उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती के एडमिट कार्ड जारी, शुरू होगी फाइनल प्रक्रिया

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Greater Noida News
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calendar02 Dec 2025 02:41 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश पुलिस की भर्ती की प्रक्रिया के तहत फाइनल स्टेज आ गई है। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती तथा प्रोन्नति बोर्ड ने फाइनल प्रक्रिया के लिए एडमिट कार्ड जारी करने शुरू कर दिए हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस की भर्ती प्रक्रिया के तहत डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन (DV) तथा फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट (PST) के लिए एडमिट कार्ड जारी करने के दिशा निर्देश सामने आ गए हैं।

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती के एडमिट कार्ड 16 दिसंबर से मिलेंगे

उत्तर प्रदेश पुलिस के भर्ती बोर्ड ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है। नोटिफिकेशन में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड ने बताया है कि कांस्टेबल भर्ती के DV/PST 26 दिसंबर से शुरू होंगे। DV/PST राउंड के एडमिट कार्ड 16 दिसंबर 2024 से डाउनलोड कर सकेंगे। लिखित परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर डीवी व पीएसटी राउंड के लिए 174316 अभ्यर्थियों को शॉर्टलिस्ट किया गया था। नोटिफिकेशन में बोर्ड ने कहा, 'आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर सीधी भर्ती-2023 की दिनांक 23, 24, 25 30 व 31 अगस्त 2024 को सम्पन्न लिखित परीक्षा में अभिलेखों की संवीक्षा तथा शारीरिक मानक परीक्षण (DV/PST) हेतु अर्ह पाए गए अभ्यार्थियों की DV/PST दिनांक 26 दिसंबर 2024 से आरम्भ की जाएगी। इस प्रक्रिया में सम्मिलित होने हेतु अर्ह अभ्यर्थियों के लिए एडमिट कार्ड डाउनलोड किए जाने हेतु वेब लिंक दिनांक 16-12-2024 को बोर्ड की वेबसाईट पर उपलब्ध करा दिया जाएगा।' बोर्ड ने कहा है कि अगर किसी अभ्यर्थी को एडमिट कार्ड डाउनलोड करने में दिक्कत होती है तो वह हेल्पलाइन नंबर 8867786192 पर संपर्क कर सकता है। एडमिट कार्ड का लिंक uppbpb.gov.in पर जारी होगा। अभ्यर्थी एडमिट कार्ड में दिए गए परीक्षा केंद्र पर तय तिथि व समय पर प्रवेश पत्र में दिए गए संबंधित डॉक्यूमेंट्स व ऑरिजनल डॉक्यूमेंट्स की एक सेल्फ अटेस्टेड कॉपी के साथ उपस्थित होना सुनिश्चित करेंगे।

उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती के खास नियम

यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती के लिए जनरल, ओबीसी और एससी वर्ग की न्यूनतम लंबाई 168 सेमी होनी चाहिए। इसके साथ उम्मीदवार का सीना बिना फुलाए 79 सेमी और फुलाकर 84 सेमी होना चाहिए। एससी वर्ग से आने वाले उम्मीदवारों की न्यूनतम लंबाई 160 सेमी निर्धारित है। इसके साथ सीना बिना फुलाए 77 सेमी एवं फुलाकर 82 सेमी होना चाहिए। महिला वर्ग की बात करें तो सेलेक्ट होने वाली कैंडिडेट्स के लिए न्यूनतम लंबाई 152 सेमी तय की गई है। वहीं एसटी वर्ग से आने वाली महिला उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम लंबाई 147 सेमी निर्धारित है। महिलाओं का न्यूनतम वजन 40 किलो होना चाहिए। यदि कोई अभ्यर्थी जो अपनी पीएसटी से संतुष्ट न हो तो ठीक परीक्षण के बाद उसी दिन अपील कर सकता है। यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में करीब 48 लाख पंजीकृत थे जिसमें से लगभग 32 लाख ने एग्जाम दिया। यूपी पुलिस कांस्टेबल री-एग्जाम का आयोजन 23, 24, 25, 30 व 31 अगस्त 2024 को कुल 10 पालियों में कराया गया था। फिजिकल टेस्ट सफल होने के लिए पुरुष उम्मीदवारों को 25 मिनट में 4.8 किमी की दौड़ पूरी करनी होगी। वहीं महिला उम्मीदवारों को 14 मिनट में 2.4 किमी की दौड़ पूरी करनी अनिवार्य है। UP News

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उत्तर प्रदेश के 77 हजार कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा

