Dussehra Special : रावण अभी जिंदा है....

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Vijayadashami 2023
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 12:00 AM
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सोनिया खन्ना Dussehra Special : नोएडा। हम खुश हो जाएं कि बुराई भस्म हो गई? मौजूदा दौर में हमारे आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सरोकार ऐसे हो गए हैं कि हमें रावणों को झेलना ही होगा। साल दर साल। इस हालात के लिए राजनीतिक और व्यक्तिगत सरोकार भी जिम्मेदार हैं। हमें सबसे अच्छे वही जनप्रतिनिधि और कारोबारी लगते हैं, जो कार्यक्रम में अपनी मौजूदगी दर्ज करा दें। इससे आयोजकों की शान बढ़ती है और राजनीतिज्ञों को वोटों का लाभ होने की उम्मीद बलवती होती है। कभी हमने सोचा कि हर साल हम बुराई को भस्म करते हैं, बावजूद इसके साल-दर-साल ‘रावण’ का कद क्यों बढ़ जाता है।

Dussehra Special

हर साल हम शारदीय नवरात्रि में रामलीला का मंचन देखते हैं। उसके बाद दशहरे का पर्व धूमधाम से मनाते हैं। दशहरा यानि 10 सिर वाले रावण के अंत का पर्व। इसका अर्थ है बुराई पर अच्छाई की जीत। हम हर साल गगनचुंबी रावण के पुतले का दहन कर यह मान लेते हैं कि अब बुराई और अन्याय का अंत हो गया। लेकिन, क्या हमने कभी अपने बीच पनपने वाले ‘रावण’ के अंत के बारे में सोचा है। शायद नहीं, क्योंकि हमने अपने भीतर छुपा रावण दिखता ही नहीं। शायद यही कारण है कि बुराई यानि दशानन के पुतले की ऊंचाई हर साल बढ़ती जा रही है।

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हम बात करने जा रहे हैं नोएडा शहर में विजयादशमी पर्व पर दहन किए जाने वाले रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों की ऊंचाई के बारे में। सेक्टर-12 के आदर्श प्राथमिक विद्यालय में बजरंग रामलीला संचालिका समिति की ओर से रामलीला का मंचन किया जाता है। दशहरे के दिन यहां रावण के पुतले का दहन होता है। समिति के अध्यक्ष शिवलाल सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष रावण के पुतले की ऊंचाई 40 फीट थी। जबकि इस वर्ष पुतले की ऊंचाई 70 फीट है। सेक्टर-62 के सी-ब्लॉक में श्रीराम मित्र मंडल नोएडा रामलीला समिति की ओर से आयोजित लीला में पिछले वर्ष रावण के पुतले की ऊंचाई 70 फीट, कुंभकरण की 65 और मेघनाद के पुतले की ऊंचाई 60 फीट थी। समिति के महासचिव मुन्ना कुमार शर्मा ने बताया कि इस वर्ष रावण का कद बड़ा हो गया है। उसकी ऊंचाई 90 फीट, कुंभकरण 85 और मेघनाद के पुतले की ऊंचाई 80 फीट है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष इन पुतलों को महंगाई, भ्रष्टाचार और महिला उत्पीड़न के प्रतीक के तौर पर भी दहन किया जाएगा। सेक्टर-46 के रामलीला ग्राउन्ड में आयोजित रामलीला के बाबत श्रीराम लखन धार्मिक लीला कमेटी के अध्यक्ष विपिन अग्रवाल ने बताया कि इस साल रावण के 65 फीट, कुंभकरण 60 और मेघनाद के 55 फीट ऊंचे पुतले का दहन किया जाएगा। दिलचस्प है कि इस साल सेक्टर-21ए स्थित रामलीला मैदान में श्री सनातन धर्म रामलीला समिति की ओर से आयोजित रामलीला में रावण का कद नहीं बढ़ा है। बीते वर्ष की तरह इस साल भी रावण के पुतले की ऊंचाई 70 फीट, कुंभकरण की 65 और और मेघनाद के पुतले की ऊंचाई 60 फीट है। समिति के महासचिव संजय बाली ने बताया कि नोएडा स्टेडियम स्थित रामलीला ग्राउन्ड में आयोजित रामलीला मंचन में अत्यधिक भीड़ होती है। परंपरा के मुताबिक पुतले के दहन के बाद भीड़ पुतले के अवशेषों को लूटने के लिए दौड़ लगाती है। इससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर इस वर्ष पुतले की ऊंचाई नहीं बढ़ाने का फैसला किया गया है।

Dussehra Special

हिन्दू धर्म के मानने वालों को परमात्मा पर विश्वास है कि सनातन धर्म की स्थापना से ही हम बुराई को जड़ से खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं। बुराई का जन्म भी पुरातन काल में ही हुआ है। आसान भाषा में कहें तो हर युग में बुराई ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। त्रेता हो या द्वापर। तब, उस बुराई को खत्म करने के लिए ईश्वर को खुद धरती पर आना पड़ा था। अब तो कलियुग है। इसमें भी बुराई की जड़ें बेहद गहरी हैं। कहा जाता है कि बुराई का कद चाहे जितना भी बड़ा हो, अच्छाई उस पर विजय पा ही लेती है। लेकिन, कलियुग में इंतजार है उस ईश्वर की, जो धरती पर अवतरित होकर बुराई का सर्वनाश करे।

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Srikant Tyagi Noida : श्रीकांत त्यागी को जमानत दिलाने में जुटा ‘नेताओं का गिरोह’

