ट्रंप का न्यूयॉर्क टाइम्स पर बड़ा वार, ठोका 15 अरब डॉलर का केस

ट्रंप का न्यूयॉर्क टाइम्स पर बड़ा वार, ठोका 15 अरब डॉलर का केस
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calendar16 Sep 2025 01:35 PM
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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रतिष्ठित माने जाने वाले अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स पर 15 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये) का मानहानि का मुकदमा दायर किया है। ट्रंप ने इस कदम की जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल के जरिए दी साथ ही अखबार को “देश के इतिहास का सबसे घटिया और बर्बाद” मीडिया संस्थान बताया। Donald Trump 

 ट्रंप का आरोप है कि न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट के जरिए उनके और कुख्यात सेक्स अपराधी जेफरी एप्सटीन के बीच गलत और भ्रामक संबंध स्थापित करने की कोशिश की है। ट्रंप ने पहले ही चेतावनी दी थी कि यदि उन्हें झूठे आरोपों में घसीटा गया तो वह कानूनी कार्रवाई करेंगे। अब उन्होंने फ्लोरिडा में मुकदमा दर्ज करने की पुष्टि की है।

 ट्रंप का हमला सिर्फ व्यक्तिगत नहीं

 ट्रंप ने अपने पोस्ट में न्यूयॉर्क टाइम्स पर वामपंथी एजेंडे को बढ़ावा देने और डेमोक्रेटिक पार्टी का प्रवक्ता बनने का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा, "मैंने न्यूयॉर्क टाइम्स पर 15 अरब डॉलर का मानहानि और अपमान का मुकदमा किया है। यह अमेरिका के इतिहास में सबसे पक्षपाती और पतित अखबारों में से एक बन चुका है। यह अखबार मेरे, मेरे परिवार, मेरे व्यापार और 'अमेरिका फर्स्ट' आंदोलन के खिलाफ लगातार झूठ और नफरत फैलाता रहा है।"

भारत के खिलाफ भी कर चुका है भ्रामक रिपोर्टिंग

 न्यूयॉर्क टाइम्स की भारत विरोधी रिपोर्टिंग का मुद्दा पहले भी उठता रहा है। अखबार ने कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय लोकतंत्र को लेकर तीखी और पक्षपाती टिप्पणियाँ की हैं। एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि “भारत में प्रेस की स्वतंत्रता पर मोदी सरकार ने अंतिम हमला बोल दिया है” जिसका शीर्षक था "Modi’s Final Assault on India’s Press Freedom Has Begun"

यह भी पढ़ें: कौन हैं ब्रेंडन लिंच, जिन पर 15 देशों की ट्रेड पॉलिसी का है जिम्मा?

न्यूयॉर्क टाइम्स की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं

 इस रिपोर्ट के बाद भारत सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई थी। तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने न्यूयॉर्क टाइम्स को ‘पूर्वाग्रह से ग्रसित’ बताते हुए उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे। इसके अलावा, कश्मीर मुद्दे पर भी न्यूयॉर्क टाइम्स ने समय-समय पर भारत की नीतियों के खिलाफ रिपोर्ट्स प्रकाशित की हैं जिन्हें भारत विरोधी बताया गया। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मुकदमे पर अब तक न्यूयॉर्क टाइम्स की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। Donald Trump 

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calendar30 Nov 2025 07:56 PM
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1. नशा मुक्ति की दिशा में बड़ा कदम: अमित शाह करेंगे ANTF सम्मेलन का शुभारंभ

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के एंटी-नार्कोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) प्रमुखों के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन करेंगे। गृह मंत्रालय के अनुसार इस दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा किया गया है।  International News