UP NEWS 49 min
UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar13 Dec 2024 10:14 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के 77 हजार सरकारी कर्मचारियों की नौकरी के लिए खतरा पैदा हो गया है। उत्तर प्रदेश सरकार की निजीकरण की योजना के कारण सरकारी कर्मचारियों की नौकरी पर बड़ा सवालिया निशान लग गया है। सरकारी कर्मचारी संगठनों का आरोप है कि या तो 77 हजार कर्मचारियों को नौकरी छोड़नी पड़ेगी या फिर सरकारी नौकरी छोड़कर प्राइवेट नौकरी करनी पड़ेगी। उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारी प्राइवेट नौकरी को "लाला की नौकरी" बता रहे हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार की निजीकरण की योजना के कारण आई समस्या

दरअसल 77 हजार सरकारी कर्मचारियों के लिए यह समस्या उत्तर प्रदेश सरकार की निजीकरण की योजना के कारण आई है। उत्तर प्रदेश सरकार की निजीकरण की योजना उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन को निजी हाथों में सौंपने के रूप में सामने आई है। उत्तर प्रदेश सरकार की योजना यह है कि उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था को प्राइवेट कंपनी को सौंप दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था को प्राइवेट हाथों में सौंपने की तैयारी की भनक लगते ही बिजली विभाग के कर्मचारियों में भारी आक्रोश फैल गया है। इस आक्रोश के बीच उत्तर प्रदेश के सभी कर्मचारी संगठन एकजुट होकर बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश की बिजली व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपने का बड़ा फैसला कर लिया है। उत्तर प्रदेश सरकार अंदर ही अंदर प्रदेश की बिजली व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपने की योजना पर काम कर रही है। उत्तर प्रदेश सरकार के अंतरंग सूत्रों का दावा है कि जैसे उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा शहर की बिजली व्यवस्था को नोएडा पॉवर कंपनी (NPCL) को सौंपा गया है। उसी प्रकार पूरे प्रदेश की बिजली व्यवस्था को प्राइवेट कंपनियों को सौंपना है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन द्वारा प्रदेश की बिजली कंपनियों को सहभागिता के आधार पर निजी क्षेत्र को दिए जाने के लिए बुने जा रहे ताने-बाने के कुछ संकेत बाहर आए हैं। सूत्र बता रहे हैं कि सबसे पहले पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम वाराणसी और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम आगरा को निजी क्षेत्र में दिया जाना है। इन दोनों बिजली कंपनियों को निजी क्षेत्र में दिए जाने का फैसला बहुत ही उच्च स्तर से लिया जा चुका है। इस संबंध में देश के दो बड़े निजी घरानों को आश्वासन भी दिया जा चुका है। इन दोनों कंपनियों को जल्द से जल्द इन दोनों निजी घरानों को दिए जाने का दबाव उत्तर प्रदेश के बिजली विभाग पर डाला गया है। इस संबंध में देश की राजधानी दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक कई स्तर पर वार्ता हो चुकी है। जो चर्चाएं सामने आ रही हैं उसके मुताबिक, यूपी की इन दो बड़ी बिजली वितरण कंपनियों को सहभागिता के आधार पर निजी क्षेत्र में दिए जाने के बाद मध्यांचल, पश्चिमांचल, केस्को को भी सहभागिता के आधार पर निजी क्षेत्र को दिए जाने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।

