Noida: महिलाओं में 75 वर्ष बाद कैंसर का खतरा अधिक

Noida: महिलाओं में 75 वर्ष बाद कैंसर का खतरा अधिक
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calendar30 Nov 2025 09:58 PM
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Noida: नोएडा  । फेलिक्स अस्पताल(Felix Hospital ) ने जाग्रति फाउंडेशन के साथ मिल कर कैंसर अवेयरनेस का आयोजन किया। इसमें सर्वाइकल कैंसर, ब्रैस्ट कैंसर एवं गले का कैंसर से सम्बंधित जानकारी दी गयी। वहाँ पर एकत्रित कुछ़ कैंसर पीडि़त लोगों ने अपने एवं परिवारजनो के लिए कैंसर से सम्बंधित भ्रांतियों को दूर किया।   फेलिक्स अस्पताल के डॉ सौम्या अग्रवाल (गेस्ट्रोलॉजिस्ट) ने कहा कि देश में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो कैंसर को मात देकर सामान्य जीवन जी रहे हैं। जरूरत है तो रोग के प्रति जागरूक रहने और समय की पहचान करने की। जिससे जान बचाई जा सके। हाल ही में एक हुए एक सर्वे के अनुसार, महिलाओं में 75 वर्ष के बाद कैंसर होने का खतरा 94 फीसदी ज्यादा बढ़ जाता है। फेलिक्स अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ सोनालिका सिंह चौहान ने कहा महिलाओं में कई प्रकार के कैंसर पाये जाते है ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, गैस्ट्रिक कैंसर, मुँह का कैंसर आदि। यदि इन बिमारियों को समय पर इलाज न किया गया तो यह शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकती है। डॉ. सिखा रानी ने बताया कि सामान्यत:  हमारी कोशिकाओं का डीएनए प्राकृतिक रूप से नियंत्रित रहता है, लेकिन कभी-2  कैंसर जनित पदार्थों के प्रभाव, अनुवांशिकता या अज्ञात कारणों से ये अनियंत्रित होती है तो कैंसर कोशिकाओं में परिवर्तित हो जाती है। यह शरीर में गांठ, घाव, सूजन या रक्त कणिकाओं की है। असामान्य संख्या के रूप में परिलक्षित होती है। यदि समय पर इलाज न किया गया तो यह रोग मृत्यु का कारण बनता है। यदि कैंसर शुरुआती अवस्था में है तो सर्जरी द्वारा इसे निकाल दिया जाता है। सर्जरी के बाद कई मामलों में कीमोथेरेपी एवं रेडिएशन थेरेपी की भी जरूरत पड़ती है। रेडियोथैरेपी में हाई एनर्जी रेडिएशन को विशेष तरह की मशीनों से उत्पन्न करके कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है।
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Health: गुणों से भरपूर,अमृत तुल्य खजूर!

