Noida News : नोएडा में साइबर अपराधियों ने अपराध की सभी सीमाएं पार कर दीं है । नोएडा में साइबर ठगी से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। नोएडा की 72 वर्षीय प्रतिष्ठित महिला वकील हेमंतिका वाही को आधार कार्ड के नाम पर अपराध में फंसाने की धमकी देकर कई दिनों तक ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ में रखा गया और 3.29 करोड़ रुपये की ठगी कर ली गई। यह मामला न केवल साइबर अपराध की भयावहता को उजागर करता है, बल्कि नोएडा जैसे विकसित शहर में बुजुर्गों की डिजिटल सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।
एक फोन कॉल से शुरू हुआ मानसिक उत्पीड़न
नोएडा की वरिष्ठ वकील हेमंतिका वाही को 10 जून को एक कॉल आया जिसमें दावा किया गया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर चार फर्जी बैंक खाते खोले गए हैं। कॉलर ने बताया कि इन खातों का प्रयोग जुए, ब्लैकमेलिंग और अवैध हथियारों की खरीद जैसे आपराधिक कार्यों में किया गया है। इसके बाद उन्हें एक अन्य नंबर पर संपर्क करने को कहा गया।
जब पीड़िता ने उस नंबर पर कॉल किया, तो सामने वाले व्यक्ति ने खुद को एक जांच एजेंसी का अधिकारी बताया और दावा किया कि वह एक गंभीर आपराधिक जांच का हिस्सा हैं। इसके बाद महिला को एक कथित ‘पुलिस स्टेशन’ से बार-बार कॉल आने लगे, जिनमें उनसे बैंक खातों में जमा रकम की जानकारी मांगी गई।
डर का माहौल बनाकर की गई करोड़ों की ठगी
पीड़िता का कहना है कि उन्हें कई दिनों तक एक तरह की मानसिक कैद में रखा गया, जिसे साइबर अपराध की भाषा में ‘डिजिटल अरेस्ट’ कहा जा रहा है। इस दौरान जालसाजों ने उन्हें यह यकीन दिला दिया कि अगर उन्होंने किसी से बात की तो वे कानूनी कार्रवाई में फंस जाएंगी। इसी भय के चलते वकील ने अपने खातों से 3.29 करोड़ रुपये अलग-अलग किस्तों में ठगों को ट्रांसफर कर दिए। ठीक इसी तरह का एक और मामला नोएडा के सेक्टर-29 निवासी 75 वर्षीय राजीव कुमार के साथ हुआ।
पुलिस उपायुक्त (साइबर अपराध) प्रीति यादव ने जानकारी दी कि 18 जून को उन्हें एक फोन आया, जिसमें बताया गया कि उनके फोन नंबर और आधार कार्ड से जुड़े बैंक खातों का इस्तेमाल ड्रग्स तस्करी, मानव तस्करी और आतंकी गतिविधियों में किया जा रहा है। राजीव कुमार को धमकी दी गई कि उनका फोन नंबर दो घंटे में बंद हो जाएगा और अगर वह जांच में सहयोग नहीं करेंगे तो गिरफ्तारी हो सकती है। डर के माहौल में उन्हें 12 दिनों तक ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ में रखा गया और इस दौरान तीन बार में उनसे कुल 49.50 लाख रुपये ऐंठ लिए गए। उन्हें कहा गया कि वह इस मामले की जानकारी किसी से साझा न करें—यहां तक कि अपने परिवार से भी नहीं।
पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि यदि किसी को इस तरह की कॉल आए जिसमें आधार कार्ड या बैंक खाते को लेकर धमकी दी जा रही हो, तो घबराएं नहीं। नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम सेल से संपर्क करें। कोई भी सरकारी एजेंसी बिना विधिक प्रक्रिया के किसी नागरिक को फोन पर गिरफ्तारी की धमकी नहीं देती। Noida News
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