कई विभागों के प्रतिनिधि होंगे शामिल

इस अवसर पर शाह  NCB की वार्षिक रिपोर्ट 2024 जारी करेंगे और साथ ही ऑनलाइन ड्रग विनष्टिकरण अभियान की शुरुआत भी करेंगे। सम्मेलन में देश के 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के ANTF प्रमुखों के साथ विभिन्न केंद्रीय और राज्य स्तर के सरकारी विभागों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इस वर्ष सम्मेलन का थीम ‘संयुक्त संकल्प, साझा जिम्मेदारी’ रखा गया है, जिसका लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नशामुक्त भारत के विजन को मजबूत करना और इसके लिए ठोस रणनीति तैयार करना है।  International News

सम्मेलन के दौरान मादक पदार्थों की आपूर्ति, मांग और उनके दुष्प्रभावों को कम करने के उपायों पर चर्चा होगी। इसके साथ ही, कानून प्रवर्तन को और अधिक सशक्त बनाने, अवैध प्रयोगशालाओं की निगरानी, भगोड़ों की तलाश, विदेशी अपराधियों के प्रबंधन और डार्क वेब एवं क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से हो रही तस्करी पर नियंत्रण जैसी चुनौतियों पर भी गंभीर विचार विमर्श किया जाएगा।

कार्यक्रम में कुल छह तकनीकी सत्र आयोजित होंगे। इनमें एक सत्र ‘नशामुक्त भारत @ 2047’ पर केंद्रित होगा, जबकि एक अन्य सत्र एकीकृत जांच के तरीकों पर जोर देगा, जिसमें टॉप-टू-बॉटम और बॉटम-टू-टॉप दृष्टिकोण पर विशेष चर्चा होगी। उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने नशीले पदार्थों के खिलाफ ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाई है। 2021 में अमित शाह ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को समर्पित एंटी-नार्कोटिक्स टास्क फोर्स गठित करने का निर्देश दिया था। वहीं, अप्रैल 2023 में इन टास्क फोर्स प्रमुखों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन भी उन्होंने स्वयं किया था।

अमेरिका ने वेनेजुएला के ड्रग कार्टेल के खिलाफ अपने सैन्य अभियान को और सख्त कर दिया है। अमेरिकी सेना ने इस महीने दूसरी बार अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में एक नाव पर हमला किया, जिसमें तीन लोगों की मौत हुई। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका किसी भी हाल में वेनेजुएला से फेंटेनाइल की खेप को देश में पहुंचने नहीं देगा।  International News

2. वेनेजुएला ड्रग कार्टेल पर अमेरिका का सैन्य हमला, नाव पर 3 की मौत

अमेरिका ने वेनेजुएला स्थित ड्रग कार्टेल के खिलाफ अपने सैन्य अभियान को और तेज कर दिया है। अमेरिकी सेना ने इस महीने दूसरी बार एक नाव पर हमला किया, जिसमें तीन लोग मारे गए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वेनेजुएला से फेंटेनाइल की खेप अमेरिका में किसी भी हाल में नहीं पहुंचेगी।

ट्रंप का बयान और वीडियो जारी

सोशल मीडिया पर ट्रंप ने लिखा कि यह हमला उनके आदेश पर अमेरिकी दक्षिणी कमान (साउथकॉम) के क्षेत्र में हुआ। उन्होंने कहा कि नाव अमेरिका की ओर बढ़ रही थी और मारे गए लोगों की पहचान कर ली गई है। साथ ही, ट्रंप ने 27 सेकंड का वीडियो भी साझा किया, जिसमें स्पीडबोट पर हवाई निगरानी के क्लिप और एक भीषण विस्फोट दिखाया गया। पेंटागन ने हमले को “विशेष अभियान” बताया और इससे संबंधित अन्य जानकारी साझा नहीं की।  International News

मादुरो ने हमले की निंदा की

वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने 2 सितंबर के हमले की तीखी आलोचना की। उन्होंने इसे नागरिकों पर सैन्य कार्रवाई और जघन्य अपराध बताया। मादुरो का कहना है कि अगर नाव पर ड्रग तस्कर थे तो उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए था, हत्या करना न्यायसंगत नहीं।

