Noida News : नोएडा शहर उत्तर प्रदेश का सबसे महत्वपूर्ण शहर है। नोएडा शहर को उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी भी कहा जाता है। इतने विशेष बन चुके नोएडा शहर में बिजली की आपूर्ति एक बड़ी समस्या है। गर्मी के मौसम में तो बिजली के कट नोएडा के नागरिकों को रूला रहे हैं। इस बीच नोएडा का बिजली महकमा नींद से जागता हुआ नजर आ रहा है। बिजली विभाग नोएडा शहर को नो पॉवर कट जोन बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
क्या है योजना
नोएडा क्षेत्र की बिजली व्यवस्था का जिम्मा इन दिनों राजीव मोहन के हाथों में है। राजीव मोहन इन दिनों नोएडा में बिजली विभाग के मुख्य अभियंता हैं। राजीव मोहन ने बताया कि नोएडा शहर को बिजली कट से मुक्त करने के लिए बड़ी योजना बनाई गई है। इस योजना पर पूरे दो हजार करोड़ रूपए खर्च होंगे। दो हजार करोड़ रूपये खर्च करके नोएडा शहर को बिजली आपूर्ति के मामले में विश्वस्तरीय शहर बनाया जाएगा। यह योजना भारत सरकार की योजना है। नोएडा में लागू होने वाली योजना का नाम पुनरूत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) रखा गया है।
नोएडा में बिजली की पुनरूत्थान योजना
नोएडा में बिजली विभाग के मुख्य अभियंता राजीव मोहन ने बताया कि वैश्विक शहर बनने की ओर अग्रसर नोएडा का बिजली ढांचा भी अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकसित होगा। इसको लेकर भारत सरकार की पुनरूत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) शहर में लगभग दो हजार करोड़ की लागत से बिजली ढांचे का कायाकल्प होगा। इसको लेकर उच्च अधिकारियों के निर्देश पर स्थानीय स्तर पर कार्ययोजना तैयार हो गई है। चुनाव के बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय से हरी झंडी मिलते ही टेंडरिंग और आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। योजना के तहत स्मार्ट सिटी के तहत देश के कुछ प्रमुख शहरों में स्मार्ट बिजली ढांचा तैयार किया जाना है।
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इसमें उत्तर प्रदेश से नोएडा, वाराणसी अयोध्या और कानपुर शामिल हैं। विद्युत निगम के अधिकारियों ने बताया कि योजना का लक्ष्य शहरों को पूरी तरह ट्रिपिंग मुक्त करके बिजली कटौती को वर्षभर में एक घंटा से कम लाना है। इसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर, तकनीकी, आटोमेशन, स्काडा सिस्टम और कंज्यूमर मैपिंग पर काम होगा। इन्फ्रा में 33 केवी और 11 केवी से लेकर एलटी स्तर तक पूरे सिस्टम को बदला जाएगा।
विद्युत आपूर्ति के लिए आधुनिक उपकरणों का प्रयोग किया जाएगा। पूरी व्यवस्था रिमोट पर आधारित होगी और कम से कम मानवीय हस्तक्षेप न्यूनतम रहेगा। इससे संचालन के साथ निगरानी बेहतर होगी। काफी हद तक दिल्ली में टाटा और पावर की तरह ही नोएडा का बिजली इन्फ्रा होगा। इससे बारिश में भी बिजली आपूर्ति जारी रहेगी। औद्योगिक नगरी नोएडा का बिजली ढांचा लगभग 35 वर्ष पुराना है। नो ट्रिपिंग जोन में शामिल होने के बावजूद शहर में बिजली आपूर्ति एक बड़ी समस्या रहती है। इसमें शहरी क्षेत्र के पांच खंड एक, दो, तीन, पांच व सात शामिल है।
सीईसी और सीईआरसी की टीम कर चुकी निरीक्षण: योजना को लेकर केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) व केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग की टीम शहर के बिजली ढांचे का जायजा ले चुकी है। उसके बाद केंद्रीय मंत्रालय की तरफ से प्रदेश सरकार को नोएडा में योजना के लिए हरी झंडी दी गई। यूपीपीसीएल के चेयरमैन ने नोएडा शहर के बिजली ढांचे में सुधार को लेकर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उसके अनुसार अधिकारियों ने कार्ययोजना तैयार की है। वर्तमान में ट्रिपिंग से इतर विद्युत निगम को सबसे ज्यादा शटडाउन मरम्मत के लिए लेना पड़ता है। नई व्यवस्था के तहत वितरण ट्रांस फार्मर स्तर तक रिंग व्यवस्था रहेगी। प्रत्येक ट्रांसफार्मर डबल बिजली सोर्स से जुड़ा रहेगा। ऐसे में मरम्मत के लिए भी कटौती की जरूरत नहीं पड़ेगी। Noida News
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