Noida News: किडनी कैंसर से पीडि़त महिला को मेट्रो के डाक्टरों ने दी नई जिंदगी

Noida News: सेक्टर-12 स्थित मेट्रो अस्पताल के चिकित्सकों ने किडनी कैंसर की गंभीर बीमारी से जूझ रही एक (73 वर्षीय) महिला को इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी प्रक्रिया (एंजियोएंबोलाइजेशन) तकनीक और मेजर सर्जरी की मदद से नई जिंदगी दी है। सर्जरी के पश्चात वृद्घ महिला पूरी तरह स्वस्थ है।
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अस्पताल में आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट डॉ. आशुतोष सिंह ने बताया कि मैनपुरी की रहने वाली (73 साल) की महिला को राइट साइड की किडनी में बहुत बड़ा कैंसर था। मरीज के परिजनों ने आगरा, दिल्ली, एनसीआर के अलावा मैनपुरी के कई बड़े निजी अस्पतालों में इलाज के लिए संपर्क किया, लेकिन सभी अस्पतालों के डॉक्टरों ने हालत गंभीर होने की बात कहकर इलाज से मना कर दिया। मेट्रो अस्पताल पहुंची महिला की तमाम जांच के पश्चात चिकित्सकों ने किडनी की सर्जरी करने का निर्णय लिया।
उन्होंने बताया कि किडनी शरीर का एक ऐसा अंग है जहां पर रक्त का प्रवाह काफी अधिक रहता है। कैंसर से ग्रसित किडनी को निकालने से अधिक रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है। सर्जरी के दौरान रक्तस्राव को रोकने व सर्जरी के परिणाम बेहतर करने के लिए कैथलैब में सबसे पहले रीनल आर्टरी को बंद किया। विशेष तकनीक द्वारा किडनी में जाने वाले रक्त को रोका और मरीज को सर्जरी के लिए तैयार किया।
डॉ आशुतोष सिंह ने आगे बताया कि इस सर्जरी में अगले दिन हमने किडनी के कैंसर को हटाया और फिर दिल के उस हिस्से जिसमें कैंसर के टिश्यू थे उन्हें भी बाहर निकाला। इस सर्जरी में करीब 5 घंटे का समय लगा और अब मरीज़ पूरी तरह से स्वस्थ है। सर्जरी के बाद महिला अब अपने आप सभी नियमित दिनचर्या के काम कर रही है। पत्रकार वार्ता में डा. रजत सक्सेना, डा. समीर गुप्ता तथा डा. कनिका कंवर मौजूद थे।
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अस्पताल में आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट डॉ. आशुतोष सिंह ने बताया कि मैनपुरी की रहने वाली (73 साल) की महिला को राइट साइड की किडनी में बहुत बड़ा कैंसर था। मरीज के परिजनों ने आगरा, दिल्ली, एनसीआर के अलावा मैनपुरी के कई बड़े निजी अस्पतालों में इलाज के लिए संपर्क किया, लेकिन सभी अस्पतालों के डॉक्टरों ने हालत गंभीर होने की बात कहकर इलाज से मना कर दिया। मेट्रो अस्पताल पहुंची महिला की तमाम जांच के पश्चात चिकित्सकों ने किडनी की सर्जरी करने का निर्णय लिया।
उन्होंने बताया कि किडनी शरीर का एक ऐसा अंग है जहां पर रक्त का प्रवाह काफी अधिक रहता है। कैंसर से ग्रसित किडनी को निकालने से अधिक रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है। सर्जरी के दौरान रक्तस्राव को रोकने व सर्जरी के परिणाम बेहतर करने के लिए कैथलैब में सबसे पहले रीनल आर्टरी को बंद किया। विशेष तकनीक द्वारा किडनी में जाने वाले रक्त को रोका और मरीज को सर्जरी के लिए तैयार किया।
डॉ आशुतोष सिंह ने आगे बताया कि इस सर्जरी में अगले दिन हमने किडनी के कैंसर को हटाया और फिर दिल के उस हिस्से जिसमें कैंसर के टिश्यू थे उन्हें भी बाहर निकाला। इस सर्जरी में करीब 5 घंटे का समय लगा और अब मरीज़ पूरी तरह से स्वस्थ है। सर्जरी के बाद महिला अब अपने आप सभी नियमित दिनचर्या के काम कर रही है। पत्रकार वार्ता में डा. रजत सक्सेना, डा. समीर गुप्ता तथा डा. कनिका कंवर मौजूद थे।







