Noida News : नोएडा प्राधिकरण के CEO व पूर्व DGM को आज फुटपाथ व पेड़ों के आसपास इंटर लॉकिंग टाइल्स को झूठा हल्फनामा दाखिल करने के मामले में NGT ने तलब किया है। दरअसल 17 नवंबर को सुनवाई के दौरान शहर में सड़क किनारे हो रहे अवैध टाइल कार्य और 2022 में जमा किए गए झूठे हलफनामे पर ट्रिब्यूनल ने नाराजगी ज़ाहिर की थी।
हलफनामे की सुनवाई कल
यह मामला सड़क किनारे के हरे भरे क्षेत्रों में टाइल लगाने से जुड़ा है। इस मामले में 8 नवंबर को NGT में सुनवाई हुई थी। जिसके बाद कल गलत हलफनामे पर सुनवाई की जाएगी। जिसको लेकर प्राधिकरण ने अपना पक्ष तैयार किया है। साथ ही कई स्थानों पर पे? के चारो ओर लगी टाइल्स को हटाया गया है। पर्यावरण विद् विक्रांत तोंगड़ ने बताया कि, नोएडा प्राधिकरण के कर्मचारियों ने कुछ स्थानों पर टाइलें हटाकर फोटो एनजीटी में जमा किए, जिनमें केवल 5-10 टाइलें ही हटा दी गईं और काम अधूरा छोड़ दिया गया। उन स्थानों से हजारों टाइलें हटाई जानी चाहिए थीं क्योंकि उन्हें 2018 के नियमों का उल्लंघन करते हुए लगाया गया था। हालांकि, नोएडा प्राधिकरण ने अनुपालन का दावा किया था।
न्यायिक आदेशों को धोखे से किया गया पक्ष में
लेकिन याची के अधिवक्ता आकाश वशिष्ठ ने नोएडा गोल्फ कोर्स, होजरी कॉम्प्लेक्स और नोएडा के विभिन्न सेक्टरों सहित कई स्थानों पर टाइल लगाने का फोटोग्राफिक सबूत प्रस्तुत किया। न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और डॉ. अफरोज अहमद के नेतृत्व वाली एनजीटी बेंच ने इन गलत बयानों को गंभीर मानते हुए कहा कि नोएडा प्राधिकरण ने न्यायिक आदेशों को धोखे से अपने पक्ष में प्राप्त किया है। अगस्त 2024 में नोएडा और ग्रेटर नोएडा के सीईओ को भी एनजीटी द्वारा तलब किया गया था, जहां एनजीटी के आदेशों का पालन करने के लिए कड़ी हिदायत दी गई थीं। इसके बावजूद, नोएडा प्राधिकरण 2018 के फुटपाथ दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए सडक़ किनारे के हरे भरे क्षेत्रों में 5-6 मीटर तक टाइलें बिछा रहा है।
हो रही जलभराव की समस्या उत्पन्न
जिससे वर्षा जल के अवशोषण में बाधा आ रही है और जलभराव की समस्या उत्पन्न हो रही है। आवेदक ने लगातार इन उल्लंघन के फोटोग्राफिग सबूत प्रस्तुत किए हैं, लेकिन नोएडा प्राधिकरण ने कोर्ट में झूठी जानकारी प्रस्तुत की है। ऐसे में एनजीटी ने सीईओ और डीजीएम 8 नवंबर 2024 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुई। अब इस मामले में कल एनजीटी में सुनवाई की जाएगी। Noida News