Saturday, 23 November 2024

नोएडा में तेजी से बढ़ रहा है लिव इन रिलेशनशिप का चलन, स्पेशल मैरिज एक्ट में फिसडडी

Noida News : नोएडा शहर को एशिया की महत्वपूर्ण औद्योगिक नगरी के रूप में गिना जाता है। वहीं कुछ लोग…

नोएडा में तेजी से बढ़ रहा है लिव इन रिलेशनशिप का चलन, स्पेशल मैरिज एक्ट में फिसडडी

Noida News : नोएडा शहर को एशिया की महत्वपूर्ण औद्योगिक नगरी के रूप में गिना जाता है। वहीं कुछ लोग नोएडा को उत्तर प्रदेश की औद्योगिक नगर भी कहते हैं। नोएडा शहर में भारत के हर कोने से आकर बसे हुए लोग रहते हैं। नोएडा शहर भारत के उन शहरों में से एक है जिन शहरों में आपको दुनिया के हर देश के नागरिक मिल जाएंगे। इन सारी विशेषताओं के बीच नोएडा शहर में इन दिनों लिव-इन-रिलेशनशिप का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। वहीं अपनी मर्जी से स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी करने के मामले में नोएडा शहर पिछड़ रहा है। पूरे एक साल में नोएडा शहर में स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत मात्र 23 शादी हुई हैं।

नोएडा में बढ़़ रहा है लिव-इन का चलन

यूं तो दुनिया भर में लिव-इन- रिलेशनशिप को मान्यता मिल चुकी है। किन्तु भारत में आज भी लिव-इन-रिलेशनशिप को अच्छी नजर से नहीं देखा जाता है। समाज में अच्छी नजर से न देखे जाने के बावजूद लिव-इन-रिलेशनशिप के मामले नोएडा शहर में तेजी से बढ़ रहे हैं। एक एजेंसी के सर्वे में दावा किया गया है कि नोएडा शहर में कम से कम दो हजार से अधिक जोड़े इन दिनों लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रहे हैं। नोएडा में लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने वालों की यह संख्या तेजी से बढ़ रही है।

नोएडा शहर के सेक्टर-44 में रहने वाले रोहित मिश्रा कहते हैं कि वह तथा उनकी पार्टनर पिछले दो साल से लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रहे हैं। उन्हें इस प्रकार के रिलेशनशिप में रहने में आनंद आता है। इसी प्रकार की मिलती-जुलती प्रतिक्रिया नोएडा के सेक्टर-51 में रहने वाले आदित्य राज ने भी की है। आदित्य कहते हैं कि हमें विवाह करना है विवाह से पहले एक-दूसरे को पूरी तरह समझने का सबसे बेहतर तरीका लिव-इन-रिलेशनशिप ही है। एजेंसी के सर्वे में नोएडा के अधिकतर युवक-युवतियों ने लिव-इन-रिलेशनशिप को जायज करार दिया है।
स्पेशल मैरिज एक्ट के मामले बहुत पीछे हैं नोएडा रहने वाले रोहित मिश्रा कहते हैं कि वह तथा उनकी पार्टनर पिछले दो साल से लिन-इन-रिलेशनशिप में रह रहे हैं। उन्हें इस प्रकार के रिलेशनशिप में रहने में आनंद आता है। इसी प्रकार की मिलती-जुलती प्रतिक्रिया नोएडा के सेक्टर-51 में रहने वाले आदित्य राज ने भी की है। आदित्य कहते हैं कि हमें विवाह करना है विवाह से पहले एक-दूसरे को पूरी तरह समझने का सबसे बेहतर तरीका लिन-इन-रिलेशनशिप ही है। एजेंसी के सर्वे में नोएडा के अधिकतर युवक-युवतियों ने लिन-इन-रिलेशनशिप को जायज करार दिया है।

