Dharam Karma : वेद वाणी

अमावस्या में आने वाली दिवाली की तरह ही कार्तिक पूर्णिमा में आने वाली देव दिवाली का भी अपना एक विशेष महत्व रहा है




shining moon : चांद तो रोज ही निकलता है। कभी दूज का चांद तो कभी पूनम का चांद और कभी करवा चौथ का चांद। चांद पर कितने ही गाने और शायरी सदियों से चली आ रही है। एक रात में दो दो चांद खिले... लेकिन चांद आसमां में एक से ज्यादा नहीं खिल सकते। हां! खगोलविद् चांद के अलग अलग अलग नाम जरुर रख देते हैं। किसी को सुपर मून, किसी को ब्लू मून, यहां तक कि हारवेस्ट मून भी कहते हैं। और ज्योतिष तो टिका ही चंद्रमा पर और चंद्र राशियों पर। चंद्र कुंडली जीवन के परिवर्तन दर्शाती है। इसे मन का कारक ग्रह कहा गया है।
जी हां। ज्योतिषीय दृष्टि से इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि जब भी फुल मून, सुपर मून दिखाई देता हेै, गुरुत्वाकर्षण के कारण बड़े तूफान, सुनामी, मौसम में गड़बड़ी या भूकंप जरुर आते हैं। चांद के दीदार के बाद ऐसी खबर भी सुनाई दे सकती है।
अब ज्योतिष के कड़े आलेाचक भी कहां पीछे रहेंगे? उनके अनुसार एस्ट्रोलॉजी ढकोसला है। नील आर्मस्ट्रांग, 21 जुलाई 1969 को चांद पर झंडा गाड़ आए और अभी भारत में चांद की पूजा की जाती है, व्रत रखे जाते हैं, चंद्र ग्रहण पर मंदिर बंद कर देते हैं, उसे देखते तक नहीं, कुछ खाते पीते तक नहीं, सोचते हैं कलंक चतुर्थी पर चांद देखने से कलंक लग जाता है। जब कि चांद पर मानव ने 6 झंडे गाड़े और बुज एल्ड्र्नि पहले सज्जन हैं चांद पर पेशाब तक कर आए हैं।
हम तो एक चांद की बात करते हैं, सौर मंडल में बहुत हैं, जो हमें दिखता है, वह 5वां और सबसे बड़ा है। आज यही चांद धरती के सबसे नजदीक होगा और सबसे चमकीला और बड़ा दिखाई देगा।इसे आप सायं 6 बजे से देख सकेंगे।
100 फीसदी चमकीले चांद का होगा दीदार
आप आसमान में चांद के सबसे चमकीले रूप का दीदार कर सकेंगे। इस रात चांद का 100 प्रतिशत भाग प्रकाशमान होगा और उसे देखना निश्चित ही रोमांचकारी घटना होने वाली है दुनियाभर के खगोलविद भी इस खगोलीय घटना को लेकर काफी उत्साहित हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं और यह भी जानते हैं कि भारत में 'फुल स्नो मून' का दीदार किस समय पर किया जा सकेगा। फुल स्नो मून, इस साल के दूसरे पूर्णिमा को होगा, जिसकी वजह से बुधवार शाम के बाद से पूरी दुनिया का आसमान चमकदार नजर आने वाला है। स्नो मून का दीदार तब होता है, जब चांद धरती के बहुत नजदीक आ जाता है।इसका नाम कुछ अमेरिकी जनजातीय मान्यताओं पर आधारित है। वैसे भी पूर्ण चांद वाली रातें स्पेशल होती हैं। इसी कड़ी में बुधवार की रात आसमान में चमकदार चांद के अद्भुत नजारे का दीदार होगा इस साल बुधवार यानी 16 फरवरी की पूर्णिमा के साथ ये खास है कि चंद्रमा की पूरी गोलाई प्रकाशित होगी और जिसकी वजह से इसका 100 फीसदी प्रकाश नजर आएगा।
- मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्,
shining moon : चांद तो रोज ही निकलता है। कभी दूज का चांद तो कभी पूनम का चांद और कभी करवा चौथ का चांद। चांद पर कितने ही गाने और शायरी सदियों से चली आ रही है। एक रात में दो दो चांद खिले... लेकिन चांद आसमां में एक से ज्यादा नहीं खिल सकते। हां! खगोलविद् चांद के अलग अलग अलग नाम जरुर रख देते हैं। किसी को सुपर मून, किसी को ब्लू मून, यहां तक कि हारवेस्ट मून भी कहते हैं। और ज्योतिष तो टिका ही चंद्रमा पर और चंद्र राशियों पर। चंद्र कुंडली जीवन के परिवर्तन दर्शाती है। इसे मन का कारक ग्रह कहा गया है।
जी हां। ज्योतिषीय दृष्टि से इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि जब भी फुल मून, सुपर मून दिखाई देता हेै, गुरुत्वाकर्षण के कारण बड़े तूफान, सुनामी, मौसम में गड़बड़ी या भूकंप जरुर आते हैं। चांद के दीदार के बाद ऐसी खबर भी सुनाई दे सकती है।
अब ज्योतिष के कड़े आलेाचक भी कहां पीछे रहेंगे? उनके अनुसार एस्ट्रोलॉजी ढकोसला है। नील आर्मस्ट्रांग, 21 जुलाई 1969 को चांद पर झंडा गाड़ आए और अभी भारत में चांद की पूजा की जाती है, व्रत रखे जाते हैं, चंद्र ग्रहण पर मंदिर बंद कर देते हैं, उसे देखते तक नहीं, कुछ खाते पीते तक नहीं, सोचते हैं कलंक चतुर्थी पर चांद देखने से कलंक लग जाता है। जब कि चांद पर मानव ने 6 झंडे गाड़े और बुज एल्ड्र्नि पहले सज्जन हैं चांद पर पेशाब तक कर आए हैं।
हम तो एक चांद की बात करते हैं, सौर मंडल में बहुत हैं, जो हमें दिखता है, वह 5वां और सबसे बड़ा है। आज यही चांद धरती के सबसे नजदीक होगा और सबसे चमकीला और बड़ा दिखाई देगा।इसे आप सायं 6 बजे से देख सकेंगे।
100 फीसदी चमकीले चांद का होगा दीदार
आप आसमान में चांद के सबसे चमकीले रूप का दीदार कर सकेंगे। इस रात चांद का 100 प्रतिशत भाग प्रकाशमान होगा और उसे देखना निश्चित ही रोमांचकारी घटना होने वाली है दुनियाभर के खगोलविद भी इस खगोलीय घटना को लेकर काफी उत्साहित हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं और यह भी जानते हैं कि भारत में 'फुल स्नो मून' का दीदार किस समय पर किया जा सकेगा। फुल स्नो मून, इस साल के दूसरे पूर्णिमा को होगा, जिसकी वजह से बुधवार शाम के बाद से पूरी दुनिया का आसमान चमकदार नजर आने वाला है। स्नो मून का दीदार तब होता है, जब चांद धरती के बहुत नजदीक आ जाता है।इसका नाम कुछ अमेरिकी जनजातीय मान्यताओं पर आधारित है। वैसे भी पूर्ण चांद वाली रातें स्पेशल होती हैं। इसी कड़ी में बुधवार की रात आसमान में चमकदार चांद के अद्भुत नजारे का दीदार होगा इस साल बुधवार यानी 16 फरवरी की पूर्णिमा के साथ ये खास है कि चंद्रमा की पूरी गोलाई प्रकाशित होगी और जिसकी वजह से इसका 100 फीसदी प्रकाश नजर आएगा।
- मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्,