Saturday, 21 June 2025

आसमान से होगा जमीन का हिसाब! न्यू नोएडा की हर गली दिखेगी सेटेलाइट पर

Noida News : नोएडा प्राधिकरण ने ‘न्यू नोएडा’ के सुनियोजित विकास की नींव रखने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।…

आसमान से होगा जमीन का हिसाब! न्यू नोएडा की हर गली दिखेगी सेटेलाइट पर

Noida News : नोएडा प्राधिकरण ने ‘न्यू नोएडा’ के सुनियोजित विकास की नींव रखने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मास्टर प्लान 2041 के तहत अब इस नए शहर की सेटेलाइट मैपिंग की जाएगी जिससे हर गली, हर प्लॉट, हर निर्माण की डिजिटल तस्वीर सामने आ सकेगी। इससे न सिर्फ विकास के खाके को आधुनिक आधार मिलेगा बल्कि अवैध निर्माण पर भी लगाम लगाई जा सकेगी।

दादरी से खुर्जा तक फैलेगा न्यू नोएडा

दादरी और खुर्जा के बीच फैले 80 गांवों की जमीन पर प्रस्तावित ‘दादरी-गाजियाबाद-नोएडा इन्वेस्टमेंट रीजन’ यानी न्यू नोएडा की असल तस्वीर अब आकार ले रही है। नोएडा अथॉरिटी सैटेलाइट डेटा के आधार पर एक बेसमैप तैयार करवा रही है, जो इस पूरे क्षेत्र की भौगोलिक, संरचनात्मक और बुनियादी जानकारी देगा। इस नक्शे के जरिए न केवल सड़कें, जल निकासी, हरित पट्टियां और भवनों की योजना बनेगी, बल्कि अवैध निर्माणों की सटीक पहचान भी हो सकेगी वो भी इस दावे के साथ कि निर्माण मास्टर प्लान से पहले का है, अब नहीं चलेगा।

पहली बार जमीन से पहले आसमान से बनेगी योजना

नोएडा प्राधिकरण का मानना है कि सेटेलाइट मैपिंग से क्षेत्र की सटीक भौगोलिक संरचना, बुनियादी ढांचे और गांवों की मौजूदा स्थिति को समझना आसान होगा। इससे भविष्य की प्लानिंग और संसाधनों का स्मार्ट वितरण सुनिश्चित किया जा सकेगा। बेसमैप का इस्तेमाल मास्टर प्लान 2041 के लिए रियल-टाइम गाइड के तौर पर किया जाएगा।

प्रोजेक्ट का फेज-वाइज प्लान

इस महत्वाकांक्षी योजना को चार चरणों में पूरा किया जाएगा

पहला चरण: 3,165 हेक्टेयर, लक्ष्य – 2027

दूसरा चरण: 3,798 हेक्टेयर, लक्ष्य – 2032

तीसरा चरण: 5,908 हेक्टेयर, लक्ष्य – 2037

चौथा चरण: 8,230 हेक्टेयर, लक्ष्य – 2041

इन सभी चरणों में औद्योगिक, संस्थागत, वाणिज्यिक और आवासीय क्षेत्रों का विस्तार किया जाएगा। विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए जोखाबाद और सांवली गांव के पास, सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र में 10,000 वर्ग मीटर जमीन पर अस्थायी कार्यालय खोले जा रहे हैं। इससे प्राधिकरण की निगरानी स्थानीय स्तर पर और मजबूत होगी।

लैंड पुलिंग पर विचार

प्राधिकरण लैंड पुलिंग मॉडल पर भी मंथन कर रहा है यानी किसान ज़मीन देंगे और बदले में विकसित प्लॉट लौटाए जाएंगे। लेकिन इसमें सबसे बड़ी चुनौती यही है कि किसानों को साफ पता नहीं कि उन्हें जो ज़मीन मिलेगी वह किस जोन के लिए होगी औद्योगिक, वाणिज्यिक, या आवासीय। ऐसे में जोनिंग मिक्सअप भविष्य की चुनौतियां बन सकते हैं।

जनप्रतिनिधियों से होगी चर्चा

जमीन अधिग्रहण के लिए रेट्स तय करना अभी बाकी है। न्यू नोएडा का दायरा यमुना और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र से जुड़ता है लेकिन इसे विकसित नोएडा प्राधिकरण करेगा। इसी संतुलन के लिए स्थानीय सांसद, विधायक और किसानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की जाएगी। नोएडा अथॉरिटी ने विकास कार्यों की शुरुआत ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और जीटी रोड से सटी ज़मीन से करने का फैसला किया है। यहां औद्योगिक और संस्थागत जोन पहले से तय हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर, रोड नेटवर्क और ट्रांजिट की प्राथमिकता से निवेशकों को आकर्षित किया जाएगा।

हरा-भरा और इंडस्ट्रियल शहर का खाका

नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सतीश पाल ने कहा कि सेटेलाइट बेसमैप से गांवों में हुए हर निर्माण की जानकारी डिजिटल रूप में उपलब्ध होगी। इससे तय होगा कि कहां अवैध प्लॉटिंग हुई है, कहां पुनर्विकास की जरूरत है और किन इलाकों में तत्काल कार्यवाही जरूरी है।

टेक्नोलॉजी के सहारे न्यू नोएडा को एक स्मार्ट, ग्रीन और इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित करने की योजना है। सेटेलाइट से देखी गई ज़मीन पर बनने वाले मास्टर प्लान 2041 की नींव अगर तयशुदा वक्त पर रखी गई, तो आने वाले दो दशकों में न्यू नोएडा भारत के सबसे बड़े और सुनियोजित औद्योगिक शहरों में शामिल हो सकता है। Noida News

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