स्पेशल मैरिज एक्ट के मामले बहुत पीछे हैं नोएडा

आपको बता दें कि भारत में समाज की मान्यता के बिना भी विवाह करने की व्यवस्था है। यह व्यवस्था भारत में बने स्पेशल मैरिज एक्ट-1954 के तहत की गई है। इस एक्ट के तहत किसी भी जाति, धर्म अथवा किसी भी प्रकार की मान्यता को मानने वाले लडक़ा-लडक़ी मजिस्ट्रेट के सामने पेश होकर अपनी मर्जी से शादी कर सकते हैं। स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी करने के मामले में अत्याधुनिक शहर नोएडा फिसडडी साबित हो रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि नोएडा शहर में वर्ष-2023 में पूरे साल स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत केवल 15 शादियां रजिस्टर्ट हुई हैं। वर्ष-2022 में नोएडा शहर में स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत 13 शादियां तथा वर्ष-2021 में 23 शादियां हुई हैं। दूसरे शहरों के मुकाबले नोएडा का नंबर काफी पीछे है।

क्या है भारत का स्पेशल मैरिज एक्ट

आपको यह भी बता दें कि भारत में लागू स्पेश्ल मैरिज एक्ट 1954 क्या है। यहां यह चर्चा करना इसलिए भी जरूरी है ताकि नोएडा शहर के लोग इस एक्ट के विषय में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकें। स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 एक ऐसा कानून है जिसके तहत भारत का संविधान दो अलग-अलग धर्मों के लोगों को शादी करने की सुविधा देता है। ये सभी इंडियन सिटिजन्स के लिए मान्य है और उनके लिए भी जो भारतीय तो हैं, लेकिन भारत के बाहर रह रहे हैं। इस एक्ट की मदद किसी भी धर्म के लोग ले सकते हैं, बस शर्त ये है कि वो भारतीय हों। इस एक्ट की नींव 19वीं सदी में ही रख दी गई थी जब सिविल मैरिज एक्ट को लेकर पहल की गई थी। इसके बाद, 1954 में ये एक्ट रिवाइज किया गया। नए एक्ट में तीन खास नियम बनाए थे- एक खास तरह की शादियों के लिए रजिस्ट्रेशन सुविधा दी जाए, अलग-अलग धर्मों के लोगों की शादी के लिए सुविधा प्रदान की जाए, शादी के बाद तलाक की सुविधा दी जाए। स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत कोई भी भारतीय आवेदन दे सकता है। ये एक्ट धर्म के हिसाब से काम नहीं करता है। ये सभी के लिए एक बराबर है। ऐसे भारतीय जो विदेशों में रह रहे हैं उन्हें इसके तहत शादी करने की सुविधा है। शादी करने वाले जोड़े का बालिग होना जरूरी है। यानी दूल्हे की उम्र 21 साल और दुल्हन की उम्र 18 साल होनी ही चाहिए। दोनों को ही मानसिक रूप से सक्षम होना चाहिए। दोनों को ही अलग सेक्स का होना चाहिए। हालांकि, अभी सेम सेक्स मैरिज को स्पेशल मैरिज एक्ट में शामिल करने की बात की जा रही है। इसपर अभी सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोई फैसला नहीं आया है।

शादी की डेट कोर्ट से ही सेट होती है। आपको जब भी शादी करनी है उसके 30 दिन पहले नोटिस देना होता है। नोटिस जिस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दिया गया है, दोनों में से किसी एक को उस डिस्ट्रिक्ट में 30 दिनों तक रहना होगा। यानी आप ऐसा नहीं कर सकते कि नोएडा में रहते हैं और गाजियाबाद कोर्ट से शादी कर ली। दोनों में से किसी एक का गाजियाबाद में रहना जरूरी है। नोटिस कोर्ट में डिस्प्ले किया जाता है। 30 दिनों तक अगर किसी को कोई आपत्ति है तो वो अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है। अगर 30 दिनों तक कोई शिकायत नहीं आई तो कोर्ट में शादी की जा सकती है। इसके लिए मैरिज रजिस्ट्रार के ऑफिस में सिग्नेचर करने होते हैं। इस शादी के लिए किसी भी तरह की रस्म फॉलो करने की जरूरत नहीं होती है। शादी के लिए तीन विटनेस का होना जरूरी है। इसी के साथ, एक मैरिज ऑफिसर विटनेस को भी वेरीफाई करता है।

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