कैरिबियन में सैन्य तैयारियां

अमेरिकी नौसेना के आठ युद्धपोत कैरिबियन में तैनात हैं। पेंटागन ने प्यूर्टो रिको में एमक्यू-9 रीपर ड्रोन और एफ-35 लड़ाकू विमानों की तैनाती का आदेश दिया है। रक्षा सचिव पीट हेगसेथ और ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल डैन केन ने पिछले हफ्ते प्यूर्टो रिको का अघोषित दौरा किया।  International News

कांग्रेस में विरोध

कांग्रेस के डेमोक्रेट्स ने ट्रंप के आदेश की आलोचना की। रोड आइलैंड के सीनेटर जैक रीड ने कहा, "राष्ट्रपति का यह कदम कानून का उल्लंघन और संविधान पर हमला है। कोई भी राष्ट्रपति गुप्त रूप से युद्ध नहीं छेड़ सकता और अनुचित हत्याएं नहीं कर सकता। यह अधिनायकवाद है, लोकतंत्र नहीं।"  International News

ट्रेन डे अरागुआ को आतंकवादी घोषित

अमेरिकी विदेश विभाग ने फरवरी में वेनेजुएला के ‘ट्रेन डे अरागुआ’ गिरोह को आतंकवादी संगठन घोषित किया था। राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे दुनिया के सबसे खतरनाक गिरोहों में से एक बताया और आरोप लगाया कि इसका नेतृत्व मादुरो स्वयं कर रहे हैं।

3 . बांग्लादेश: दुर्गा पूजा से पहले काली मंदिर पर हमला, मूर्तियां क्षतिग्रस्त

ढाका। बांग्लादेश में नवरात्रि और दुर्गा पूजा से पहले एक हिन्दू मंदिर पर हुए हमले ने अल्पसंख्यक समुदाय में डर और चिंता पैदा कर दी है। रविवार रात कुश्तिया के मीरपुर उप-जिला स्थित स्वरूपदाह पालपारा के श्री श्री रक्खा काली मंदिर में अज्ञात बदमाशों ने दो मूर्तियों को तोड़ दिया। हमलावरों ने घटना के बाद मंदिर के सुरक्षा कैमरे और मेमोरी कार्ड को भी अपने साथ ले गए।

स्थानीय पुलिस जांच में जुटी

द डेली स्टार अखबार की खबर के अनुसार, मीरपुर थाना प्रभारी मोमिनुल इस्लाम ने बताया कि हमला रविवार रात 8:00 बजे से 8:30 बजे के बीच हुआ। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है और किसी ने भी औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।  International News

मंदिर समिति में चिंता का माहौल

मंदिर समिति के पूर्व सचिव बादल कुमार डे ने कहा कि पिछले तीन वर्षों से यहां दुर्गा पूजा का आयोजन नियमित रूप से हो रहा है। दुर्गा पूजा से ठीक पहले हुई इस घटना ने सभी श्रद्धालुओं में भय पैदा कर दिया है। उन्होंने बताया कि बदमाशों ने मंदिर के सुरक्षा उपकरणों को भी क्षतिग्रस्त कर लिया।  International News

अधिकारियों का दौरा और सुरक्षा व्यवस्था

कुश्तिया के उपायुक्त अबू हसनत मोहम्मद अराफिन ने सोमवार को मंदिर का दौरा किया और कहा कि मामले की जांच के बाद उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि मंदिर में नए सुरक्षा कैमरे लगाए गए हैं और अंसार के सदस्य चौबीसों घंटे सुरक्षा में तैनात हैं। मंदिर समिति के सचिव श्रीभाष कुमार डे ने भी बताया कि उन्होंने इस घटना के संबंध में कुश्तिया के पुलिस अधीक्षक से चर्चा की है और जल्द ही सुरक्षा को और कड़ा किया जाएगा।  International News

4. गाजा में इजराइल पर नरसंहार का आरोप: संयुक्त राष्ट्र आयोग की रिपोर्ट में खुलासा

