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नोएडा वालों के लिए बड़ी खबर, मिलने वाली है जाम से मुक्ति

Noida News

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Noida News : नोएडा के नागरिकों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। नोएडा से ग्रेटर नोएडा तक यात्रा करने तथा ग्रेटर नोएडा से दिल्ली जाने वाले नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा के नागरिकों को जल्दी ही रोज-रोज लगने वाले जाम से मुक्ति मिलने वाली है। दरअसल नोएडा शहर की सीमा पर स्थित चिल्ला रेगुलेटर से लेकर महामाया फ्लाईओवर तक चिल्ला एलिवेटेड रोड के निर्माण में आने वाली सारी बाधाएं दूर कर दी गयी हैं।

जल्दी ही मिलेगी जाम से मुक्ति Noida News

नोएडा की सीमा पर पड़ने वाले चिल्ला रेगुलेटर से लेकर महामाया फ्लाईओवर तक प्रतिदिन ट्रैफिक जाम रहता है। प्रतिदिन नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा को लाखों नागरिकों को ट्रैफिक जाम में फंसकर अपना कई-कई घंटों का समय बर्बाद करना पड़ता है। अब खबर आ गई है कि नोएडा की सीमा पर स्थित चिल्ला रेगुलेटर से लेकर महामाया फ्लाईओवर तक एक शानदार एलिवेटेड रोड जल्दी ही बन जाएगा। इस एलिवेटेड रोड के निर्माण का फैसला तीन साल पहले लिया जा चुका है। निर्माण शुरू होने में देरी के कारण एलिवेटेड रोड के निर्माण की कीमत 150 करोड़ रूपए तक बढ़ गई है। एलिवेटेड रोड की इतनी भारी कीमत बढऩे का मामला लटका हुआ पड़ा था। मंगलवार को इस समस्या का समाधान हो गया है। अब जल्दी ही नोएडा में चिल्ला एलिवेटेड रोड बनकर तैयार हो जाएगा।

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने निपटाया मामला

आपको बता दें कि नोएडा की सीमा पर स्थित चिल्ला रेगुलेटर से महामाया फ्लाईओवर तक 5.96 किमी लंबे चिल्ला एलिवेटेड रोड का निर्माण कार्य शुरू कराने की बाधा दूर हो गई है। निर्माण कार्य के लिए 150 करोड़ रुपये बजट बढ़ गया था। इस बाबत कैबिनेट से मंजूरी तक की नौबत आ गई थी, लेकिन मंगलवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने ऑनलाइन बैठक कर मामले का समाधान कर दिया। अब इस परियोजना में करीब 50 करोड़ रुपये तक बजट कम करते हुए काम शुरू होगा। ऐसे में परियाजेना की कुल निर्माण लागत 887 करोड़ आ सकती है। इसके निर्माण में करीब 3.5 साल लगेंगे।

यूपी स्टेट ब्रिज कॉरपोरेशन लिमिटेड ने परियोजना के लिए 680 करोड़ का टेंडर निकाला था। इसके लिए पांच एजेंसियों ने टेंडर डाला था। फाइनेंशियल बिड खुलने पर सबसे कम 624 करोड़ की बिड एमजी कॉन्ट्रैक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड ने डाली थी। लिहाजा, इसका चयन निर्माण एजेंसी के तौर पर कर लिया गया। हालांकि अब तक एग्रीमेंट नहीं हो पाया है।

शासन की ओर से परियोजना का बजट 787 करोड़ का तय किया गया था, लेकिन इसमें से 60 करोड़ रुपये पहले से खर्च हो गए हैं। बाकी बचे बजट में 680 करोड़ का टेंडर निकाला गया था। टेंडर फाइनल होने के बाद 18 प्रतिशत जीएसटी के करीब 113 करोड़, मेंटेनेंस चार्ज के 8 करोड़, लागत बढ़ोतरी के 35 करोड़ और सेंटेज चार्ज मिलाकर 150 करोड़ रुपये बजट बढ़ गया था। ऐसे में परियोजना की कुल निर्माण लागत बढक़र 937 करोड़ हो गई थी। परियोजना में यूपी शासन और नोएडा प्राधिकरण को 50-50 प्रतिशत धनराशि वहन करनी है।

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