परशुराम जयंती विशेष, जानें भगवान राम और परशुराम का संबंध

परशुराम जयंती के अवसर पर देश भर में होती हैं महा सभाएं
इस साल परशुराम जयंती 10 मई 2024 को मनाई जा रही है। ऐसे में देश भर में परशुराम जी की जयंती के अवसर पर कई तरह की सभाओं एवं झांकियों का आयोजन किया जाता है। देश भर में इनकी शोभायात्राएं निकाली जाती हैं। हिंदू कैलेडर के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन जहां अक्षय तृतीया की शुभता होती है, वहीं इस दिन परशुराम जी का पूजन भी किया जाता है। यह दिन बहुत ही विशेष सौभाग्य प्रदान करने वाला माना गया है।हर युग में रहे परशुराम
शास्त्रों में मौजूद प्रमाण बताते हैं की परशुराम जी की उपस्थिति हर युग में थी। रामायण के सीता स्वयंवर प्रसंग में श्री राम जी के साथ भगवान परशुराम जी का साक्षात्कार होन, इसी के साथ महाभारत काल में परशुराम जी का वर्णन यह सभी कुछ दर्शाता है की परशुराम जी की उपस्थिति हर युग में रही। परशुराम जी ने हैहयवंशी क्षत्रिय राजाओं को 21 बार मार कर इस पृथ्वी पर से उनके दुष्ट कार्यों को समाप्त किया और पृथ्वी को नकारात्मक शक्तियों से बचाया।परशुराम जयंती पूजन
परशुराम जी की जयंती के अवसर पर परशुराम जी का पूजन विशेष रुप से होता है। इस दिन भगवान श्री हरि की पूजा होती है तथा परशुराम जी के मंत्र जाप किए जाते हैं इस दिन भगवान श्री हरि के इस परशुराम अवतार की कथा को पढ़ना एवं सुनना शुभ होता है। परशुराम जी की पूजा के साथ उनके " ॐ रां रां ॐ रां रां परशुहस्ताय नम:" एवं " ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि तन्न: परशुराम: प्रचोदयात्।।" मंत्र का जाप करना उत्तम होता है।ज्योतिषाचार्य राजरानी
वैशाख दर्श अमावस्या के साथ भौमवती अमावस्या, कई योग बदल सकते हैं आपका जीवन
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इस साल परशुराम जयंती 10 मई 2024 को मनाई जा रही है। ऐसे में देश भर में परशुराम जी की जयंती के अवसर पर कई तरह की सभाओं एवं झांकियों का आयोजन किया जाता है। देश भर में इनकी शोभायात्राएं निकाली जाती हैं। हिंदू कैलेडर के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन जहां अक्षय तृतीया की शुभता होती है, वहीं इस दिन परशुराम जी का पूजन भी किया जाता है। यह दिन बहुत ही विशेष सौभाग्य प्रदान करने वाला माना गया है।हर युग में रहे परशुराम
शास्त्रों में मौजूद प्रमाण बताते हैं की परशुराम जी की उपस्थिति हर युग में थी। रामायण के सीता स्वयंवर प्रसंग में श्री राम जी के साथ भगवान परशुराम जी का साक्षात्कार होन, इसी के साथ महाभारत काल में परशुराम जी का वर्णन यह सभी कुछ दर्शाता है की परशुराम जी की उपस्थिति हर युग में रही। परशुराम जी ने हैहयवंशी क्षत्रिय राजाओं को 21 बार मार कर इस पृथ्वी पर से उनके दुष्ट कार्यों को समाप्त किया और पृथ्वी को नकारात्मक शक्तियों से बचाया।परशुराम जयंती पूजन
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