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Srikant Tyagi Noida
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Sep 2022 09:01 PM
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Srikant Tyagi Noida :  नोएडा/प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की औद्योगिक नगरी नोएडा के चर्चित श्रीकांत त्यागी प्रकरण के संबंध में ‘चेतना मंच’ को कुछ चौंकाने वाले तथ्य मिले हैं। जिन ‘नेताओं’ के आशीर्वाद से यह छुटभैया नेता श्रीकांत त्यागी रातो-रात ‘वीआईपी’ बना था, वे सब नेता अपनी पूरी ताकत लगाकर उसे जेल से बाहर निकालने में जुट गए हैं। ‘चेतना मंच’(Chetna Manch ) के हाथ कुछ ठोस सबूत लगे हैं, जिससे पता चलता है कि साम, दाम, दंड, भेद के जरिये श्रीकांत त्यागी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जमानत दिलाने की व्यापक मुहिम चलाई जा रही है।

Srikant Tyagi Noida :

पाठक जानते ही हैं कि श्रीकांत त्यागी एक संभ्रांत महिला को सरेआम बेइज्जत करके देशभर में ‘विलेन’ घोषित हो चुका है। इन दिनों वह गौतमबुद्ध नगर जिले के लुक्सर जेल में अपने गुनाहों की सजा भुगत रहा है। पूरा सभ्य समाज उसकी करतूत को अक्षम्य अपराध मानता है। घटियापन की हद तक जाकर महिला को सरेआम बेइज्जत करने वाले इस ‘विलेन’ की करतूतों के अनेक किस्से आपने पढ़े व सुने होंगे। जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा करना व करवाना, स्क्रैप माफिया को राजनीतिक संरक्षण प्रदान कराना, लोगों को डरा-धमका कर वसूली करना व समाज में  भय फैलाने जैसे अनेक अपराधों के मुकदमे इस विलेन के खिलाफ अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। यहां तक कि उसने बेहद चरित्रवान खानदान की बेटी अपनी पत्नी श्रीमती अनु त्यागी को भी ‘चीट’ किया था। पराई महिला के साथ रंगरेलियां मनाते हुए सरेआम लखनऊ के एक होटल में रंगे हाथों पकड़ लिया गया था। वह मामला भी अब तक लंबित है।

Srikant Tyagi Noida :

नोएडा के सेक्टर-93बी स्थित ग्रैंड ओमेक्स सोसायटी में महिला से की गई बदतमीजी के मामले में इस विलेन की जिला अदालत से जमानत हो गई है। नोएडा पुलिस ने उसके विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट भी लगा रखा है। पुलिस का स्पष्ट आरोप है कि यह व्यक्ति एक बड़ा गिरोह चलाता है। गिरोहबंद अपराधियों के विरुद्ध ही गैंगस्टर एक्ट लगाया जाता है।v(क्या होता है गैंगस्टर एक्ट, नीचे पढ़ें.) |

Srikant Tyagi Case : अभी जेल में ही रहेगा श्रीकांत त्यागी, गैंगस्टर कोर्ट ने खरिज की जमानत अर्जी

गैंगस्टर एक्ट में जमानत देने का अधिकार जिला न्यायालय को नहीं है। इस कारण केस की जमानत के लिए श्रीकांत त्यागी इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण में गया हुआ है। हाईकोर्ट में उसकी जमानत पर दो सुनवाई हो चुकी है। अगली सुनवाई 29 सितंबर 2022 को होनी है।

Srikant Tyagi Noida :

पता चला है कि 29 सितंबर को उसकी जमानत कराने के मकसद से उस ‘विलेन’ को संरक्षण देने वाले सभी ‘नेतागण’ एकजुट हो गए हैं। इन नेताओं में वे भी शामिल बताए जाते हैं, जिन्होंने श्रीकांत त्यागी की गाड़ी के लिए विधानसभा सचिवालय का पास उपलब्ध कराया था। साथ ही वे संरक्षक भी शामिल हैं, जो इस विलेन से स्क्रैप माफिया को संरक्षण देने की एवज में हर महीने ‘करोड़ों’ का माल अपनी जेब में डाला करते थे। अब यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि क्या ‘नेतागणों’ का यह गिरोह हाईकोर्ट में क्या गुल खिलाता है। क्या होता है गैंगस्टर एक्ट? इस एक्ट की धारा 2(बी) के अनुसार, गैंग का मतलब ऐसे लोगों के समूह से है, जो व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से असामाजिक गतिविधियों में लिप्त हैं और जान-बूझकर सार्वजनिक व्यवस्था में बाधा डालना चाहते हैं। इस एक्ट में जो बिना समूह इस तरह की गतिविधियों में शामिल रहता है, उसे गैंगस्टर कहा गया है। इस एक्ट में दोषी पाए जाने वाले गैंगस्टर को 10 साल तक की सजा और कम से कम 5000 रुपये के जुर्माने की सजा हो सकती है। इसके साथ ही हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर किसी अपराधी ने पहली बार भी अपराध किया है तो भी उस पर इसके तहत कार्रवाई की जा सकती है। ऐसा जरूरी नहीं है कि किसी पर पहले से मुकदमे दर्ज हो। गैंगस्टर एक्ट में यूपी सरकार को किसी के खिलाफ त्वरित सुनवाई के लिए विशेष अदालतें स्थापित करने की अनुमति मिलती है। यूपी गैंगस्टर एक्ट गैंगस्टरों की संपत्तियों को कुर्क करने की भी अनुमति देता है।