें। मगर इस बात का ध्यान रखें कि आप लिपस्टिक या आईशैडो में से किसी एक का रंग ही ब्राइट रखें। इसके अलावा इन दिनों लाइट पिंक ब्लशर और न्यूड लिप्स्टिक ट्रेंड में है। ट्रेंड के हिसाब से लिप्स्टिक का चुनाव करें और लाइट ब्लशर का यूज करें।

वेट मेथड

कोई भी पिग्मेंट का इस्तेमाल करते समय हमेशा गीले स्पंज या गीले ब्रश का इस्तेमाल करें। इससे ये ना सिर्फ आसानी से आपके चेहरे पर लग जाएगा बल्कि ये आपके मेकअप को फैलने से भी रोकेगा।

सेटिंग पाउडर/सेटिंग स्प्रे

जब आप पूरी मेहनत के बाद अपना मेकअप कंप्लीट कर लेती हैं तब आप सेटिंग स्प्रे का इस्तेमाल करें और ये सुनिश्चित करें कि पूरा चेहरा और गर्दन कवर हो जाए। सेटिंग स्प्रे किसी मैजिक से कम नहीं है। ये पूरी रात आपके मेकअप को बरकरार रखेगा।

इक्स्पेरिमेंटल थीम फॉलो करें

आजकल रफ एंड टफ थीम ट्रेंड में है। बालों को कर्ल करके खुला रखें या वेव्ज लूक दे। डिफ्रेंट लुक के लिए नोज पिन पहनें।

मेकअप रिमूव करते वक़्त इन चीजों का रखें ध्यान

मेकअप , मेकअप रेमूवर से ही रिमूव करें और सोने से पहले क्लीसिंग मिल्क से साफ करे। साथ ही अच्छी सी नाइट क्रीम लगाएं।

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Dharam Karma : वेद वाणी

Rigveda
locationभारत
userचेतना मंच
calendar26 Nov 2025 05:22 PM
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Sanskrit : आ मित्रे वरुणे वयं गीर्भिर्जुहुमो अत्रिवत्। नि बर्हिषि सदतं सोमपीतये॥ ऋग्वेद ५-७२-१॥

Hindi : हे प्रकाश और आनंद के स्वामी! जिस प्रकार संत तीनों प्रकार के दुखों अर्थात शरीर, मन और आत्मा से मुक्त रहते हैं। उसी प्रकार आप हमारे यज्ञ में उत्तम आसान ग्रहण करो, सोमरस का पान करो और हमें भी दुखों से मुक्त करो। (ऋग्वेद ५-७२-१) #vedgsawana

English : O lord of light and joy! Just as a sage is free from all the three types of miseries, i.e. body, mind and soul. In the same way, in our Yajana, you take the best seat, drink Soma and free us from the miseries. (Rig Veda 5-72-1) #vedgsawana

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हकलाहट जागरूकता दिवस : हकलाने का बुद्धिमानी से कुछ लेना देना नहीं

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locationभारत
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calendar02 Dec 2025 02:19 AM
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 विनय संकोची

आज 'इंटरनेशनल स्टटरिंग अवेयरनेस डे' यानी 'अंतर्राष्ट्रीय हकलाहट जागरूकता दिवस है'। हकलाना बोलने से संबंधित विकार है, जिसको लेकर विकार के शिकार को सार्वजनिक रूप से शर्मिंदगी का सामना करना पड़ जाता है। हकलाने वाले की नकल उतारकर लोग मजाक बनाते देखे जाते हैं। एक अनुमान के अनुसार अमेरिका में 1 और भारत में 1.5 प्रतिशत लोग हकलाहट की गिरफ्त में है।

इस दिवस को जागरूकता अभियान के रूप में 1998 से मनाया जा रहा है। हकलाहट के प्रति जागरूक और शिक्षित करने का यह बेहतर अभियान और दिन है। हकलाना मानव वाक शक्ति में एक वाक बाधा है, जिसमें बोलने वाला शब्दों को खींचकर बोलता है या फिर आधे अधूरे शब्द की बोल पाता है। हकलाना कोई आनुवांशिक बीमारी नहीं है, अधिकांश मामलों में यह वातावरण के प्रभाव से होने वाली परेशानी है।

तमाम ऐसे मामले भी सामने आए हैं कि जब छोटा बच्चा किसी हकलाने वाले के संपर्क में आता है तो वे उसकी नकल करने लगता है और आगे चलकर यह उस बच्चे की आदत बन जाती है। जब यह बच्चा हकलाते हुए बड़ा होता है तो वह असहज हो जाता है और हीन भावना से ग्रस्त हो लोगों से मिलने जुलने से कतराने लगता है। विशेषज्ञों का कहना है कि भावुक लोग ज्यादा हकलाते हैं। इसके अलावा एक साथ बहुत सी चीजें सोचने वाले भी हकलाहट के शिकार हो जाते हैं।

हकलाने से बच्चों का ही नहीं बड़ों का भी आत्मविश्वास कम होने लगता है और वे अपने मन के भावों को व्यक्त करने से बचने लगते हैं। इस कारण हकलाने वाले बहुत से लोग हीन भावना और कुंठा का शिकार हो जाते हैं, जिसका उनके भविष्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।

हकलाने की समस्या देखने में बेशक बहुत गंभीर न लगती हो लेकिन इस समस्या से ग्रस्त लोगों को पढ़ाई और नौकरी पाने में परेशानी का सामना करना ही पड़ता है। हकलाने वाले एकाकी हो जाते हैं और इसी कारण उनके ज्यादा दोस्त नहीं होते हैं। कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि हकलाने वाले लोग कम बुद्धिमान होते हैं लेकिन यह केवल एक भ्रम है क्योंकि हकलाने का बुद्धिमानी से कुछ भी लेना देना नहीं है।

हकलाना एक बीमारी तो है लेकिन ज्यादातर मामलों में इसका उपचार संभव है। अपनी प्रबल इच्छा शक्ति और सतत प्रयास से हकलाने पर काबू पाने के अनेक उदाहरण देखने में आते हैं। ब्रिटिश लेखक जॉर्ज बर्नार्ड शॉ, वैज्ञानिक सर आइज़क न्यूटन, महान यूनानी दार्शनिक अरस्तु, पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल, आर्टेम ट्राटेस्की, ब्रूस विलिस, मर्लिन मुनरो आदि विभिन्न क्षेत्रों की तमाम चर्चित और विश्व प्रसिद्ध हस्तियों ने हकलाहट पर काबू पाया। जानना रोचक होगा कि हकलाना नेपोलियन को एक महान कमांडर बनने से नहीं रोक पाया। रोमन सम्राट क्लाडियस उपचार के बाद हकलाने से मुक्त हो गए थे। प्रसिद्ध बॉलीवुड स्टार रितिक रोशन भी बचपन में हकलाते थे और स्कूल जाने से कतराते थे, लेकिन स्पीच थेरेपी व अन्य उपचार से उन्होंने सामान्य रूप से बोलना शुरू कर दिया। ऐसे एक नहीं, अनेक नहीं अनेकानेक उदाहरण हैं जो यह दर्शाते हैं कि हकलाहट पर जीत हासिल की जा सकती है।

हकलाने वालों का मजाक उड़ाने के बदले उन्हें स्पष्ट बोलने के लिए प्रेरित उत्साहित करने की आवश्यकता है। हकलाहट से ग्रस्त लोगों को यह विश्वास दिलाने की आवश्यकता है कि यदि उन्होंने उपचार और प्रयास जारी रखा तो एक दिन वे भी स्पष्ट और धाराप्रवाह बोलेंगे, मधुर आवाज में।