तेज़ बारिश से जलमग्न हुई दिल्ली, भाजपा ने पूछा- स्विमिंग पूल में नहाए क्या?

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calendar02 Dec 2025 04:36 AM
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बीते दिन तेज़ बारिश के कारण राजधानी दिल्ली की हालत खस्ता रही। चारों तरफ जलभराव की समस्या से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। भारी बारिश के कारण यातायात भी बाधित रहा। दिल्लीवासियों की इन्हीं समस्याओं के मद्देनजर विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ पोस्टर लगवाए हैं। इन पोस्टर में लिखा है कि स्विमिंग पूल में नहाए क्या?

दरअसल, बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने सीएम केजरीवाल पर तंज कसते हुए राजधानी में जगह-जगह पोस्टर लगवाए हैं। इसके अलावा उन्होंने पोस्टर की तस्वीरों को ट्विटर पर भी शेय़र किया है जिनमें सीएम केजरीवाल की तस्वीर के साथ लिखा है कि स्विमिंग पूल में नहाए क्या? वहीं, भाजपा के सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी आम आदमी पार्टी की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में यदि सीवर की लाइनों की ठीक से मरम्मत की गयी होती, तो लोगों को सड़कों और उनके पड़ोस में जलभराव का सामना नहीं करना पड़ता।

उन्होंने आगे कहा, केजरीवाल राजनीतिक शक्ति जमा करने और अपनी छवि चमकाने में अधिक रुचि रखते हैं और जलभराव के लिए वह जिम्मेदार हैं।

उधर कांग्रेस ने भी मौके पर चौका मारते हुए सीएम केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि दिल्ली के लोग अच्छा पानी चाहते हैं, बाढ़ नहीं। बता दें, दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली के लोग पीने योग्य पानी चाहते हैं, बाढ़ नहीं।

गौरतलब है, बीते दिन दिल्ली में रिकॉर्डतोड़ बारिश के चलते दिल्लीवासियों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। तेज बारिश के कारण चारों तरफ जलभराव हो गया जिससे यातायात भी बाधित रहा।

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सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक कंपनी को दिया झटका

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calendar29 Nov 2025 08:15 PM
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सुप्रीम कोर्ट में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट केस काफी समय से पेंडिंग था, जिस पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने रियल्टी कंपनी सुपरटेक को झटका दिया है। जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने नोएडा एक्सप्रेसवे स्थित एमराल्ड प्रोजेक्ट के टॉवर 16 व 17 को अवैध ठहराया है। इस मामले को 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल किया गया था। फैसले को अमान्य करते हुए मामले को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया गया। दरहसल सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले का मान रखते हुए उन टॉवरों को अवैध बताया है। बता दें कि सुपरटेक के दोनों टॉवर 40-40 मंजिल के है। वहीं दोनों टॉवर में 1-1 हजार फ्लैट्स बताए गए है। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों टॉवर को सुपरटेक के खर्चे से गिराने के आदेश दिए है। साथ ही समय निर्धारित करते हुए 3 महीने की मोहलत प्रदान की है। इतना ही नहीं कोर्ट के आदेश में खरीददारों के ब्याज युक्त पैसे रिफंड करने का आदेश भी शामिल है। बता दें कि इस टॉवर को नोएडा अथॉरिटी और सुपरटेक की मिलीभगत से बनाया गया था। जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट ने 11 अप्रैल 2014 को नियम उल्लंघन करने की वजह से दोनों टॉवरों को ध्वस्त करने के आदेश जारी किए था। इसके बाद सुपरटेक के मालिक व खरीददारों ने मामले की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की। दरहसल इस मामले को जस्टिस डीवाई चंद्रचूढ़ की अध्यक्षता में 4 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।

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सुप्रीम कोर्ट में नवयुक्त जस्टिस का शपथ ग्रहण समारोह

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calendar31 Aug 2021 12:13 PM
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सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार करीब 11 बजे 9 नवनियक्त न्यायाधीशों की शपथ ग्रहण करवाई गई है। इस कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश एनवी रमणा ने सभी नवनियुक्त जस्टिस को शपथ दिलाई। जानकारी के मुताबिक इस आयोजन को प्रगति मैदान मैट्रो स्टेशन के पास अतिरिक्त भवन परिसार यानि सुप्रीम कोर्ट के नये सभागार में संपन्न किया गया। इस फैसले को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के मद्देनजर रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट में जारी किए गए बयान के अनुसार 70 साल के बाद इतिहास में पहली बार 9 नवनिसुक्त जस्टिस ने एक साथ शपथ ली। बता दें कि 17 अगस्त 2021 को शीर्षस्थ अदालत में 9 नवनियुक्त जस्टिस की सिफारिश की गई थी। इसके बाद 26 अगस्त को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी थी। मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नियुक्ति पत्रों पर हस्ताक्षर कर दिए थे। जानकारी के अनुसार पिछले शीर्ष में जस्टिस की कुल संख्या 24 थी जबकि 10 पद रिक्त थे। हाल ही 9 जस्टिस की शपथ ली गई है। बताया गया कि एक पद को रिक्त रखा गया है। इस कार्यक्रम के हिस्सेदारी में कर्नाटक हाईकोर्ट की तीसरी सबसे वरिष्ठतम न्यायाधीश नागरत्ना के अलावा गुजरात हाईकोर्ट की पांचवीं सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी और तेलंगाना हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश हेमा कोहली को भी सु्प्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया हैष सके अलावा न्यायमूर्ति कोहली 62 वर्ष की आयु होने पर एक सितंबर को सेवानिवृत्त होने वाली थीं क्योंकि हाईकोर्ट के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति के लिए आयु 65 वर्ष है। तीन महिला न्यायाधीशों के अलावा केरल हाईकोर्ट के न्यायाधीश सीटी रवि कुमार और मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश एम एम सुंदरेश को भी शीर्ष अदालत में नियुक्त किया गया है। बता दें कि सॉलिसिटर जनरल पी एल नरसिम्हा को छटे रूप में नियुकित किया गया है। इसी कड़ी में न्यायमूर्ति कोहिली, न्यायमूर्ति अभय श्रीनिवास, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार शामिल है। मुख्य जस्टिस नागरत्ना का जन्म 30 अक्टूबर 1962 को हुआ था। मुख्य न्यायधीश वेंकटरमैया की सुपुत्री है। परिवार के संस्कार उन्हें न्याय पालिका की ओर खींच ले गए।