संयुक्त राष्ट्र की एक स्वतंत्र जांच ने पहली बार यह निष्कर्ष पेश किया है कि इजराइल ने गाजा में फिलिस्तीनी नागरिकों के खिलाफ नरसंहार किया है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के तहत गठित आयोग ने मंगलवार को 72 पृष्ठों की रिपोर्ट जारी की, जिसमें यह दावा किया गया कि सात अक्टूबर, 2023 से अब तक इजराइल ने चार बार ऐसे घातक हमले किए। यह वही दिन था जब हमास ने इजराइल पर हमला कर सैकड़ों नागरिकों को बंधक बनाया था।

जानबूझकर पहुँचाई गई  क्षति

रिपोर्ट में कहा गया है कि गाजा में फिलिस्तीनियों को जानबूझकर गंभीर शारीरिक और मानसिक क्षति पहुँचाई गई है और ऐसे हालात बनाए गए जो व्यापक भौतिक विनाश का कारण बने। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि सात अक्टूबर से अब तक लगभग 65,000 लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं। मंत्रालय ने कहा कि यह आंकड़े नागरिकों और हमास लड़ाकों का कोई अंतर नहीं करते।

इजराइली सरकार ने आयोग की रिपोर्ट को पूरी तरह खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय ने इसे “झूठी और विकृत” बताया और कहा कि गाजा में इजराइल की कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत आत्मरक्षा के दायरे में है। मंत्रालय ने आयोग के जांचकर्ताओं पर हमास के प्रतिनिधि होने का आरोप भी लगाया।  International News

क्रिस वैन होलेन और जेफ मर्कले ने लगाया बड़ा आरोप

इजराइल लंबे समय से इस आयोग पर पूर्वाग्रह का आरोप लगाता रहा है। अमेरिकी राजनीतिक समर्थन के बीच, हाल ही में अमेरिकी सीनेटर क्रिस वैन होलेन और जेफ मर्कले ने भी आरोप लगाया कि इजराइल की सरकार गाजा में फिलिस्तीनियों के “सफाये” की योजना में लगी है। इसी महीने इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ जेनोसाइड स्कॉलर्स ने भी इजराइल पर नरसंहार का आरोप दोहराया। जुलाई 2023 में दो प्रमुख इजराइली मानवाधिकार संगठनों ने भी यह दावा किया था। इसके अलावा, दिसंबर 2023 में दक्षिण अफ्रीका ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में इजराइल पर नरसंहार का अभूतपूर्व मामला दायर किया था।

रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब इजराइल ने गाजा शहर पर बमबारी के बाद जमीनी अभियान शुरू कर दिया है। आयोग की स्थापना 2021 में हुई थी और इसका नेतृत्व नवी पिल्लै कर रही हैं, जो संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के पूर्व उच्चायुक्त और अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रह चुकी हैं।  International News

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कौन हैं ब्रेंडन लिंच, जिन पर 15 देशों की ट्रेड पॉलिसी का है जिम्मा?

कौन हैं ब्रेंडन लिंच, जिन पर 15 देशों की ट्रेड पॉलिसी का है जिम्मा?
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calendar01 Dec 2025 02:16 AM
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भारत-अमेरिका ट्रेड डील एक बार फिर सुर्खियों में है। ट्रंप के 25% टैरिफ के झटके के बाद बातचीत थमी थी, लेकिन अब दिल्ली में पहुंचे ब्रेंडन लिंच इस ‘डील ऑफ द डिकेड’ को पटरी पर लाने की कोशिश करेंगे। आखिर कौन हैं ये सुपर वार्ताकार, जिनके कंधों पर 15 देशों की ट्रेड पॉलिसी का जिम्मा है?  सोमवार देर रात अमेरिका के स्टार वार्ताकार ब्रेंडन लिंच भारत पहुंच गए, और अब उनका मिशन साफ है — उलझे हुए मुद्दों की गांठ खोलना और दोनों देशों के बीच व्यापार को फिर से पटरी पर लाना।    Brendan Lynch

क्यों थमी थी बातचीत?