उत्तर प्रदेश में निजीकरण का खुला विरोध

निजीकरण के विरोध में पिछले कई दिनों से बिजली कर्मियों का विरोध जारी है। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन द्वारा पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के फैसले से 77491 कार्मिक अब पशोपेश में आ गए हैं। निजीकरण के बाद क्या स्थिति बनेगी? इसको लेकर इन कार्मिकों की बेचैनी बढ़ी हुई है। उत्तर प्रदेश के कर्मचारियों की संघर्ष समिति द्वारा जगह जगह पोस्टर चस्पा किए गए हैं। जिसमें मोटे अक्षरों में लिखा है कि निजीकरण से बड़े पैमाने पर छेटनी होगी। लिखा है कि निजीकरण होने पर पूर्वांचल व दक्षिणांचल निगम में अभियंता संवर्ग के 1519 तथा अवर अभियंता संवर्ग के 2154 पद समाप्त हो जाएंगे। इन दोनों बिजली कंपनियों से इतर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में 385 पद रिक्त हैं। इस लिहाज से अभियंता व अवर अभियंता संवर्ग के कुल 385 कार्मिक ही समायोजित किए जा सकेंगे। जिसका सीधा अर्थ यह है कि इन दोनों संवर्गों में बड़े पैमाने पर छंटनी तय है। इनके अलावा पूर्वांचल में 15236 तथा दक्षिणांचल में 8582 कर्मचारी हैं। यह कामन कैडर से हैं! इन कर्मचारियों के सामने विकल्प होगा कि वे निजी कंपनी का कर्मचारी बनना स्वीकार कर लें। निजी कंपनी उन्हें अपनी सेवा में लेने को तैयार नहीं होती है तो इनकी छंटनी भी तय है। निजीकरण के साथ ही 50 हजार आउटसोर्स कार्मिकों की सेवाएं समाप्त हो जाएंगी इसके बाद सबसे बड़ी संख्या निविदा-संविदा कर्मियों की है। दोनों कंपनियों में इन आउटसोर्स कर्मियों की संख्या 50 हजार के करीब है। निजी क्षेत्र के आने पर इनकी सेवाएं स्वयं समाप्त हो जाएंगी। इस प्रकार उत्तर प्रदेश सरकार के सरकारी कर्मचारी डरे हुए हैं। उनका कहना है कि निजीकरण का फैसला उत्तर प्रदेश सरकार का तानाशाहीपूर्ण फैसला है। कर्मचारी संगठनों ने साफ कहा है कि वें अपने 77 हजार साथियों की नौकरी नहीं जाने देंगे। UP News

उत्तर प्रदेश सरकार देगी अध्यापकों को नव वर्ष का बड़ा तोहफा

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उत्तर प्रदेश सरकार देगी अध्यापकों को नव वर्ष का बड़ा तोहफा

Cm yogi 19 min
UP News
locationभारत
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calendar30 Nov 2025 01:35 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के अध्यापकों (Teachers) को नव वर्ष (New Year) का बड़ा तोहफा देने का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश के हजारों अध्यापकों को सरकारी तोहफे का बड़ा फायदा मिलेगा। उत्तर प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापकों को बड़ा तोहफा देने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। हम आपको विस्तार से बता रहे हैं कि क्या है अध्यापकों को मिलने वाला उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा तोहफा।

उत्तर प्रदेश सरकार दिसंबर में ही देगी अध्यापकों को तोहफा

उत्तर प्रदेश सरकार ने नव वर्ष से पूर्व ही दिसंबर में अध्यापकों को तोहफा देने का बड़ा फैसला किया है। नव वर्ष का यह तोहफा सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापकों को दिया जाएगा। नव वर्ष का तोहफा देने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। दरअसल उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे अध्यापकों के अंतर्जनपदीय तबादले शुरू किए जा रहे हैं। यह पिछले 6 महीनों में दूसरा अवसर है जब उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों के अध्यापकों के अंतर्जनपदीय तबादले शुरू हो रहे हैं। अंतर्जनपदीय तबादले अध्यापकों की मांग के आधार पर किए जाएंगे। यही कारण है कि अध्यापकों के इन तबादलों को म्यूचुअल ट्रांसफर कहा जाता है। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department of Uttar Pradesh) ने प्रदेश में अध्यापकों के म्यूचुअल तबादलों का पूरा प्रस्ताव बनाकर सरकार के पास भेज दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार जल्दी ही म्यूचुअल ट्रांसफर करने के आदेश जारी करने वाली है।

क्या है उत्तर प्रदेश में अध्यापकों के लिए नई योजना?

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग ने परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को नए साल का तोहफा देने का फैसला किया है। छह महीने में दूसरी बार म्यूचुअल ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। बेसिक शिक्षा परिषद ने सर्दी की छुट्टियों में एक से दूसरे जिले में पारस्परिक स्थानान्तरण की तैयारियां शुरू कर दी हैं। यह छह महीने में दूसरी बार होगा जब शिक्षकों को अंतर्जनपदीय म्यूचुअल ट्रांसफर का अवसर मिलेगा। शिक्षक सेवा नियमावली के अनुसार, गर्मी और सर्दी की छुट्टियों में तबादले का प्रावधान है। इस बार भी जिले से जिले की बजाय स्कूल से स्कूल में स्थानान्तरण की योजना है। यह प्रक्रिया 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश में पूरी की जाए। इससे पहले इसी साल गर्मी की छुट्टियों में 19 जून को 2796 परिषदीय शिक्षकों (1398 जोड़े) का तबादला हुआ था। हालांकि, तबादले का शासनादेश दो जून 2023 को जारी हुआ था, लेकिन कानूनी अड़चन के कारण शिक्षकों को साल भर इंतजार करना पड़ा था। UP News

उत्तर प्रदेश का विवादित कानून रहेगा या जाएगा, सुनवाई जनवरी में

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