Bussiness News : अगले आदेश तक बिना लाइसेंस के रिफाइंड पाम तेल का आयात कर सकते हैं व्यापारी

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Dadri News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Dec 2022 03:15 AM
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Bussiness News : नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को रिफाइंड पाम तेल के अंकुश-मुक्त आयात की सुविधा को 31 दिसंबर से अगले आदेश तक आगे बढ़ा दिया है। इसका उद्देश्य खाद्य तेल की घरेलू आपूर्ति बढ़ाना और इस तेल की कीमत को कम करना है।

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पिछले साल जून में सरकार ने 31 दिसंबर, 2021 तक रिफाइंड पाम तेल पर आयात प्रतिबंध हटा दिया था, जब खाद्य तेलों की कीमतें तेजी से बढ़ी थीं। बाद में इसे 31 दिसंबर, 2022 तक बढ़ा दिया गया था। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा, जिंसों (खाद्यतेल) की मुक्त आयात नीति (रिफाइंड ब्लीच्ड डिओडोराइज्ड पाम ऑयल या आरबीडी पामतेल, रिफाइंड ब्लीच्ड डिओडोराइज्ड पामोलिन या आरबीडी-पामोलीन) को अगले आदेश तक 31 दिसंबर, 2022 से आगे बढ़ाया जाता है। हालांकि, इसने कहा कि केरल में किसी भी बंदरगाह के माध्यम से आयात की अनुमति नहीं है। इससे पहले, ये आयात प्रतिबंधित श्रेणी के तहत थे, जिसमें एक आयातक को आयात की खेप के लिए डीजीएफटी से लाइसेंस या अनुमति की आवश्यकता होती थी। उद्योग निकाय सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार, इंडोनेशिया में कम कीमतों के कारण पिछले 11 महीनों में भारत में रिफाइंड पाम तेल का आयात ढाई गुना से अधिक बढ़कर 17.12 लाख टन हो गया। भारत दुनिया का प्रमुख वनस्पति तेल खरीदार देश है। भारत ने चालू 2021-22 तेल वर्ष की नवंबर-सितंबर अवधि के दौरान 130.1 लाख टन वनस्पति तेलों का आयात किया, जो कि एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में चार प्रतिशत अधिक है। पाम तेल के आयात की हिस्सेदारी कुल वनस्पति तेल के आयात में 50 प्रतिशत की है। भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया और मलेशिया से पामतेल का आयात करता है, और अर्जेंटीना से सोयाबीन तेल सहित कच्चे नरम तेल की एक छोटी मात्रा का आयात करता है। सूरजमुखी का तेल यूक्रेन और रूस से आयात किया जाता है। एक अलग अधिसूचना में डीजीएफटी ने कहा कि उड़द और तुअर की मुफ्त आयात नीति को 31 मार्च, 2024 तक बढ़ा दिया गया है। पहले यह सुविधा 31 मार्च, 2023 को खत्म होने वाली थी।

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Mukesh Ambani : मुकेश अंबानी के 20 साल पूरे, दो दशक में कंपनी की पूंजी 42 गुना बढ़ी

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Mukesh Ambani
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 12:10 PM
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Mukesh Ambani: नयी दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पद पर अब मुकेश अंबानी को 20 साल पूरे हो गए हैं। उनकी अगुवाई में रिलायंस ने पिछले दो दशक में राजस्व, लाभ के साथ ही बाजार पूंजीकरण में लगातार दो अंकीय वृद्धि दर हासिल की है। इस दौरान कंपनी का बाजार पूंजीकरण 42 गुना बढ़ा है, तो लाभ में करीब 20 गुना की वृद्धि हुई है।

Mukesh Ambani

कंपनी द्वारा बुधवार को जारी बयान में कहा गया है कि अंबानी के नेतृत्व वाले 20 वर्षों में 87 हजार करोड़ प्रति वर्ष की दर से निवेशकों की झोली में 17.4 लाख करोड़ रुपये आए।

इस बीच, दुनियाभर की बड़ी से बड़ी कंपनियों का निवेश रिलायंस को मिला। फेसबुक, गूगल और बीपी जैसी बड़ी कंपनियों ने रिलायंस में निवेश किया।

देश की सबसे बड़ी कंपनी की सफलता की कहानी के कई महत्वपूर्ण अध्याय मुकेश अंबानी ने अपने हाथ से लिखे हैं। तेल से शुरू कर कंपनी ने दूरसंचार और खुदरा क्षेत्र में कई मुकाम हासिल किए हैं। मुकेश अंबानी ने ही सबसे पहले डेटा को ‘न्यू-ऑयल’ कहा था। जाहिर है कि डेटा ने आज देश के आमजन की रोजमर्रा की जिंदगी को बदल डाला है।

अंबानी ने दुनिया की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनियों में से एक रिलायंस जियो को खड़ा किया। जियो के आने के बाद देश ने डिजिटल दुनिया में जो दौड़ लगाई, उसे देख दुनिया ने दांतों तले अंगुली दबा ली। आज सबसे अधिक डिजिटल लेनदेन का रिकॉर्ड भारत के नाम है। इसमें रिलायंस जियो का भी योगदान है।

आरआईएल ने बताया कि जो डेटा करीब 250 रुपये प्रति जीबी की दर से मिलता था, वह जियो के आने के बाद घटकर 10 रुपये के आसपास पहुंच गया। डेटा खपत में भी देश ने लंबी छलांग लगाई और 2016 में 150वें स्थान से बढ़कर दुनिया में भारत ने पहला स्थान हासिल कर लिया है।