भारत और अमेरिका के बीच पांच दौर की ट्रेड चर्चाएं पूरी हो चुकी थीं, लेकिन छठे दौर से पहले ही अमेरिका ने रूस से तेल आयात को लेकर अचानक “टैरिफ का झटका” दे दिया। 25% का टैरिफ बढ़ाकर 50% कर दिया गया, और अगस्त के आखिर में प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA) जैसे ही ठंडे बस्ते में चला गया। अब पहली बार दोनों देश आमने-सामने बैठकर इस उलझी हुई डील को पटरी पर लाने की कोशिश करेंगे। भारत की ओर से विशेष सचिव (वाणिज्य) राजेश अग्रवाल ने साफ कर दिया है कि बैठक में सिर्फ व्यापारिक मसलों पर ध्यान जाएगा और भू-राजनीति की बातें इससे बाहर रहेंगी।

कौन हैं ब्रेंडन लिंच?

भारत-अमेरिका ट्रेड डील को पटरी पर लाने और उलझे हुए मुद्दों को सुलझाने के लिए अमेरिका के स्टार वार्ताकार ब्रेंडन लिंच सोमवार देर रात दिल्ली पहुंचे। बैठक के दौरान वे पूरी अमेरिकी टीम का नेतृत्व करेंगे। लिंच की पढ़ाई बोस्टन कॉलेज से हुई और इसके बाद उन्होंने जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से MBA की डिग्री हासिल की। आर्थिक मामलों में उनकी पकड़ इतनी मजबूत है कि उन्हें क्षेत्रीय ट्रेड नीतियों के विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता है। 2013 में ब्रेंडन लिंच अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय (USTR) के कृषि विभाग से जुड़े और तब से उन्होंने न केवल साउथ और मिडिल एशिया, बल्कि इजराइल, मैक्सिको, कनाडा और रूस के साथ कई अहम समझौतों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आज वे अमेरिका के सहायक व्यापार प्रतिनिधि हैं और उनके कंधों पर 15 देशों के लिए यूएस ट्रेड पॉलिसी की निगरानी का भारी जिम्मा है। इसके अलावा, वे भारत-अमेरिका ट्रेड पॉलिसी फोरम के संचालन के लिए भी जिम्मेदार हैं। संक्षेप में कहें तो, ब्रेंडन लिंच उस “सुपर वार्ताकार” की भूमिका निभा रहे हैं, जो जटिल आर्थिक गांठों को हल कर दोनों देशों के बीच व्यापार को फिर से रफ्तार दे सकते हैं।

  • उन्होंने बोस्टन कॉलेज से स्नातक और जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से MBA किया।

  • 2013 में वे अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के कृषि विभाग से जुड़े।

  • यहां उन्होंने साउथ और मिडिल एशिया के साथ-साथ इज़राइल, मैक्सिको, कनाडा और रूस के साथ समझौतों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

  • आर्थिक मामलों और विशेष रूप से कृषि व्यापार में उनकी विशेषज्ञता को अमेरिकी प्रशासन में खास महत्व दिया जाता है।

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ट्रंप का बदलता रुख

इस बैठक से उम्मीदें इसलिए भी बढ़ी हैं क्योंकि हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पीएम मोदी को अपना “बहुत अच्छा दोस्त” बताते हुए साफ संकेत दिया कि वह ट्रेड डील को आगे बढ़ाना चाहते हैं। मोदी ने भी इस दोस्ताना संदेश का तुरंत सकारात्मक जवाब दिया। टैरिफ के इस झगड़े का असर भारत-अमेरिका व्यापार पर भी साफ देखा गया—जहां जुलाई 2025 में भारत का निर्यात 8.01 अरब डॉलर था, वहीं अगस्त में यह घटकर 6.86 अरब डॉलर रह गया। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल का कहना है कि मंगलवार की यह बैठक दोनों देशों की सकारात्मक सोच और व्यापारिक रिश्तों को फिर से जीवंत करने की कोशिश का प्रतीक है।    Brendan Lynch