Noida News : सेक्टर-100 और 110 के ग्रेनाइट गेट प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड की दो परियोजनाओं की जांच की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) करेगा। नोएडा प्राधिकरण ने दोनों परियोजनाओं के छह प्रमोटर्स की जांच की सिफारिश ईओडब्ल्यू से की है। दोनों परियोजनाओं पर प्राधिकरण का 1589.49 करोड़ का बकाया है।
दोनों परियोजनाओं में कुल 60 टावर बनाने की थी मंजूरी
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने बताया, ग्रुप हाउसिंग भूखंड संख्या जीएच-3, सेक्टर-100 के 120000 वर्गमीटर प्लॉट का आवंटन 24 दिसंबर 2008 को मेसर्स रेड फोर्ट जहांगीर प्रोपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से किया गया। बाद में इसका नाम परिवर्तित हो गया और मेसर्स ग्रेनाईट गेट प्रोपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड के पक्ष में 30 दिसंबर 2008 को पट्टा प्रलेख कराते हुए जमीन पर कब्जा दिया गया। आवंटी को उस प्लॉट के आवंटन के बाद देय धनराशि जमा कराने नोएडा प्राधिकरण की ओर से दोनों परियोजनाओं में कुल 60 टावर बनाने की मंजूरी मिली थी। इसमें सेक्टर-100 में 29 तो 110 में 31 टावर बनाने थे। यहां दोनों परियोजनाओं में कुल सात हजार से ज्यादा फ्लैट् बनाने की मंजूरी मिली थी। के लिए समय-समय पर नोटिस जारी किये गए। लेकिन आवंटी ले प्लॉट के एवज में 495.85 करोड़ की बकाये की धनराशि जमा नहीं कराई। साथ ही निर्धारित समयावधि में निर्माण कार्य भी पूरा नहीं कराया।
फ्लैट खरीदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा
प्राधिकरण का कहना है कि इस परियोजना के प्रमोटर्स विदुर भारद्वाज, निर्मल सिंह, सुरप्रीत सिंह सूरी, गुरुबक्श सिंह, सुभाष बेदी एवं कल्याण यनमेंद्र चकवर्ती ने उस परियोजना के फ्लैट बेचकर तृतीय पक्ष के अधिकार सृजित कर दिए। साथ ही परियोजना से प्राप्त धनराशि को प्राधिकरण में जमा न कराते हुए कहीं और प्रयोग किया गया। इसके कारण फ्लैट खरीदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं, प्राधिकरण को भी वित्तीय हानि पहुंचायी गई।
परियोजना में भी निर्माण का काम पूरा नहीं हुआ
ग्रुप हाउसिंग भूखंड संख्या जीएच-5, सेक्टर 110 में 164120 वर्गमीटर का आवंटन 1 दिसंबर 2009 को मेसर्स रेड फोर्ट जहांगीर प्रोपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को किया गया। बाद में इसमें नाम परिवर्तित करते हुए मेसर्स ग्रेनाईट गेट प्रोपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड आ गया। यहां 29 दिसंबर 2009 को लीज डीड कराते हुए कब्जा दिया गया। इस परियोजना में आवंटी पर 1093.64 करोड़ की राशि बकाया है, जिसे चुकाया नहीं गया। इस परियोजना में भी निर्माण का काम पूरा नहीं हुआ।
बुकिंग से मिली धनराशि को कहीं और लगा दिया गया
उक्त परियोजना के भी प्रमोटर्स विदुर भारद्वाज, निर्मल सिंह, सुरप्रीत सिंह सूरी, गुरुबक्श सिंह, सुभाष बेदी एवं कल्याण यनमेन्द्र चक्रवर्ती रहे, जिन पर आरोप है कि फ्लैट की बुकिंग से मिली धनराशि को डायवर्ट करते हुए कहीं और लगा दिया गया। साथ ही प्राधिकरण का बकाया नहीं चुकाया गया। ऐसे में प्राधिकरण की ओर से दोनों परियोजनाओं की जांच की सिफारिश ईओडब्ल्यू से की गई है। Noida News
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