खुदरा क्षेत्र में भी रिलायंस दुनिया की दिग्गज कंपनियों को टक्कर दे रही है। ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, खुदरा हो या थोक कारोबार, मुकेश अंबानी के नेतृत्व में रिलायंस ने अपनी पकड़ मजबूत की है।

रिलायंस रिटेल ने पिछले साल एक दिन में करीब सात स्टोर खोले का रिकॉर्ड बनाया है। राजस्व के मामले में भी वह देश की शीर्ष खुदरा कंपनी बन गई है।

मुकेश अंबानी ने भविष्य की रिलायंस के लिए सपने अभी से बुनने शुरू कर दिए हैं। जामनगर में 75 हजार करोड़ रुपये के निवेश से नवीकरणीय ऊर्जा के लिए पांच गीगा फैक्टरी लगाई जा रही हैं। सौर ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन जैसे नए ऊर्जा साधनों पर भी रिलायंस तेजी से काम कर रही है।

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Business News : जानिये! देश के आठ बड़े शहरों में कितनी बढ़ी घरों की बिक्री

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Know! How much the sale of houses increased in eight big cities of the country
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Dec 2022 06:34 PM
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नई दिल्ली। देश के आठ प्रमुख शहरों में आवास की मांग मजबूत बनी हुई है। अक्टूबर से दिसंबर की अवधि के दौरान इन शहरों में आवास बिक्री सालाना आधार पर 19 फीसदी बढ़कर 80,770 इकाई रही है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। पिछले वर्ष की समान तिमाही में 67,890 आवासीय इकाइयां बिकी थीं।

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आवास ब्रोकरेज कंपनी प्रॉपटाइगर डॉट कॉम ने अपनी ‘रियल स्टेट इनसाइट’ रिपोर्ट में बताया कि देश के आठ प्रमुख शहरों में इस साल अब तक आवास बिक्री 50 प्रतिशत बढ़कर 3,08,940 इकाई पर पहुंच गई। 2021 में 2,05,940 इकाइयां बिकीं थीं। हाउसिंग डॉट कॉम के समूह मुख्य वित्तीय अधिकारी विकास वधावन ने कहा कि आवास ऋण की ब्याज दरों में निरंतर वृद्धि के बावजूद ग्राहक ब्याज दरों को लेकर परेशान होने के बजाए कम दाम पर सौदा तय कर लेना चाहते हैं।

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आंकड़ों के मुताबिक, अहमदाबाद में आवास बिक्री पिछले वर्ष अक्टूबर-दिसंबर की 5,420 इकाई की तुलना में इस वर्ष 23 फीसदी बढ़कर 6,640 इकाई हो गई। पिछले वर्ष कुल 16,880 इकाई बिकीं थीं, जो 2022 में 62 फीसदी बढ़कर 27,310 इकाई हो गईं। बेंगलुरु में यह 30 फीसदी की गिरावट के साथ 6,560 इकाई रही, जो पिछले वर्ष अक्टूबर से दिसंबर के बीच 9,420 इकाई थी। हालांकि यहां सालाना आधार पर बिक्री 22 फीसदी बढ़कर 30,470 इकाई रही है जो 2021 में 24,980 इकाई थी। चेन्नई में समीक्षाधीन तिमाही में आवास बिक्री दो फीसदी गिरकर 3,160 इकाई रही जो पिछले वर्ष समान तिमाही में 3,210 इकाई थी। हालांकि पूरे साल में आवास बिक्री आठ प्रतिशत बढ़ी है और 2022 में 14,100 इकाई बिकी हैं जबकि 2021 में 13,050 इकाई बिकी थीं। दिल्ली-एनसीआर में भी अक्टूबर-दिसंबर 2022 में बिक्री तीन प्रतिशत कम होकर 4,280 इकाई रही। 2021 की समान तिमाही में यह 4,430 इकाई थी। यहां भी आवास बिक्री पिछले साल की 17,910 इकाइयों की तुलना में सात प्रतिशत बढ़कर 2022 में 19,240 इकाई रही। हैदराबाद में आवास बिक्री समीक्षाधीन तिमाही में दोगुना से अधिक बढ़कर 10,330 इकाई रही है जो पिछले वर्ष समान तिमाही में 4,280 इकाई थी। वहीं पिछले वर्ष कुल 22,240 इकाइयां यहां बिकी थीं जो 2022 में 59 फीसदी बढ़कर 35,370 इकाई हो गईं।

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कोलकाता में आवास बिक्री अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 18 फीसदी गिरकर 2,130 इकाई रही जो पिछले वर्ष समान तिमाही में 2,610 इकाई थी। हालांकि इस वर्ष यहां मांग आठ प्रतिशत बढ़कर 10,740 इकाई रही है जो 2021 में 9,900 इकाई थी।

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मुंबई महानगर क्षेत्र में आवास बिक्री समीक्षाधीन तिमाही में 40 प्रतिशत बढ़कर 31,370 इकाई रही, जो पिछले वर्ष समान तिमाही में 22,440 इकाई थी। वहीं 2022 में कुल बिक्री 87 फीसदी बढ़कर 1,09,680 इकाई रही है जो 2021 में 58,560 इकाई थी। समीक्षाधीन तिमाही में पुणे में आवास बिक्री एक प्रतिशत बढ़कर 16,300 इकाई रही, पिछले वर्ष यह 16,080 इकाई थी। यहां 2022 में कुल बिक्री 46 प्रतिशत बढ़कर 62,030 इकाई रही है, जो 2021 में 42,420 इकाई थी। प्रॉपटाइगर डॉट कॉम और हाउसिंग डॉट कॉम में शोध प्रमुख अंकिता सूद ने कहा कि आवासीय रियल्टी क्षेत्र के लिए 2022 बहुत सकारात्मक रहा है और यह तो अभी शुरुआत है।