Health: गुणों से भरपूर,अमृत तुल्य खजूर!
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userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 10:09 PM
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विनय संकोची खजूर (Date)विश्व के सबसे पौष्टिक फलों में से एक है। यह ताजा और सूखा दोनों तरफ से फलों में गिना जाता है। पेड़ पर पके खजूर ज्यादा स्वादिष्ट होते हैं, लेकिन जल्दी खराब हो जाने की वजह से इन्हें धूप में सुखाया जाता है। ताजे खजूर के मुकाबले सूखे खजूर में रेशों की मात्रा अधिक होती है। अरब देशों में खजूर की व्यवस्थित रूप से खेती के प्रमाण ईसा से 3000 वर्ष पूर्व के हैं। विश्व भोजन एवं कृषि संस्थान के अनुसार विश्व में लगभग 9 करोड खजूर के वृक्ष हैं। खजूर के हर पेड़ का जीवन एक 100 सालों से अधिक होता है। छुहारा और खजूर एक ही पेड़ की देन हैं। इन दोनों की तासीर गर्म होती है और यह दोनों शरीर को स्वस्थ रखने, मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। गर्म तासीर होने के कारण सर्दियों में तो इनकी उपयोगिता और अधिक बढ़ जाती है। यद्यपि खजूर हर प्रकार से गुणकारक है, परंतु इसमें विरोधाभास भी पाया जाता है। शीतकाल में जो इसे खाते हैं, वे इसे गर्म मानते हैं। आयुर्वेद ग्रंथों में इसे शीतल गुण वाला माना गया है, इसलिए गर्म तासीर वालों को यह खूब उपयोगी व माफिक आता है। ठंडा आहार जिनके शरीर के अनुरूप नहीं होता, उन्हें खजूर नहीं खाना चाहिए। खजूर में पोषक तत्व काफी मात्रा में होते हैं। इसके सेवन से ग्लूकोज और फ्रुक्टोज के रूप में नैसर्गिक शक्कर हमारे शरीर को मिलती है। चार खजूरों में के लगभग 230 कैलोरी, 2 ग्राम प्रोटीन, 62 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 570 मिलीग्राम पोटैशियम और खाद्य रेशे होते हैं। इसमें कोलेस्ट्रॉल और वसा की मात्रा बिल्कुल नहीं होती है, जिसके कारण यह एक आदर्श फल माना जाता है। छुहारे में पाया जाने वाला मैग्नीशियम शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है, इससे मधुमेह का खतरा दूर होता है। मधुमेह के रोगी जिनके लिए मिठाई चीनी इत्यादि वर्जित है, सीमित मात्रा में खजूर का इस्तेमाल कर सकते हैं। कम रक्तचाप वाले रोगी 3-4 खजूर गर्म पानी में धोकर गुठली निकालकर, गाय के गर्म दूध के साथ उबाल लें। उबले हुए दूध को सुबह-शाम पीने से कुछ ही दिनों में कम रक्तचाप से छुटकारा मिल जाएगा। खजूर में शर्करा वसा व प्रोटीन विपुल मात्रा में पाए जाते हैं। इसके नियमित सेवन से मांस की वृध्दि होकर शरीर पुष्ट होता है। छुआरों में पोटेशियम होता है, जो कोलेस्ट्रोल को कम करता है। इससे हृदय संबंधी बीमारियां कम होती हैं। रात को खजूर भिगोकर सुबह दूध या शुद्ध घी के साथ खाने से मस्तिष्क व हृदय की वाहिकाओं को ताकत मिलती है। विशेषत: रक्त की कमी के कारण होने वाली हृदय की धड़कन में, एकाग्रता की कमी में यह प्रयोग लाभकारी है। खजूर रक्त को बढ़ाकर त्वचा में निखार लाता है। लकवा और सीने के दर्द की शिकायत को दूर करने में भी खजूर सहायता करता है। छुआरों में मौजूद फ्लोराइड दांतों को सड़ने से रोककर उन्हें मजबूत करता है। छुआरे में मिलने वाला विटामिन बी5 बाल झड़ने और दो मुंहे बालों की समस्याओं को दूर करता है। यह बालों को लंबा और घना बनाने में मदद करता है। नित्य दो छुहारे सुबह उठते ही चबा-चबाकर खाकर गुनगुना पानी पीने से फेफड़ों को ताकत मिलती है। यह उपाय दमा रोगी के लिए बहुत लाभदायक है। सुबह शाम 3 छुआरे खाकर बाद में गर्म पानी पीने से कब्ज की समस्या से छुटकारा मिलता है। खजूर का अचार भोजन के साथ खाया जाए तो अजीर्ण रोग नहीं होता तथा मुंह का स्वाद भी ठीक रहता है। छुहारे की गुठली को पानी के साथ पत्थर पर घिसकर उसका लेप घाव पर लगाने से घाव तुरंत भर जाता है। जुकाम से परेशान रहते हैं, तो एक गिलास दूध में 5 दाने खजूर के डालें, पांच दाने कालीमिर्च, एक दाना इलायची और इसे अच्छी तरह से उबालकर उसमें एक चम्मच घी डालकर रात को पीने से सर्दी-जुकाम बिल्कुल ठीक हो जाता है। भूख बढ़ाने के लिए छुआरे का गूदा निकालकर दूध में पकाएं। उसे थोड़ी देर पकने के बाद ठंडा करके पीस लें। यह दूध बहुत पौष्टिक होता है, इससे भूख बढ़ती है और खाना भी पच जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार 100 ग्राम से अधिक खजूर नहीं खाने चाहिए। इससे पाचन शक्ति खराब होने का डर रहता है। खजूर एक तरह से अमृत के समान है। यह आंखों की ज्योति व याददाश्त भी बढ़ाता है। विशेष : रोग विशेष के उपचार के लिए खजूर को औषधि के रूप में इस्तेमाल करने से पूर्व किसी योग्य आयुर्वेदाचार्य से सलाह कर लेनी चाहिए।
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Saharanpur : पिछले साल अस्पताल थे फुल, अब मरीज स्वस्थ

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Corona Virus
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calendar28 Nov 2025 11:31 PM
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Saharanpur : कोरोना की दूसरी लहर की तुलना में अब संक्रमण दर भले ही बढ़ी हो, मगर मृत्यु दर और अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में काफी कमी दर्ज की गई है। वर्तमान में जिले में 427 कोरोना मरीज एक्टिव हैं। अब तक करीब 20 मरीज राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुए हैं। जबकि दूसरी लहर में 60 से 70 फीसद मरीज सरकारी और निजी अस्पताल में भर्ती रहे थे।

जिले में कोरोना की तीसरी लहर ने दिसंबर 2021 में दस्तक दी थी। इसके बाद कोरोना के मरीज मिलने का सिलसिला एकाएक जारी है। शुरूआत में तो इक्का-दुक्का केस मिले, लेकिन जनवरी माह में कोरोना ने रोजाना 100 का आंकड़ा पार किया। राहत की बात यह है कि कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमित घर पर ही स्वस्थ हो रहे हैं। अब तक लगभग कोरोना के 20 मरीज ऐसे हैं, जिनको अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। जबकि चार हजार से अधिक मरीज घर पर सही हो गए हैं।

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लेकिन दूसरी लहर में हालात इतने बुरे थे कि काफी मरीजों को तो बेड भी नहीं मिले थे, जिसके कारण उन्हें जान भी गंवानी पड़ी थी। कई सारे मरीज जिले के बाहर दूसरे जिले और राज्यों के अस्पताल में भर्ती होकर उपचार कराया। इससे साफ जाहिर होता है कि अबकी बार संक्रमण दर से बढ़ा लेकिन टीकाकरण के कारण लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से कोरोना घातक नहीं हुआ। जिसके कारण इस बार अस्पताल में बेड खाली पड़े हैं।

जिला मलेरिया अधिकारी शिवांका गौड का कहना है कि कोरोना के तीसरी लहर में संक्रमित घर पर ही सही हो रहे हैं। चार हजार से अधिक कोरोना के केस मिले हैं, जिनमें करीब 20 संक्रमित ही राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुए हैं। बाकी मरीज घर पर स्वस्थ हो गए।

● 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग बूस्टर डोज लगवाएं

● थ्री लेयर मास्क पहनकर ही घर से बाहर जाएं।

● पानी खूब पीएं, बीमारी की दवाएं बंद न करें।

● भीड़ से बचें, अस्पतालों में बेवजह न जाएं।

● दाल, हरी सब्जी, मौसमी फल भरपूर खाएं।

● जिनको अभी टीका नहीं लगा है, वह टीकाकरण करवा लें।